दो फेसबुकिया समाचार - ऊना दलित पिटाई काण्ड और पाकिस्तान के सिपहसालार पत्रकार !

दो जागरुक और प्रबुद्ध मित्रों की फेसबुक वाल पर  प्रसारित दो समाचारों ने ध्यान आकृष्ट किया ! प्रकरण इतना गंभीर प्रतीत हुआ कि वेवसाईट के जरिये जमाने को बताने और भविष्य के लिए संजोने से स्वयं को नहीं रोक पाया, ताकि सनद रहे और वक्त पर काम आये !

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Himanshu Sharma

गुजरात के ऊना में दलितों की पिटाई के मामले में साजिश की परतें खुलती जा रही हैं। ताजा जानकारी यह है कि पहली बार दलित परिवार ने खुलकर आरोप लगाया है कि गांव के सरपंच प्रफुल कोराट ने ही उनकी पिटाई करवाई थी। यह सरपंच लोकल कांग्रेस विधायक का करीबी है। गिरफ्तारी के डर से सरपंच फरार हो गया है। मामले की जांच कर रही गुजरात सीआईडी ने सरपंच के मोबाइल फोन की कॉल रिकॉर्ड्स की जांच करवानी शुरू की है। इससे साजिश का सुराग कांग्रेस की तरफ मुड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक सरपंच इस मामले से पहलेलगातार कांग्रेस के कुछ लोगों के संपर्क में था। यह बात भी सामने आई है कि यह हमला अचानक नहीं, बल्कि सोची समझी साजिश के तहत किया गया। इस बारे में न्यूज़लूज़ पर हमने 25 जुलाई को ही खबर दे दी थी।

ऊना में दलितों की पिटाई के पीछे कांग्रेस की साजिश

सरपंच के मोबाइल से ही बना था वीडियो

जांच में यह बात भी सामने आई है कि मारपीट का जो वीडियो वायरल हुआ वो सरपंच प्रफुल कोराट के मोबाइल फोन से ही बनाया गया था। इसे फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेज दिया गया है। वीडियो को उसने व्हाट्सएप के जरिए सर्कुलेट किया ताकि इसे लेकर हंगामा खड़ा हो जाए और उसका नाम भी न आए। सीआईडी के सूत्रों के मुताबिक खुद प्रफुल्ल कोराट भी मारपीट वाली जगह पर मौजूद था। सरपंच के मोबाइल फोन रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है कि और कितने लोग इस मामले में शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि सरपंच की इलाके के कई छोटे-बड़े कांग्रेसी नेताओं से बातचीत होती थी।

पीटने वाले गोरक्षा समिति के लोग नहीं!

जांच में यह बात भी साफ हो चुकी है कि वीडियो में जो लोग मारपीट करते दिख रहे हैं उनका गोरक्षा समितियों से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस से पूछताछ में भी उन्होंने यह बात कबूली है कि इससे पहले उन्होंने गायों की रक्षा से जुड़े किसी काम में हिस्सा नहीं लिया था। ज्यादातर छोटे-मोटे लोकल बेरोजगार लड़के हैं। एक आरोपी की कांग्रेस के लोकल विधायक के पास आने-जाे की भी बात सामने आई है। फिलहाल सीआईडी इन सारी बातों के सबूत इकट्ठा कर रही है और बहुत जल्द दलित अत्याचार के नाम पर देश भर में उठाए गए इस विवाद का सच सामने आ जाने की उम्मीद है।

क्या थी दलितों पर हमले की सही वजह

खुद पीड़ित परिवार का आरोप है कि सरपंच की नजर उनके इस्तेमाल में आ रही एक जमीन पर थी। इसे खाली कराने के लिए उसने बालू सरवैया को कई बार धमकियां दी थीं। सरपंच को इस परिवार के गायों का चमड़ा निकालने के कारोबार पर भी ऐतराज था। इसके लिए उसने कहा था कि अगर तुमने यह काम बंद नहीं किया तो एक दिन मैं तुम्हारी मरी गाय को जिंदा कर दूंगा। 

(एक महत्वपूर्ण प्रसंग भी पाठकों को ध्यान दिलाना चाहूंगा कि एक महिला उन पीड़ितों की हमदर्द बनकर अस्पताल में प्लांट हुई और राहुल गांधी की यात्रा के समय उन लोगों की माँ बनकर मिली ! उसके राहुल जी से गले मिलते और पीड़ितों की व्यथा नमक मिर्च मिलाकर बताते फोटो भी खूब प्रचारित हुए ! जैसे ही राहुल गांधी वापस हुए, वह महिला भी गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गई ! - सम्पादक)

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Satish Chandra Mishra 

आधी से ज्यादा दुनिया में नंगा और बेनकाब हो रहे पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के कुछ प्रेस्टिट्यूट्स को शायद इस उद्देश्य की सुपारी दे दी है कि... अरनब के खिलाफ जहर फैलाकर उसकी आवाज़ की हत्या कर दो.

पिछले लगभग एक महीने से टाइम्स नाऊ चैनल पर कश्मीर के पत्थरबाज देशद्रोही गुंडों उनके पाकिस्तानी बापों और देश की आस्तीन में जहरीले साँपों की तरह पल रहे उनके हिंदुस्तानी हमदर्दों को देश और दुनिया के सामने अपने अकाट्य साक्ष्यों, तथ्यों और तर्कों के साथ अरनब गोस्वामी बुरी तरह नँगा और बेनकाब कर रहा है.

इसमें किसी भी भारतीय को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी. हुई भी नहीं. लेकिन पिछले 69 वर्षों में जो नहीं हुआ वो अब हो रहा है. अरनब गोस्वामी के खिलाफ खुद को सेक्युलर कहने वाले पत्रकारों ने पाकिस्तान परस्त ज़िहाद छेड़ दिया है.

कारगिल में पाकिस्तानी सेना को इशारा करके उसके हाथों 3 भारतीय सैनिकों की हत्या करवाने के खुद पर लगे देशघाती संगीन आरोपों के कारण, 2G घोटाले की मास्टरमाइंड नीरा राडिया के लिए मुखबिर और सन्देशवाहक का काम करने के लिए देश दुनिया में कुख्यात हुई NDTV वाली बरखा दत्त अरनब को पत्रकारिता पर कलंक घोषित कर रही है.

अपने भाई को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़वा चुका तथा "हिंदुस्तान यदि इस्लामी मुल्क बन जाए तो कोई नुकसान नहीं" सरीखे पाकिस्तान प्रायोजित बयान दे चुका NDTV वाला रविशकुमार कह रहा है कि अरनब देशप्रेम का ठेकेदार नहीं है.

कुछ महीनों पहले ही एक दारू पार्टी में अपनी शराबखोरी और औरतबाजी के कुकर्म के लिए दिल्ली में सरेआम जुतियाया गया ओम थानवी भी अरनब को पाकिस्तान और काश्मीर पर गैर जिम्मेदार पत्रकारिता करनेवाला पत्रकारिता का हत्यारा घोषित कर रहा है.

बिहार के कुख्यात लौंडा डांस के डांसरों की तरह होठों पर लिपस्टिक, आँखों में सुरमा और सिर पर चमेली का तेल लगाकर बालों का गुफ्फा बनाने वाला "आजतक" का राहुल कँवल भी अरनब के खिलाफ अपने नितम्ब पटक रहा है.

मित्रों हद तो यह है कि, अरनब ने अपने कार्यक्रम में इनमे से किसी का भी नाम तक कभी नहीं लिया है, उसके निशाने पर पाकिस्तान, कश्मीर के पत्थरबाज देशद्रोही गुंडे और उनके समर्थक ही रहे हैं. लेकिन तिलमिला यह पत्रकार गिरोह रहा है.

दरअसल टाइम्स नाऊ दुनिया के 72 देशों (विश्व की लगभग 65% जनसँख्या) में प्रमुखता से देखा जाता है. 

अरनब के जरिये आधी से ज्यादा दुनिया में नंगा और बेनकाब हो रहे पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के कुछ प्रेस्टिट्यूट्स को शायद इस उद्देश्य की सुपारी दे दी है कि... अरनब के खिलाफ जहर फैलाकर उसकी आवाज़ की हत्या कर दो.

पाकिस्तान की इस साज़िश और उस साज़िश को हिंदुस्तान में अंजाम दे रहे प्रेस्टिट्यूट्स गुर्गों की देशद्रोही चाल चरित्र और चेहरे से हर देशवासी को परिचित कराना हमारा आपका कर्तव्य है. 

अगर उपरोक्त दोनों समाचारों में लेशमात्र भी सचाई है, तो यह देश, समाज और मानवता के लिए गंभीर खतरा है ! सरकार को चाहिए कि वह इन समाचारों की सत्यता की जांच करे !

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