उडती धूल और अँधेरे में तात्या टोपे बलिदान स्थली पर मनाया गया “शहीद दिवस”

देश की खातिर हँसते हँसते फांसी के फंदे को चूमने वाले शहीदों ने भी यह कभी न सोचा होगा कि स्वतंत्र भारत में उनकी शहादत को न सिर्फ भुला दिया गया बल्कि उनकी समाधि स्थलों को मजाक बना कर रख दिया गया है ! ऐसी ही एक घटना मध्यप्रदेश के शिवपुरी शहर में आज शहीद दिवस के अवसर पर देखने को मिली ! 

शिवपुरी शहर के राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित युवाओं के द्वारा सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह के बलिदान दिवस पर एक श्रधांजलि सभा का आयोजन भारत की स्वतंत्रता की खातिर अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले वीर योद्धा तात्या टोपे बलिदान स्थल पर किया गया और इस श्रधांजलि सभा में ITBP के अधिकारियों का दल भी मौजूद था ! इस दौरान प्रशासन की असंवेदनशीलता एक शर्मनाक घटनाक्रम घटित हुआ जिसे सुनकर किसी भी राष्ट्रवादी व्यक्ति के मन को दुःख पहुंचना स्वाभाविक है ! 

दरअसल इस कार्यक्रम के दौरान शिवपुरी के राजेश्वरी रोड की खुदी हुई सडकें और उसमे से निकलती धूल से तात्या टोपे की प्रतिमा का रंग काले से लाल तो हो चुका था और तो और कार्यक्रम के दौरान प्रशासन के नुमाइंदों ने शहीद दिवस के मौके पर भी तात्या टोपे के बलिदान स्थल को रोशन करना तो छोडिये बल्कि वहां नाम मात्र के लिए लगी लाइट को भी चालू करना उचित नहीं समझा ! बार बार नगर पालिका को सूचित करने पर भी लाइट चालू नहीं की गयी तब मजबूरन अँधेरे में ही लोगों ने अपने मोबाइल की रौशनी के माध्यम से बडे उत्साह के साथ दीप प्रज्युलित कर सर्वप्रथम भारत माता की आरती का आयोजन किया तत्पश्चात वीर शहीदों को श्रधांजलि दी गयी !

कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ जिनमे धूल के उड़ते कण, अँधेरे को दूर करने के लिए मोबाइल की रोशनियाँ स्पष्ट दिखाई दे रहे है - 










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