क्या सच में जेटली प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल कर रहे हैं ?


प्रख्यात वकील राम जेठमलानी ने नव वर्ष में अपनी विद्वत्ता प्रदर्शन का प्रारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला ख़त लिखकर किया है ! पत्र में वित्त मंत्री अरुण जेटली और अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी पर आरोप लगाया गया है कि इन दोनों ने जानबूझकर सहारा विवाद में प्रधानमंत्री को फंसाया । पांच पेज के इस विस्तृत पत्र के अनुसार जेठमलानी ने मोदी को यह बताने की चेष्टा की है कि आयकर विभाग द्वारा सहारा मामले को जिस प्रकार निबटाया गया वह वस्तुतः उन्हें जाल में फंसाने का एक सुनियोजित षडयंत्र था जिसके मास्टर माईंड और कोई नहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली है।

पत्र में जेठमलानी ने प्रधानमंत्री को कुछ इस प्रकार सचेत किया है – 

“मैं कुछ समय तक सहारा का वकील रहा, उस दौरान मेरे सामने वे एकाउंट आये जिनमें कुछ वर्षों पूर्व मोदी को नगद भुगतान किये जाने संबंधी प्रविष्टियां थीं ! मेरे वकील मित्र प्रशांत भूषण ने इन्हें व ऐसी ही बिड़ला ग्रुप की एंट्रियों को आधार बनाया है । मैं मोदी को सलाह देना चाहता हूँ कि अगर सहारा प्रमुख ने पुलिस के सामने इन प्रविष्टियों को सत्य बता दिया तो मोदी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा । मोदी एक वकील नहीं है, इसलिये सबूत के कानून को नहीं जानते । "

"मुझे यकीन है कि सहारा और कर अधिकारियों के बीच हुए समझौते की लगभग सभी अखबारों को सूचना देने में निस्संदेह वित्त मंत्री और उनके महान अटार्नी जनरल शामिल हैं, ये उन्हीं का काम है !" 

अपने पुराने शिष्य जेटली के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए जेठमलानी आगे लिखते हैं -

"मैं यह मानता हूँ कि इस पूरे मामले में मोदी पूरी तरह निर्दोष है, लेकिन उन्हें अब तक यह समझ जाना चाहिए था कि इस बात की पूरी संभावना है कि यह तथाकथित समझौता उनके दुश्मनों द्वारा उन्हें फंसाने और जेल भेजने के लिए बुना गया एक जाल है ! वे लोग उनके स्थान पर किसी बदमाश को बैठाना चाहते हैं ।"

विस्तृत पत्र में यह आरोप भी लगाया गया है उक्त आयकर समझौता जेटली द्वारा केवल इसलिए करवाया गया ताकि सारा रिकोर्ड सरकारी फाइलों पर आ जाए । जेठमलानी के अनुसार, स्पष्ट रूप से यह सब मोदी को लंबे समय तक परेशान करने के लिए किया गया प्रयास था। 

प्रस्तुत है श्री जेठमलानी का उक्त चेतावनी पत्र -



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