आईये जानते हैं कश्मीर को और कश्मीरियत को भी - श्री सुशील पंडित


यूं तो श्री सुशील पंडित की ख्याति कश्मीरी पंडितों के नेता के रूप में है, किन्तु एक ख़ास बात कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने जेएनयू से चीनी भाषा की मास्टर डिग्री प्राप्त की ! आईआईटी मद्रास के छात्रों द्वारा निर्मित वन्देमातरम ग्रुप के एक आयोजन में 29 सितम्बर 2016 को उन्होंने कश्मीर के उस इतिहास पर प्रकाश डाला, जो आज भी अधिकाँश भारतीयों के लिए अनजाना है ! कश्मीरियत की बात करने वाले तथाकथित धर्मनिरपेक्ष जमात तो जानती ही नहीं है कि आखिर यह कश्मीरियत है क्या बला ? तो आईये जानते हैं कश्मीर को और कश्मीरियत को भी !

जब पंजाब पंजाब नहीं था, बंगाल बंगाल नहीं था, महाराष्ट्र महाराष्ट्र नहीं था, आंध्र, कर्नाटक, केरल भी नहीं थे, तब भी कश्मीर कश्मीर था ! 5093 वर्ष पूर्व कश्मीरियों ने अपना पंचांग बनाया, जिसे कश्मीरी जंत्री कहते हैं ! देश के बाकी हिस्सों में जैसे विक्रमी संवत, शक संवत प्रचलन में हैं, कश्मीर में इसे सप्तर्षि संवत कहा जाता है ! नीलमठ पुराण में अर्जुन के पडपोते अभिमन्यु के पोते, राजा परीक्षित के बेटे राजा जन्मेजय और ऋषि वैशम्पायन (महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास) का संवाद है !

राजा ऋषि से पूछता है कि महाभारत के युद्ध में अनेक देशों की सेनायें आईं, किन्तु कश्मीर की सेना क्यों नहीं आई ? 

ऋषि वैशम्पायन ने उत्तर दिया कि उस समय कश्मीर के राजा नावालिग़ थे, इसलिए कौरव और पांडवों दोनों ने ही तय किया कि उन्हें न बुलाया जाए ! 

यह उस समय की युद्ध नीति थी कि नावालिग़ को युद्ध में शामिल नहीं किया जाए, क्योंकि वे भली प्रकार समझते नहीं हैं ! उनसे पक्ष चयन में त्रुटि हो सकती है ! उस नावालिग़ राजा की भी एक रोचक गाथा है ! जब कृष्ण ने कंस का संहार किया, तब उसके संबंधी राजा जरासंध ने कश्मीर के राजा गौनंद को कृष्ण से बदला लेने भेजा ! गौनंद ने जाकर कृष्ण को द्वन्दयुद्ध के लिए ललकारा ! कृष्ण के स्थान पर उनके बडेभाई बलराम उससे लडे व उसको मार दिया ! गौनंद के कोई संतान न होने से उसका भाई दामोदर राजा बना !

बाद में कृष्ण ने गांधार जाकर सत्यभामा से विवाह किया ! उन दिनों गांधार और कश्मीर एक ही जनपद में थे ! वापस आते समय कश्मीर के राजा दामोदर ने कृष्ण से अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए उन्हें युद्ध के लिए ललकारा और कृष्ण के हाथों मारा गया ! उसके बाद कृष्ण ने गौनंद की गर्भवती पत्नी यशोमती को राज्य सोंपा और वह इतिहास की प्रथम महिला शासिका बनी ! बाद में उसके पुत्र गौनंद द्वितीय ने राजपाट संभाला !

जिस प्रकार काशी सदियों तक शिक्षा और संस्कृति की पाठशाला के रूप में जाना गया, उसी प्रकार कश्मीर भी ज्ञान का केंद्र बिंदु रहा ! इसे शारदा प्रदेश के नाम से जाना जाता था ! विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की प्रार्थना में कहा गया है कि –

नमस्ते मां शारदे, काश्मीरपुरवासिनी !

उन्ही के नाम पर यहाँ शारदा पीठ भी है ! वही शारदा पीठ, जहाँ आदि शंकर गए और शंकराचार्य बने ! संस्कृत के अनेक ग्रंथों की रचना कश्मीर में हुई ! अनेक आचार्य और संस्कृत विद्वान वहां हुए ! पांचवा वेद माना जाने वाला भरत मुनि का नाट्यशास्त्र और अभिनव गुप्त रचित अभिनव भारती का भी संस्कृत वांगमय में विशिष्ट स्थान है ! अभिनव भारती को पढ़े बिना भरत मुनि के नाट्य शास्त्र को नहीं समझा जा सकता ! अभिनव गुप्त कश्मीर के प्रमुख शैव आचार्य थे, उन्होंने अभिनव गीता की भी रचना की ! दुनिया के 80 विश्वविद्यालयों में अभिनव गुप्त को पढाया जाता है, इनमें से एक भी भारतीय यूनिवर्सिटी नहीं है !

भारतीय संगीत के पिता कहे जाने वाले सारंगदेव कश्मीर के ही थे ! वे स्वयं का परिचय श्रीमदकाश्मीर संभवं कहकर देते थे ! केवल कश्मीर नहीं श्रीमद कश्मीर ! यह कश्मीर ही था जहां महायान बुद्धिज्म पल्लवित पुष्पित हुआ ! यहाँ से ही वह चाइना और जापान गया ! जिस प्रकार विक्रमादित्य और अशोक महान सम्राट हुए, उसी प्रकार सातवीं आठवीं शताब्दी में कश्मीर के सम्राट ललितादित्य भी थे ! काबेरी से कामरूप आसाम तक उनका शासन फैला था ! कन्नौज के राजा भी उन्हें कर प्रदान करते थे ! यह वह समय था जब इस्लाम एशिया में तेजी से फ़ैल रहा था ! हमारी इतिहास की पुस्तकों ने इस महत्वपूर्ण प्रसंग को नजर अंदाज ही नहीं किया, पूरी तरह मिटा ही दिया ! 

स्वाथ वह स्थान था जहाँ पाणिनी का जन्म हुआ ! पाणिनी अर्थात संस्कृत ग्रामर अष्टाध्यायी के रचयिता ! आज वह स्वाथ पाकिस्तान के मुल्ला फजलुल्ला के रेडियो मुल्ला का प्रसारण कर रहा है ! दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी व्यक्ति द्वारा अगर सबसे पहले कोई इतिहास लिखा गया तो वे कल्हण थे ! कल्हण की राजतरंगिणी, जिसका अर्थ ही है, राजा की तरंग ! 

कश्मीर में इस्लाम 1339 में आया ! पहला मुस्लिम शासक कोई घोड़े पर चढ़कर युद्ध जीतकर नहीं बना ! कैसे बना जानने के लिए पढ़िए –

कश्मीर की अंतिम हिन्दू रानी

साभार आधार - https://www.youtube.com/watch?v=FhiXbwPKN9Y 
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