यशवंत जैन जिनकी पहचान है फक्कडपन और जुझारू तेवर



शिवपुरी में एक हैं यशवंत जैन ! यूं तो एक सांसद महोदय के बहनोई हैं, किन्तु उनकी पहचान उनका फक्कडपन और जुझारू तेवर है ! सांसद महोदय के नाम का उपयोग उन्होंने कभी नहीं किया ! स्व. सुशील बहादुर अष्ठाना के समय से लेकर विगत कुछ काल तक उन्हें भाजपा का वरिष्ठ कार्यकर्ता माना जाता रहा ! मनोनीत पार्षद भी रहे !
कल उनका नाम समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपा ! उन्होंने आरोप लगाया था कि मुद्रा परिवर्तन के पश्चात शिवपुरी के सहकारी बेंकों में 500 और 1000 रुपये के नोट बड़े पैमाने पर पिछली तारीखों में जमा शो किये गए, शायद करोड़ों में ! उनकी शिकायत पर त्वरित कार्यवाही भी हुई ! कलेक्टर महोदय ने जांच समिति गठित कर दी !

सहकारी बेंकों में इस प्रकार की आपाधापी होना कतई असंभव नहीं है ! शिवपुरी में तो यशवंत जैन जैसे जागरुक, समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उन्होंने इस मामले को प्रकाश में ला दिया, किन्तु शिवपुरी तो हांडी का एक चावल है ! देश और प्रदेश के शेष स्थानों पर क्या ऐसा ही कुछ नहीं हुआ होगा ?

शिवपुरी के सहकारी बैंक मेनेजर शायद अपने उच्च स्तरीय राजनैतिक रसूख के चलते कुछ ज्यादा ही खुलकर खेल गए होंगे, लेकिन शेष स्थानों पर भी कुछ ना कुछ गुलगपाड़ा तो हुआ ही होगा !

कालेधन से युद्ध के अभियान को पलीता न लगे, इसलिए आवश्यक हैकि सभी सहकारी बेंकों में इस माह जमा हुए बड़े नोटों की और उन्हें जमा करने वालों की जांच की जाए !

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