बंगाल में देश के संघीय ढांचे पर प्रहार !




कोलकाता से उपेंद्र भारती की रिपोर्ट | कितने हैरत की बात है कि जो पार्टी न केवल केंद्र में सत्तारूढ़ है, बल्कि देश के दस राज्यों में भी सरकार चला रही है, उसे केवल एक राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी बेरहमी से कुचल रही है ।
सीबीआई द्वारा वैली पोंजी घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद उग्र हुए टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल में स्थान स्थान पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले किये, उनके घरों और भाजपा कार्यालयों में आग लगा दी । हुगली, हावड़ा, बर्दवान, नदिया, कोलकाता सभी जगह हिंसा का नग्न तांडव हुआ । ऐसा लग रहा है के जैसे तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बैनर्जी ने भाजपा के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध की घोषणा कर दी हो ।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को इन घटनाओं पर हैरत जताते हुए कहा कि क्या तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ऐसी मानसिकता दर्शाने के बाद नई दिल्ली में प्रवेश करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन से बच पाएंगी ? उन्होंने टीएमसी को परोक्ष चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपना आचरण सुधारें अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें ।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर किये गए उग्र हमले पर पुलिस द्वारा आँखें बंद किये रहने को लेकर विजयवर्गीय ने शहर के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की भी जमकर आलोचना की ।
विजयवर्गीय ने सीबीआई से यह आग्रह भी किया कि वह राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चिट फंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ सबूत मिटाने में पुलिस आयुक्त राकेश कुमार की कथित भूमिका की भी जांच करे ।
स्मरणीय है कि विशाल पोंज़ी योजना में छोटे निवेशकों से 15,000 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में सीबीअई द्वारा तृणमूल सांसद तापस पाल और सुदीप बंद्योपाध्याय को गिरफ्तार किये जाने के बाद पिछले 24 घंटों में बर्बरतापूर्ण बम हमले हुए हैं । कोलकाता से महज 60 किमी दूर हुगली में भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया ।
सम्पूर्ण घटनाचक्र पर एक नजर -
सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उक्त गिरफ्तारी केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई 'बदले की राजनीति' है । यह कार्यवाही केवल इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को समाप्त करने के मोदी सरकार के निर्णय का विरोध किया है ।
सीबीआई का कहना है कि गिरफ्तार किये गये तृणमूल सांसद बंगाल के उस बड़े रोज वैली समूह से सम्बंधित हैं, जिसने बिना लाइसेंस निवेशकों को बैंकों की तुलना में अधिक रिटर्न देने का वादा कर वित्तीय योजनाओं में धन निवेश करने को प्रोत्साहित किया और फिर उन्हें दिवालिया बना दिया ।
रोज वैली के खिलाफ यह मामला 2014 में दायर किया गया था ।
तापस पाल शुक्रवार को गिरफ्तार किये गए, जबकि सुदीप बंद्योपाध्याय को 4 जनवरी को कल गिरफ्तार किया गया । इस गिरफ्तारी के कुछ ही मिनट बाद, कोलकाता में भाजपा कार्यालय पर हमला कर तोड़फोड़ की गई, पथराव हुआ, भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ गंभीर मारपीट की गई, जिसमें 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए ! जबकि कोलकाता पुलिस ने तृणमूल कार्यकर्ताओं को रोकने का कोई प्रयत्न नहीं किया !
भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो के कोलकाता स्थित अपार्टमेंट पर भी उग्र भीड़ ने हमला किया, जिसकी वीडियो ट्वीट के माध्यम से उन्होंने सार्वजनिक भी की ।
कुछ ही घंटे बाद भाजपा नेता कृष्णा भट्टाचार्य के घर पर बम फेंका गया । उनके घर में घुसकर उनके और उनके परिजनों के साथ मारपीट व गालीगलौज की गई, खिड़कियों और फर्नीचर को क्षतिग्रस्त किया गया । सुश्री भट्टाचार्य ने इसकी शिकायत में दर्ज कराई है ।
अब देखना यह है कि कैलाश विजयवर्गीय जी द्वारा दी गई चेतावनी केवल शाब्दिक जमाखर्च प्रमाणित होता है या वास्तव में कोई कड़ा कदम उठाया जाता है ! बैसे कड़ा कदम क्या हो सकता है ? विगत माह मिलाद उन नबी पर धौलागढ़ में हिन्दुओं पर हुए घातक हमले में भी तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद और विधायक गुलशन मलिक मुख्य षड्यंत्रकारी थे, पर उनके खिलाफ क्या हुआ ?

अगर यह मुखरता धरातल पर कोई परिणाम मूलक सिद्ध नहीं हुई तो भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल निश्चय ही कमजोर होगा । कम्यूनिस्ट हिंसा से त्रस्त बंगाल, ममता की साम्प्रदायिक राजनीति से त्रस्त बंगाल, भाजपा और नरेंद्र मोदी से बड़ी आशा बांधे हुए है ! अराजकता के इस नग्न तांडव पर यदि केंद्र सरकार आँखें बंद किये रही तो इससे न केवल बंगाल में भाजपा के अवसर कम होंगे, बल्कि देश के संघीय ढांचा भी चरमराएगा ! क्या कोई राज्य सरकार इतनी स्वयंभू हो सकती है ? 

अंत में  -

किस प्रकार ममता राज्य में बंगाल गुंडों और अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है, इसकी एक ह्रदयद्रावक घटना सामने आई है – 

विगत अक्टूबर में कालियाचक III मंडल के भाजपा महासचिव राम मंडल की तृणमूल गुंडों ने ह्त्या कर दी ! पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख कार्यकर्ता सुनील मंडल सहित आठ लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया ! राम का भाई इस सम्पूर्ण घटना का चश्मदीद गवाह था ! उसके बाद लगातार राम के भाई को धमकाया जाता रहा कि वह केस वापस लेले, किन्तु वह अपने भाई के क़त्ल को कैसे भूलता, उसने लगातार संघर्ष का रास्ता ही चुना !

कुछ ही दिनों बाद आरोपी सुनील जमानत पर जेल से बाहर आ गया ! 2 जनवरी को राम के भाई हेमेन मंडल पर उसके घर के बाहर गोलियां चलाई गईं ! गोली हेमेन को लगाने के स्थान पर उसकी ग्यारह वर्षीय भतीजी जुथिका को लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो बेहोश हो गई ! जुथिका के पिता और इन पीड़ित भाईयों के भाई छबिलाल स्वयं अपाहिज हैं ! जुथिका अकन्दबेरिया के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा छः की छात्रा है ! 

जुथिका को तुरंत मालदा के मेडीकल कोलेज स्थित हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत गंभीर बताई गई है ! यहाँ तक कि उसके शरीर में धंसी हुई गोली भी नहीं निकाली जा सकी है ! डॉक्टरों के अनुसार गोली उसके पेट के निचले हिस्से में ऐसे स्थान पर लगी है, जिसे निकाला जाना कठिन है !

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