बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम् । मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर: ॥ श्रीमद्भगवद्गीता के दसवे अध्याय का पैंतीसवां श्लोक। भ...
वसंत तो सृजन का आधार बताया गया है। सृष्टि के दर्शन का सिद्धान्त बन कर कुसुमाकर ही स्थापित होता है। यही कारण है कि सीजन और काव्य के मूल में तत्व के रूप में इसकी स्थापना दी गयी है। सृष्टि की आदि श्रुति ऋग्वेद की अनेक ऋचाओं में रचनाओं से लेकर वर्तमान साहित्यकारों ने भी अपनी सौंदर्य-चेतना के प्रस्फुटन के लिए प्रकृति की ही शरण ली है। शस्य श्यामला धरती में सरसों का स्वर्णिम सौंदर्य, कोकिल के मधुर गुंजन से झूमती सघन अमराइयों में गुनगुनाते भौरों पर थिरकती सूर्य की रशिमयां, कामदेव की ऋतुराज 'बसंत' का सजीव रूप कवियों की उदात्त कल्पना से मुखरित हो उठता है। उपनिषद, पुराण-महाभारत, रामायण (संस्कृत) के अतिरिक्त हिन्दी, प्राकृत, अपभ्रंश की काव्य धारा में भी बसंत का रस भलीभांति व्याप्त रहा है। अर्थवेद के पृथ्वीसूत्र में भी बसंत का व्यापक वर्णन मिलता है। महर्षि वाल्मीकि ने भी बसंत का व्यापक वर्णन किया है।
द्रुमा सपुष्पा: सलिलं सपदमंस्त्रीय: पवन: सुगंधि:।
नव पलाश पलाशवनं पुर: स्फुट पराग परागत पंवानम्
मलय पवन बह, बसंत विजय कह,भ्रमर करई रोल, परिमल नहि ओल।
आएल रितुपति राज बसंत,छाओल अलिकुल माछवि पंथ।
चालऊ सखि!आणो पेयणा जाई,आज दी सई सु काल्हे नहीं।
फल फूलन्ह सब डार ओढ़ाई। झुंड बंधि कै पंचम गाई।
मधुप गुंजारत मिलित सप्त सुर भयो हे हुलास, तन मन सब जंतहि।
फूली द्रुम बेली भांति भांति,नव वसंत सोभा कही न जात।
प्यारी नवल नव-नव केलि
ऐसो पत्र पटायो ऋतु वसंत, तजहु मान मानिन तुरंत,
सब ऋतु ऋतुपति प्रभाऊ, सतत बहै त्रिविध बाऊं
राज रचि अनुराग जचि, सुनिकै घनानंद बांसुरी बाजी।
दंपति जोबन रूप जाति लक्षणयुत सखिजन,
वन वाटनु हपिक वटपदा, ताकि विरहिनु मत नैन।
पात बिन कीन्हे ऐसी भांति गन बेलिन के,
कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में
देव कहै बिन कंस बसंत न जाऊं, कहूं घर बैठी रहौ री
बरन-बरन तरू फूल उपवन-वन सोई चतुरंग संग दलि लहियुत है,
आज मधुर विषाद की घिर करुण आई यामिनी,
रजत स्वप्नों में उदित अपलक विरल तारावली,
सजल रोमों में बिछे है पाँवड़े मधुस्नात से,
हंसो-हंसो हे शशि फलो-फूलो, हंसो हिंडोरे पर बैठ झूलो।
कौन हो तुम बसंत के दूत?
दो वसुधा का यौवनसार,गूंज उठता है जब मधुमास।
बसंत आया तो है,पर बहुत दबे पांव,
आया वसंत आया वसंत
सरसों खेतों में उठी फूल
पल में पतझड़ का हुआ अंत
लेकर सुगंध बह रहा पवन
है आज मधुर सब दिग दिगंत
भौरे गाते हैं नया गान,
इस सुख का हो अब नही अंत
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
फिर आलम में तशरीफ लाई बसंत।
आया लेकर नव साज री !
यह कवि अपराजेय निराला,

पूर्णाहार नमकीन एवं स्वल्पाहार
आज का चित्र

आधुनिक शिवपुरी के निर्माता महाराजा माधव राव सिंधिया प्रथम
मध्यप्रदेश समाचार
पिछले माह पेज देखे जाने की संख्या
/fa-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list
-
जब लोग कहते हैं कि विश्व में केवल एक ही हिन्दू देश है तो यह पूरी तरह गलत है यह बात केवल वे ही कह सकते हैं जो हिन्दू की परिभाषा को नहीं जानते...
-
सिकन्दर लोदी (1489-1517) के शासनकाल से पहले पूरे भारतीय इतिहास में 'चमार' नाम की किसी जाति का उल्लेख नहीं मिलता | आज जिन्हें हम ...
-
भगवद गीता दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ माना जाता है !धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण न...
RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0
- अखबारों की कतरन
- अपराध
- अशोकनगर
- आंतरिक सुरक्षा
- इतिहास
- उत्तराखंड
- ओशोवाणी
- कहानियां
- काव्य सुधा
- खाना खजाना
- खेल
- गुना
- ग्वालियर
- चिकटे जी
- चिकटे जी काव्य रूपांतर
- जनसंपर्क विभाग म.प्र.
- तकनीक
- दतिया
- दुनिया रंगविरंगी
- देश
- धर्म और अध्यात्म
- पर्यटन
- पुस्तक सार
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्मी दुनिया
- बीजेपी
- बुरा न मानो होली है
- भगत सिंह
- भारत संस्कृति न्यास
- भोपाल
- मध्यप्रदेश
- मनुस्मृति
- मनोरंजन
- महापुरुष जीवन गाथा
- मेरा भारत महान
- मेरी राम कहानी
- राजनीति
- राजीव जी दीक्षित
- राष्ट्रनीति
- लेख
- विज्ञापन
- विडियो
- विदेश
- विवेकानंद साहित्य
- वीडियो
- वैदिक ज्ञान
- व्यंग
- व्यक्ति परिचय
- व्यापार
- शिवपुरी
- संघगाथा
- संस्मरण
- समाचार
- समाचार समीक्षा
- साक्षात्कार
- सोशल मीडिया
- स्वास्थ्य
- हमारा यूट्यूब चैनल
- election 2019
- shivpuri
RANDOM$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts
- अखबारों की कतरन
- अपराध
- अशोकनगर
- आंतरिक सुरक्षा
- इतिहास
- उत्तराखंड
- ओशोवाणी
- कहानियां
- काव्य सुधा
- खाना खजाना
- खेल
- गुना
- ग्वालियर
- चिकटे जी
- चिकटे जी काव्य रूपांतर
- जनसंपर्क विभाग म.प्र.
- तकनीक
- दतिया
- दुनिया रंगविरंगी
- देश
- धर्म और अध्यात्म
- पर्यटन
- पुस्तक सार
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्मी दुनिया
- बीजेपी
- बुरा न मानो होली है
- भगत सिंह
- भारत संस्कृति न्यास
- भोपाल
- मध्यप्रदेश
- मनुस्मृति
- मनोरंजन
- महापुरुष जीवन गाथा
- मेरा भारत महान
- मेरी राम कहानी
- राजनीति
- राजीव जी दीक्षित
- राष्ट्रनीति
- लेख
- विज्ञापन
- विडियो
- विदेश
- विवेकानंद साहित्य
- वीडियो
- वैदिक ज्ञान
- व्यंग
- व्यक्ति परिचय
- व्यापार
- शिवपुरी
- संघगाथा
- संस्मरण
- समाचार
- समाचार समीक्षा
- साक्षात्कार
- सोशल मीडिया
- स्वास्थ्य
- हमारा यूट्यूब चैनल
- election 2019
- shivpuri
COMMENTS