अब सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर आये एनडीटीव्ही के प्रणय रॉय और बरखा दत्त सहित सभी प्रमुख कर्ताधर्ता !


भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज फिर राजनैतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है ! इस बार उनके निशाने पर एनडीटीव्ही और उससे जुड़े पत्रकार हैं ! उन्होंने नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) की जाँच सीबीआई से कराने तथा अवैध काले धन संबंधी आरोपों की जांच केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है । 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में स्वामी ने मांग की है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को एनडीटीवी नेटवर्क पीएलसी (NNPLC) प्रमुख प्रणय रॉय और पत्नी राधिका रॉय, बरखा दत्त, विक्रम चंद्रा और सोनिया सिंह सहित सभी शेयरधारकों से पूछताछ करना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कुछ करीबी लोग एनडीटीवी के मुख्य व्यक्तियों को बचाने और टीवी चैनल को बच निकलने का रास्ता प्रदान करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि रघुराम राजन के अधीन रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) के सम्मुख समझौता प्रस्ताव विचार के अंतिम चरण में है, तथा नाम मात्र का भुगतान लेकर एनडीटीवी को बचाने की कोशिश की जा रही है ।

प्रधानमंत्री को लिखे अपने तीन पेज के पत्र को स्वामी ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुखों को भी अग्रेषित किया है ! पत्र में कहा गया है कि सीबीआई को एयरसेल-मैक्सिस मामले में एनडीटीवी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले से ही पाया है कि मैक्सिस सब्सिडरी एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क के माध्यम से 50 लाख डॉलर एनडीटीवी को भेजा गया है। इस कंपनी पर पहले से ही सन टीवी के साथ आर्थिक अनियमितता के चलते प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया गया है। स्वामी ने कहा कि सीबीआई द्वारा पूरी तरह से प्रवर्तन निदेशालय के निष्कर्षों को नजरअंदाज कर दिया गया है, जबकि उसे एयरसेल-मैक्सिस घोटाले की अवधि के दौरान हुए लेनदेन के मामले की जांच करनी चाहिए। 

स्वामी ने यह भी मांग की है कि प्रवर्तन निदेशालय को चाहिए कि वह Rs.2030 करोड़ (304 मिलियन $) और Rs.640 करोड़ रुपए (96 लाख $) की वंचना के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत आरोपित करे। उन्होंने कहा कि फेमा के आरोप लगाने से तो महज जुर्माना होगा, जबकि अवैध काले धन के असली गुनाहगार तो एनडीटीवी के ब्रिटेन में पंजीकृत कंपनी एनडीटीवी नेटवर्क पीएलसी (NNPLC) के लोग हैं। भाजपा नेता ने कहा कि प्रणय रॉय, राधिका रॉय, बरखा दत्त और विक्रम चंद्रा ब्रिटेन स्थित कंपनी के प्रमुख शेयरधारक हैं, उन पर पीएमएलए के अंतर्गत आरोप पत्र दाखिल होना चाहिए, जिसमें तीन से सात साल तक की सज़ा का प्रावधान है । उन्होंने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को भी मार्च 2008 में Rs.640 करोड़ रुपए (96 लाख $) बरमूडा के माध्यम से अवैध धन पर आयकर निष्कर्षों के आधार पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करना चाहिए ! उन्होंने आग्रह किया है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय एनडीटीवी के सभी हाई प्रोफ़ाइल ऑपरेटरों को पूछताछ के लिए बुलाये, जो आपराधिक जांच को दबाने के लिए पत्रकारिता के नाम पर राजनीतिक संरक्षण हासिल करने का प्रयत्न कर रहे हैं ।

एनडीटीवी के खिलाफ स्वामी की यह मुहिम चैनल और उसके कर्ताधर्ताओं के लिए एक बुरे दिनों की शुरूआत हो सकती है । सूत्रों के अनुसार यदि सरकार ने उनके पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की तो स्वामी इस मामले को कोर्ट में भी ले जा सकते हैं ।

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