रायसेन - फिनायल का व्यवसायिक उत्पादन कर रही हैं गांव की महिलाएं

रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं छोटे-छोटे व्यवसाय स्थापित कर न केवल अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता और स्वावलम्बन की दिशा में भी आगे बढ़ रही हैं। जिले की अनेक महिलाओं ने कृषि, दुग्ध उत्पादन, अगरबत्ती निर्माण, पोल्ट्री, किराना व्यवसाय के साथ कई क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई है। कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्व-सहायता समूह बनाकर उन्हें विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। 

औबेदुल्लागंज विकासखण्ड के ग्राम नयापुरा सोडरपुर की ऐसी ही कुछ महिलाओं ने मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से फिनायल बनाने का कार्य आरंभ किया है। उनके द्वारा बनाए गए फिनायल की आसपास के हाट बाजार में अच्छी बिक्री भी हो रही है। एसआरएलएम के जिला परियोजना प्रबंधक श्री एसडी खरे ने बताया कि वर्तमान में इन महिलाओं द्वारा आसपास के बाजारों में खपत को ध्यान में रखते हुए फिनायल बनाया जा रहा है। जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ेगी, उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा। इन महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे फिनायल का उत्पादन बढ़ाने और जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों के अलावा अन्य बाजार भी फिनायल विक्रय के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया जा रहा है। 

ग्राम स्तर पर इन महिलाओं के कुल चार स्व-सहायता समूह का गठन किया गया है, जिनमें से प्रत्येक स्व-सहायता समूह में से 3-3 महिलाओं को गायत्री शक्तिपीठ इमलिया गोंडी औबेदुल्लागंज द्वारा फिनायल बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। महिलाओं द्वारा एक ग्राम स्तर का ‘अमन आजीविका महिला ग्राम संगठन नयापुरा सोडरपुर’ नामक संगठन बनाया गया है। इस संगठन में श्रीमती प्रियंका धुर्वे, श्रीमती ममता, श्रीमती सुनीता, श्रीमती मीना शर्मा तथा श्रीमती कौशल्या बाई सहित गांव की अनेक महिलाएं सदस्य हैं।

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