मोदी को मिटाने का, भारत की आत्मा को मारने का मंसूबा !




आज के दो समाचारों पर गौर कीजिए ! पहला समाचार शाही इमाम ने फतवा जारी किया कि जो मुसलमान भाजपा में हैं, उन्हें मैं इस्लाम से बाहर करता हूँ ! इसके पहले कोलकता के इमाम बरकाती ने फतवा जारी किया था कि जो कोई प्रधानमंत्री मोदी की दाढी और सिर के बाल कटकर उनका मुंह काला करेगा, उसे 25 लाख रुपये दिए जायेंगे !
अब दूसरा समाचार – टाईम्स नाऊ के पत्रकार प्रशांत कुमार इस बात का इंतज़ार कर रहे हैं कि कब मोदी की हत्या हो !
यह दोनों समाचार बहुत कुछ कह रहे हैं ! सीधा सा अर्थ है कि देश के ही कुछ लोग शत्रु राष्ट्रों के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं ! जो कुछ देश के दुश्मन सोच रहे हैं, लगभग वही सपना देश में बैठे जयचंद भी देख रहे हैं ! जरा कल्पना कीजिए कि अगर उनका ख़्वाब सही हो जाए तो क्या होगा ?
प्रधान मंत्री का मुंह कोई सरफिरा काला कर जाए, या उनकी हत्या कर दी जाए ?
देश क्या जल नहीं उठेगा ?
लेकिन इन मीरजाफरों की औलादों को इससे कोई बास्ता ही नहीं है ! वे तो देश को अंधेरों में धकेल देना चाहते हैं ! यह असहिष्णुता की पराकाष्ठा है ! दिल्ली का शाही इमाम हो, अथवा कोलकता का बरकाती, या फिर टाईम्स नाऊ का पत्रकार प्रशांत कुमार, ये उस जमात का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भारत को मध्ययुगीन मुग़ल कालीन नजरिये से देखते हैं या फिर पश्चिमी चश्मे से ! भारत को भारतीयता में रंगा देखना इन्हें कतई रास नहीं आ रहा ! असहिष्णुता की यही मानसिकता आतंकवाद की जननी है ! हम कहें वही सच ! देश की जनता ने मोदी को चुना यह इन्हें बर्दास्त नहीं हो रहा !
भारत के लिए आतंक कोई नई बात नहीं है ! पौराणिक काल में असुरों का आतंक था, जिसे दुर्गा ने समाप्त किया ! इसी प्रकार रावण के आतंक को राम ने, तो कंस के आतंक को कृष्ण ने मिटाया ! कालिया नाग व बकासुर भी आतंक का ही पर्याय थे ! मध्यकाल भी आतंकी गतिविधियों से भरा पड़ा है ! डर पैदा कर राजनैतिक लाभ लेना आतंक का उद्देश्य होता है !
तैमूरलंग जब जीतकर वापस चला तो अपने साथ एक लाख लोगों को रस्सी से बांधकर गुलाम बनाकर ले जाने लगा ! किन्तु रास्ते में उसे लगा कि इतने लोगों को खाना खिलाना पडेगा, सो उसने अपने सैनिकों को आदेश दे दिया कि इन लोगों को मार डालो ! एक दिन में एक लाख लोग क़त्ल किये गए ! नादिरशाह ने दिल्ली विजय के बाद आठ दिन तक कत्ले आम करवाया !
देश में आतंक का एक नए स्वरुप में उदय हुआ है ! यह है कमीनिस्ट आतंक ! कमीनापन ही जिनका इष्ट है, वह है कमीनिष्ट ! इन लोगों ने देश के इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र रचा ! इन लोगों ने अभियान चलाया हम लोगों को आर्य बताकर बाहरी बताने का और वनवासियों को आदिवासी नाम देकर उन्हें मूल निवासी बताने का ! जबकि असलियत यह है कि मुग़ल सेना जब चलती थी, तो लूटमार व महिलाओं का अपहरण आम बात होती थी ! उनके भय से गाँव के गाँव खाली हो जाते थे ! लोग जान बचाने के लिए डरकर जंगलों में भाग जाते थे ! यही थी वनवासियों की हकीकत ! आर्यों को गौरवर्ण का बताया जाता है, जबकि राम और कृष्ण तो श्याम वर्ण के थे ! आर्य जाति नहीं विशेषण है, भारतीय बांग्मय में सभ्य और शिष्ट लोगों को आर्य कहा गया है !
भारत में आतंक था, तो उसका डटकर मुकाबला भी हुआ ! शिवाजी ने अफजल खां का आतंक मिटाया ! आतंक का मुकाबला केवल जन मनोबल से ही संभव है ! द्वितीय विश्वयुद्ध के दौआं हिटलर के खिलाफ चर्चिल ने ब्रिटेन का मनोबल नहीं गिरने दिया ! 15 दिन में फ्रांस को धुल चटा देना वाले हिटलर के एक हजार जहाज लगातार इंग्लेंड पर बमबारी करते थे ! लेकिन चर्चिल लगातार कहता रहा कि हम जर्मन राक्षस के सामने घुटने नहीं टेकेंगे ! विजय के बाद जब इंग्लेंड की जनता ने चर्चिल को शेर कहा तो उनका जबाब था कि शेर तो ब्रिटेन की जनता ही है, मैं तो केवल दहाड़ता था !
यह जन मनोबल ही आतंक के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण है ! कुत्ता डराने के लिए ही दहाड़ता है, किन्तु जैसे ही निडर होकर उसका मुकाबला किया जाए वो दुम दबाकर भागता है ! दुर्भाग्य से भारत के सेक्यूलरों के समर्पण ने आतंकियों का मनोबल बढ़ाया है और आमजन का साहस क्षीण किया है ! आतंकवाद को उसी की भाषा में जबाब देना होगा ! फिर चाहे वो मौलानाओं के फतवे का आतंक हो, चाहे गोलियों की बौछार बरसाते आतंकियों का आतंक या फिर कमीनिस्टों का बौद्धिक आतंक !

जागो भारत जागो ! इन मौलवियों के खिलाफ जागो ! इन कमीनिस्ट पत्रकारों के खिलाफ जागो ! अपनी भावी पीढी की सुरक्षा की खातिर जागो ! ये लोग मोदी को मिटाने का नहीं, दरअसल भारत की आत्मा को मारने का मंसूबा पाले हुए हैं ! इसका मुकाबला करना ही होगा, तनकर डटकर खड़े होईये, तभी ये कुकुरमुत्ते मुरझाएंगे !

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