आखिर डर क्यों रही हैं आयरन लेडी ममता बैनर्जी ?



आज टाईम्स ऑफ़ इण्डिया में जद (यू) सांसद हरिवंश प्रसाद जी का बयान पढ़ने को मिला ! उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार चिटफंड घोटाले के आरोपियों पर शिकंजा कसने में विफल रही, जिन्होंने न केवल बंगाल राज्य, बल्कि पडौस के झारखंड, बिहार, असम, ओडिशा और त्रिपुरा के लोगों से हजारों करोड़ रुपये लुटे थे ! दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि तृणमूल नेताओं के तार भी घोटालेबाजों से जुड़े पाए गए ! उन्होंने घोटाले में तृणमूल नेताओं की मिलीभगत के बारे में सवाल उठाये ।

उक्त समाचार पर पाठकों ने भी रोचक प्रतिक्रिया व्यक्त की ! एक प्रमुख टिप्पणी इस प्रकार थी –

पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली की मतदाताओं पर दया आती है । यदि सामान्य मतदाता ही यह चाहते हैं कि उन पर घोटालेबाज ही शासन करें तो सभ्य लोग क्या कर सकते हैं? क्या कोई बुद्धिमान व्यक्ति मुझे बता सकता है कि आखिर मतदाताओं ने लालू, ममता, केजरीवाल, राहुल, दिग्गी आदि को क्यों चुना ? क्या मतदाताओं का यह सोच था कि ये रोचकता विहीन जोकर सही में उन्हें समृद्ध बना देंगे ? पिछले 70 साल और उस दौरान की गई लूट क्या वे बिलकुल भूल गए? जब तक मतदाता अपनी जातिवादी मूर्खता नहीं छोड़ेंगे भारत जस का तस रहेगा । 

सीधी सी बात है कि समझदार राजनेता हों या आम जन स्थिति की गंभीरता को देख समझ रहे हैं, किन्तु इस भेड़ियाधसान के सम्मुख निरूपाय हैं, असहाय हैं ! अभी कल की ही बात लीजिये ममता जी और उनके सान्सदोप्न ने आरोप लगाया कि ममता जी की ह्त्या का षडयंत्र रचा गया ! किसने रचा यह षडयंत्र ? कैसे रचा गया ? इस आरोप का आधार क्या था ?

तो बात सामने आई कि वे एक निजी एयरलाइन कंपनी के वायुयान द्वारा पटना हवाई अड्डे से बुधवार शाम सात बजकर 35 निनट पर कोलकता के लिए रवाना हुईं ! उनकी रवानगी निर्धारित समय से एक घंटा विलम्ब से हुई ! जब विमान कोलकाता पहुंचा, तब वहां के एनएससीबीआई हवाईअड्डे पर ट्रेफिक अधिक होने के कारण विमान को आधे घंटे तक हवा में ही चक्कर लगाने पड़े ! अपने गृह राज्य के हवाई अड्डे पर इस प्रकार का इंतज़ार ममता जी को नागवार गुजरा और नतीजतन उनके सिपह्सालारे ख़ास एवं राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम ने आरोप लगा दिया कि यह मुख्यमंत्री को मारने का एक षड्यंत्र है, क्योंकि उन्होंने नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाई है ! कहा गया कि जहाज में ईंधन कम था, उसके बाद भी उसे उतरने की अनुमति देने में विलम्ब किया गया ! यह अलग बात है कि दूसरे ही दिन उनका यह कथन असत्य प्रमाणित हो गया ! विमान में पर्याप्त ईंधन था और केवल जगह खाली न होने के कारण उतरने में विलम्ब हुआ ! अब किसकी मां ने धोंसा खाया है, जो ममता जी से पूछे कि माताश्री आप निर्धारित समय से एक घंटा विलम्ब से क्यों रवाना हुईं ? क्या आपके कोलकता पहुँचने तक हवाई अड्डा बंद रखा जाता ? किसी अन्य जहाज को उतरने की अनुमति नहीं दी जाती ?

खैर यह महज सामान्य घटना है, अब दूसरा चरण –

कल रात को ममता जी ने नया शिगूफा छोड़ा ! उन्होंने घर जाकर विश्राम करने के स्थान पर राज्य सचिवालय में ही डेरा जमा लिया और कहा कि मेरे राज्य में सेना की तैनाती क्यों की गई है ? सेना को हटाओ अन्यथा मैं घर नहीं जाउंगी ! ममता बनर्जी का आरोप है कि प्रदेश सरकार को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर पलसित और दानकुनी के दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है, यह बहुत गंभीर स्थिति है, आपातकाल से भी खराब.' ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में ही रुके रहने का फैसला करते हुए कहा कि जब तक टोल प्लाजा से सेना नहीं हटाई जाती, वह तब तक वहां से नहीं जाएंगी.

हालांकि सेना की तरफ से कहा गया कि लोड कैरियर्स के बारे में आंकड़ें हासिल करने के लिए सेना द्वारा देशभर में किए जाने वाले द्विवार्षिक अभ्‍यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है. सेना साल में दो बार देशभर में ऐसा अभ्यास करती है, जिसका लक्ष्य सड़कों के भारवहन संबंधी आंकड़े एकत्र करना होता है, जिसे मुश्किल घड़ी में सेना को उपलब्ध कराया जा सके. विंग कमांडर एसएस बिर्दी ने कहा, "इसमें चौंकाने वाला कुछ भी नहीं है क्योंकि यह सरकारी आदेश के अनुसार होता है." 

अब सवाल उठता है कि आखिर ममता इतनी डरी हुई क्यों हैं ? 

कभी उन्हें लगता है कि उनकी ह्त्या का षडयंत्र किया जा रहा है, तो कभी वे सेना के जवानों को देखकर काँप जाती हैं, उन्हें लगता है कि बंगाल में सैन्य तख्ता पलट किया जा रहा है ! क्या अभी तक किसी भी राज्य में ऐसा तख्ता पलट हुआ है ? पश्चिम बंगाल कोई राज्य है अथवा राष्ट्र, जहाँ सेना द्वारा तख्ता पलट हो ? उनकी समूची मानसिकता एक भयभीत बिल्ली जैसी है, जो किसी अँधेरे कमरे में फंस गई है ! कहीं इसके पीछे वह कारण तो नहीं है जिसका इशारा जेडीयू नेता हरिवंश प्रसाद जी ने किया, अर्थात चिटफंड घोटाले का वह काला पैसा, जिसे ठिकाने नहीं लगाया जा सका ? अन्यथा सचिवालय के सामने टोल प्लाजा पर सेना को देखकर कांपने का क्या कारण ?

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