कम्यूनिज्म का नया अवतार केजरीवाल - हरिहर शर्मा



विश्व में कम्यूनिज्म का इतिहास खून से सना है ! १९२४ से १९५३ तक सोवियत संघ में जोसेफ स्टालिन के दमनकारी कम्यूनिस्ट शासन में २० लाख लोग मार डाले गए, जिनमें से बहुत बड़ी संख्या में कम्युनिस्ट पार्टी के ही सदस्य थे | 

माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीन की तथाकथित ग्रेट प्रोलेटोरियन कल्चरल रिवोल्यूशन अर्थात सांस्कृतिक क्रान्ति में २० लाख लोग अस्वाभाविक कारणों से तथा इतने ही राजनैतिक कट्टरता, बुद्धिजीवियों को वामपंथ के प्रति बलात प्रतिबद्ध बनाने तथा ख़राब सामाजिक व आर्थिक अव्यवस्था के कारण उत्पन्न मानव जनित अकाल में काल कवलित हुए | इतना ही नहीं तो ४० लाख से अधिक लोगों को पूछताछ के नाम पर वंदी जीवन गुजारने को विवश होना पड़ा | 

कम्बोडिया के कम्यूनिस्ट शासन का वृत्तांत सबसे भीषण विभीषिका से भरा हुआ है | १९७५ से १९८० के बीच पॉल पोट के खोर रूज शासन में ८० लाख की कुल आवादी बाले इस छोटे से देश की चोथाई जनसंख्या मौत के घाट उतार दी गई | पूरा देश एक वध क्षेत्र में बदल गया | 

भारत में भी कम्यूनिस्टों ने इसी रणनीति के तहत काम शुरू किया ! 1947 में पाकिस्तान निर्माण को समर्थन, 62 के भारत चीन युद्ध के दौरान चीन के प्रति सहानुभूति, और उसके बाद हिंसक नक्सलवादी आन्दोलन इसी की कड़ी थे ! रेड कोरिडोर के नाम से भारत के पिछड़े भू भाग को अपनी चपेट में लेने बाले नक्सलवाद ने मुख्यतः बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उडीसा, महाराष्ट्र, आँध्रप्रदेश को अपनी चपेट में लिया है | नेपाल के माओवादी और भारत के नक्सलवादी समूहों के बीच वैचारिक निकटता के कारण यह भू भाग पशुपति से तिरुपति तक फैला है | इनकी वैचारिक प्रेरणा का स्त्रोत है - चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का संस्थापक तथा चीनी क्रान्ति का नायक माओत्से तुंग | 

वर्ष १९६७ में पश्चिम बंगाल के नक्सलवाडी गाँव से प्रारम्भ यह आन्दोलन निर्वाचित सरकार की प्रभुसत्ता को नहीं मानते | अपने नियंत्रण क्षेत्र में समानांतर शासन प्रणाली चलाते हुए "जन अदालत" के नाम पर मनमाने ढंग से एकतरफा और क्रूर दंड देते हैं | नक्सलवाडी हिंसा में मारे गए आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की संख्या हजारों तक पहुँच गई है | २००४ में पूर्व भाजपा अध्यक्ष बैंकैया नायडू का हेलीकाप्टर भी इन लोगों ने उड़ा दिया था | श्री नायडू बाल बाल बचे थे | २००७ में पूर्व मुख्य मंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र की भी नृशंश हत्या वाम पंथी उग्रवादियों के द्वारा हुई | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं की निर्मम हत्याएं इनके जघन्य मानसिकता की परिचायक हैं ! 

नक्सलवादियों का अंतिम लक्ष्य भारत में लोक तंत्र को उखाड़ फेंकना है तथा इसके स्थान पर निरंकुश कम्यूनिस्ट व्यवस्था कायम करना है | किन्तु धीरे धीरे कम्यूनिस्टों की समझ में आने लगा कि हमारे देश की जनता कभी एसे क्रूरता पूर्ण कृत्य की अनुमति नहीं देगी और उनके मंसूबे आसानी से कामयाब नहीं होंगे | तो उन्होंने पेंतरा बदला ! 

कम्यूनिस्टों का मानना है कि अराजकता में से ही उनको फैलने का अवसर मिलता है, अतः एक नया समूह गठित किया गया जो एनजीओ के माध्यम से देश की व्यवस्था को योजनाबद्ध छिन्न भिन्न करे ! मानवतावाद के नाम पर राष्ट्रवाद को दरकिनार करे ! खुलकर कम्यूनिज्म की बात न करते हुए, प्रच्छन्न रूप से विचारधारा का प्रसार किया जाए, इसकी योजना बनाई गई ! और देखते ही देखते जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से निकली नई कंटीली पौध ने भारत की बगिया के सुवासित सुगन्धित वातावरण को विषाक्त करना प्रारम्भ कर दिया !

अगर इस दृष्टिकोण से श्री अरविन्द केजरीवाल के कार्य व्यवहार का आंकलन किया जाए तो सब कुछ साफ़ दिखाई देने लगता है ! वे स्वयं को घोषित रूप से अराजकतावादी स्वीकार करते है ! गोयबल्स के आदर्श घोष वाक्य - बार बार झूठ बोलकर उसे सत्य का आभाष देने में वे महारथी हैं ! सब मिले हुए हैं जी - सब बेईमान हैं जी - और दिल्ली की जनता के पैसे से पूरे देश में खुद का ढिंढोरा पीटना ईमानदारी है जी - नशेड़ियों की दम पर पंजाब को नशामुक्त करना है जी - हर काम जनता से पूछकर होगा, लेकिन कोई भी सवाल उठाएगा तो उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा जी !

जितना भी उनके क्रिया कलापों पर गौर करेंगे, विरोधाभाष ही विरोधाभाष दिखाई देगा ! और यही तो खूबी है, कम्यूनिज्म के बौद्धिक आतंकियों की !

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें