बामपंथी नहीं सुधरेंगे !



वामपंथी थिएटर कलाकारों का एक समूह है इंडियन पीपुल्स थिएटर ऐसोसिएशन (इप्टा) ! इस भारतीय जननाट्य संघ का तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन आजकल मध्यप्रदेश के इंदौर में चल रहा है ! इस तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में रविवार को फिल्मकार और कलाकार एमएस सथ्यू ने भारतीय सेना द्वारा आतंकी केम्पों पर किये गए सर्जिकल स्ट्राइक को 'शर्मिंदगी' का सबब बताया !

सथ्यू ने कहा कि लड़ाई से किसी मसले का हल नहीं निकलता। इसके लिए अमन के माहौल में बातचीत होनी जरूरी है, इसलिए हम सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन नहीं करते। लड़ाई कभी मानवता के हक में नहीं रही, सर्जिकल स्ट्राइक भी एक तरह की लड़ाई है, हमें इससे भी शर्मिंदगी होती है क्योंकि हमारा देश तो अहिंसा के लिए जाना जाता है। -

सथ्यू ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार देश के ताने-बाने को कमजोर कर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रही है, जिससे सांप्रदायिक और कट्टरपंथी ताकतें मजबूत हो रहीं हैं।

विचारणीय प्रश्न यह है कि अहिंसा की बात वे वामपंथी कर रहे हैं, जिनके द्वारा पोषित नक्सलवाद ने आज पूरे देश में हिंसा का तांडव मचाया हुआ है ! रूस के कन्सट्रेशन केम्पों में मारे गए लाखों लोगों की आत्मा जरूर इन हिंसक अहिन्सकों के घडियाली आंसुओं पर चीत्कार कर रही होगी ! 

स्वाभाविक ही इसके बाद से चहुंओर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। कुछ नौजवानों ने सम्मेलन स्थल पर पहुंचकर तिरंगा फहराया और भारत माता की जय के नारे भी लगाए !

मप्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव शैलेंद्र शैली से जब प्रतिक्रिया चाही गई, तो उनका कथन था कि सम्मेलन में श्री सथ्यू द्वारा कही गईं बातें विश्वशांति के संदर्भ में थीं, क्योंकि कोई भी कलाकार पूरी दुनिया की बात कहता है।

क्या भारत के कलाकारों द्वारा इस प्रकार की बातें किए जाने से पाकिस्तान को और प्रोत्साहन नहीं मिलेगा, इस सवाल के जवाब में श्री शैली ने कहा कि पाकिस्तान में भी कुछ लोग 'समझदार' हैं, जो भाईचारे और विश्वप्रेम की बात करते हैं।

इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक हर देशवासी के लिए शर्मिंदगी का नहीं, बल्कि गर्व का सबब है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत पूरी तरह शांतिप्रिय देश है, लेकिन अगर कोई हमारे देश में घुसकर आतंक फैलाएगा, तो उसका यही हश्र किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई पर अगर कोई शर्मिंदगी महसूस कर रहा है, तो उसे देश छोड़ देना चाहिए।

अच्छी बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने भी वक्तव्य की निंदा करते हुए कहा कि इस समय दोनों देशों के बीच जिस तरह की परिस्थितियां हैं, उस हिसाब से भारतीय सेना की ये कार्रवाई पूरी तरह न्यायसंगत है।

श्री चतुर्वेदी ने इसे 'कमांडो कार्रवाई' बताते हुए कहा कि सेना ने अपने ही देश के एक हिस्से में आतंकियों को सबक सिखाया है, और जो लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं, उन्हें अपनी देशभक्ति की भावना पर पुनर्विचार करना चाहिए।

लगभग 70 साल पुरानी संस्था इप्टा के इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के 20 से भी ज्यादा प्रांतों के अलावा कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन में इप्टा से जुड़े रणवीर सिंह, फिल्मकार आनंद पटवर्धन समेत कई कलाकार मौजूद थे।
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