जानिये शिवपुरी स्थित तथाकथित आदर्श गौशाला का वह सच जो कोई आपको नहीं बता पायेगा !

आज जब शिवपुरी के समस्त समाचार पत्रों में उस खबर को प्रमुखता से नहीं पाया तो मन हुआ कि आप लोगों को उस वास्तविकता से साक्षात्कार कराने का जो एक बड़ी खबर बन सकती थी पर पता नही किन कारणों से उसे स्थानीय समाचार पत्रों में प्रमुखता नहीं दी गयी ? मन में रोष है पर वास्तविकता सभी के सामने लाना ही एक निष्पक्ष पत्रकार का सबसे पहला कर्त्तव्य है जिसका निर्वाहन करने का साहस में उठा रहा हूँ बाकि सुधि पाठकगण स्वयं इस लेख का आंकलन अपने विवेकानुसार करने को पूर्णतः स्वतंत्र है ! जब इस देश में तथाकथित आजादी के दीवानों को देश विरोधी नारे लगाने की स्वतंत्रता प्राप्त है तो मुझे भी अपनी बात को सबके सामने रखने का पूर्णतः अधिकार है ! आशा करता हूँ कि मेरी पीड़ा को समझेंगे !

आज शिवपुरी के लुधावली क्षेत्र स्थित गौशाला से एक ऐसी भयानक सच्चाई सामने आई जिसे सुनकर गाय को माता मानने वाले लोगों का कलेजा फट गया ! दरअसल आज कुछ लोगों को ऐसी जानकारी मिली कि लुधावली क्षेत्र स्थित गौशाला में कुछ गाय कई दिनों से मृत अवस्था में पड़ी हुई है ! सूचना पाकर कुछ हिन्दू संगठनों के लोग गौशाला पहुचे परन्तु वहां अन्दर से ताला लगा हुआ था जिस कारण लोग अन्दर नहीं पहुच पा रहे थे ! मौजूद लोगों ने बाहर से जब अन्दर झाँक कर देखा तो कुछ गाय मृत अवस्था में पड़ी हुई दिखाई दी ! तब वह लोग दीवार पर सीढ़ी लगाकर अन्दर पहुंचे और पाया की गौशाला में 6 गाय मृत अवस्था में पड़ी हुई है और कई गायों की हालत बेहद गंभीर है ! 

प्रथम दृष्टया ही यह प्रतीत हो रहा था कि इन गायों की मृत्यु 2 से 3 दिन पूर्व ही हो चुकी है, परन्तु गौशाला संचालक मनोज बजरंगी के अनुसार यह गाय 1 दिन पूर्व ही मृत होना बताया पर जब उनसे उत्तर किया गया कि जब यह गाय 1 दिन पूर्व ही मृत हो चुकी थी तो उन्होंने क्या इसकी सूचना प्रशासन को या अन्य किसी संगठन को दी जिससे उनका अन्तिम संस्कार किया जा सके तो इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में नगर पालिका को कई बार सूचना दी थी परन्तु जब उनसे यह पूछा गया कि नगर पालिका में किस अधिकारी को उन्होंने सूचना दी तो वह अपने मोबाइल में खेलने में व्यस्त हो गए ! जब मनोज से यह पूछा गया कि जब शासन की तरफ से गायों के चारे के लिए लाखों रुपये गौशालाओं को दिए जा रहे है तो फिर गौवंश की भूख प्यास से मृत्यु किस प्रकार संभव है ? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें प्रशासन की और से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है ! जबकि विगत 18 जनवरी २०१७ को शिवपुरी कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर नीतू माथुर की अध्यक्षता में आयोजित जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति की बैठक में जिसमे पोहरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रहलाद भारती भी मौजूद थे, जहाँ दिगम्बर जैन दयोदय पशु एवं पर्यावरण केन्द्र गौशाला केन्द्र खनियांधाना के विनय सागर, आदर्श गौ शाला लुधावली के मनोज शर्मा, पशुपालन के उपसंचालक आरएस भदौरिया, कृषि विभाग के उपसंचालक आरएस शाक्यवार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी आदि भी उपस्थित थे वहां जिले में स्थित नौ गौशालाओं में रहने वाले पशुओं के लिए भूसा चारा के लिए प्रति पशु 698 रुपए के मान से 10 लाख 86 हजार 700 रुपए की राशि आवंटित की घोषणा की गयी थी ! ऐसे में धन के अभाव का रोना समझ से परे है ! या तो इस धन को स्थानीय प्रशासन पचा गया या फिर इस धन का दुरूपयोग गौशाला संचालक कर बैठे है जिसका खामियाजा मूक बेबस अपना दर्द किसी से भी न कह पाने वाली हिन्दुओं की गौ माता को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है ! 

चारा-पानी के अभाव में दम तोडती गौ माता 

स्थानीय पत्रकारों के घटनास्थल पर पहुचने पर मुखर हुईं मूक जबानें

जब तक स्थानीय पत्रकार गौशाला में नहीं पहुंचे थे तब तक मनोज की चाल-ढाल अलग थी परन्तु जैसे ही स्थानीय पत्रकार गौशाला में पहुंचे वैसे ही उनकी चाल थम गयी और वह एक कुर्सी पर बैठ गए और पत्रकारों के सामने शासन, हिन्दू संगठनों और आमजन कि और से सहयोग न होने का रोना रोने लगे एवं पत्रकारों के जवाबों का गोल गोल जवाब देने लगे ! पत्रकारों के गौशाला में पहुँचने की जानकारी जब आस पास के लोगों को लगी तो वह भी गौशाला पहुचने लगे और मुखर होकर अपनी अपनी आपबीती पत्रकारों के सम्मुख प्रस्तुत करने लगे ! स्थानीय पार्षद लालजीत आदिवासी के अनुसार इस क्षेत्र के निवासियों पर गौशाला संचालक मनोज की दहशत का यह आलम है कि वह इस गौशाला में आने से भी कतराते है ! यदि कोई इस गौशाला में उनकी इजाजत के बगैर आ भी जाता है तो वह उसे पुलिसिया कार्यवाही का भय दिखा कर इस गौशाला से दूर ही रहने को कहते है ! कई लोगों ने आशंका जताई कि यदि इस गौशाला की निष्पक्ष जांच प्रशासन के द्वारा की जाए तो निश्चित ही यहाँ कई अनैतिक कृत्यों का भंडाफोड़ हो सकता है ! 

आखिर किसकी शह पर हो चुका है गौशाला की जमीन पर अवैध कब्ज़ा

बेशकीमती मूल्य की शासकीय भूमी जिस पर गौशाला संचालित है उस भूमि पर न जाने किसके संरक्षण में अवैध कब्ज़ा किया जा चुका है ! वर्तमान में इस कब्ज़ा की हुई भूमि पर कुछ ट्रक मालिकों के ट्रक खड़े होंते है, यदि प्रशासन इस बात को गंभीरता से लेकर निष्पक्षता के साथ जांच करे तो निश्चित रूप से एक अनोखी और चौंका देने वाली कहानी सामने आएगी !

गौशाला की शासकीय भूमि पर कब्ज़ा कर खड़े ट्रक 

पुलिसिया कार्यवाही संदेह के दायरे में 

जब लोगों को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने सबसे पहले देहात थाने पर संपर्क किया एवं उन्हें तत्काल घटना स्थल पर आने का आव्हान किया उसके काफी समय पश्चात पत्रकारों से संपर्क किया गया परन्तु पत्रकारों ने जहाँ मामले की गंभीरता को समझा और बिना देरी किये गौशाला में पहुँच कर अपनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी वहीँ देहात थाना प्रभारी को बार बार संपर्क करने पर भी वह जब मौके पर नहीं पहुंचे तो कुछ लोगों ने सीधे एसपी से संपर्क साध कर उन्हें घटना की जानकारी प्रदान की तब जाकर कुछ समय पश्चात देहात थाने की एक गाडी गौशाला के बाहर आकर खड़ी हो गयी जिसमे गाडी का ड्राईवर, एक एसआई मौजूद थे परन्तु वह गाडी से नीचे ही नहीं उतरे और लोगों के बार बार कहने पर एक ही जवाब देते रहे कि आप बताइये क्या कार्यवाही करनी है ? 

क्या बेचा जा रहा है गौशाला की संपत्ति का पत्थर ?

पाटोरों को जमींदोज कर निकाला जा रहा पत्थर 
हैरान कर देने वाली जानकारी पत्रकारों के सम्मुख तब आई जब वह बिना किसी धार्मिक या VVIP आयोजन के मृत गौमाता की सूचना मिलने पर गौशाला में पहुंचे ! सड़ांध मारता एवं काई जमा पानी जो गौमाता को पिलाया जा रहा था, सोयाबीन का भुस जो उसी दिन गौशाला में पहुँचाया गया था जिसे बिना सानी के रूप में तैयार किये गायों को खिलाया जा रहा था, बीमार गायों के उपचार के रूप में चंद दवाओं की उपस्थिति ! यह सब अव्यवस्थाएं सभी के सामने आई परतु सबसे चौकाने वाला खुलासा तब हुआ जब गौशाला के अंतिम छोर में बही गौशाला की पाटोरों को जमींदोज कर उनमे लगे पत्थर और फर्सियों को बेचे जाने की सूचना प्राप्त हुई ! यही नहीं गौशाला में लगे हुए पेड़ भी काट दिए गए है जिसके तने और लकडियाँ वहीँ मौजूद थी ! 

गौशाला की मिट्टी में अनगिनत पिस्सू उपस्थित 

जब वहां उपस्थित मिट्टी को बारीकी से देखा गया तो पाया कि उस मिट्टी में अनगिनत पिस्सू मौजूद है जिसकी स्वीकारोक्ति स्वयं मनोज ने भी की और सफाई देते हुए बताया कि इसकी जांच की मांग वह स्थानीय प्रशासन से कर चुके है परन्तु वह यह नहीं बता पाए कि किस प्रशासनिक अधिकारी को वह इस मामले में अवगत करा चुके है ?


स्वयं जिला कलेक्टर है गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष 

हैरान कर देने वाली बात यह है कि स्वयं जिला कलेक्टर गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष है और जिले की समस्त गौशालाएं उन्ही के निर्देशानुसार संचालित की जा रही है ! या तो कलेक्टर साहब को गुमराह किया जा रहा है जिसकी सम्भावना अधिक है या फिर वह सब कुछ जानकार भी अनभिज्ञ बने हुए है जो शायद संभव नहीं है क्यूंकि जहाँ तक वर्तमान कलेक्टर साहब के बारे में जानकारी मिली है वे बेहद सुलझे और कार्य के प्रति समर्पित व्यक्ति है परन्तु उनके अधीनस्थों जो शायद इस क्षेत्र के पक्के खिलाड़ी है उनके द्वारा उन्हे सही जानकारी प्रदान नहीं की जा रही है ! ऐसे में समस्त गौभक्त कलेक्टर साहब से विशेष अनुरोध करते है कि वे इस मामले में रूचि लें और यदि मिली खबरें सही है तो तत्काल प्रभाव से इस गौशाला से अयोग्य साबित हो रहे मनोज को बाहर का रास्ता दिखाएं ! नहीं तो निश्चित रूप से आज नहीं तो कल यह चिंगारी बड़ी आग का रूप धारण कर लेगी जिसकी चपेट में कई बड़ी बड़ी हस्तियाँ भी निश्चित रूप से आएँगी !

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