उत्तराखंड- वर्ष १९८७ तक करीम लाला का अफगान के तस्करो का साथ था .१९७० के दशक मे हाजी मस्तान व करीम लाला की डोंगरी व पाकमोडिया मे अफगान स...

उत्तराखंड- वर्ष १९८७ तक करीम लाला का अफगान के तस्करो का साथ था .१९७० के दशक मे हाजी मस्तान व करीम लाला की डोंगरी व पाकमोडिया मे अफगान से लायी हसीस की तस्करी का मकडजाल था.अफगान से हसीस के सौदागर करीम लाला तक कैसे पहुचे.करीम लाला अफगान से आया था.अफगान का रेतीला काफिला कब समुद्र के रास्ते मुम्बई की डोगरी तक पहुचा.अनसुलझी पहेली है.दास्ता कुछ भी कहे करीम लाला का का डोगरी मे आना अनसुलझी पहेली बना है.करीम लाला हसीस,अफीम की तस्करीसमुद्र के रास्ते करता था.अफगान से नौकाओ से समुद्र का सीना काटते तस्कर मुम्बई से माफिया लाये.अफगानी करीम लाला माफिया का ओहदेदार था.
वर्ष १९७० के दशक मे माफिया ने मुम्बई के डोगरी व पाकमोडिया मे जगह बनानी शुरु की.माफिया मे करीम लाला व हाजी मस्तान दो चेहरे थे.गिरोह उगाही,वसूली,तस्करी का काम करता था.सुलेमान पठान ने १९७० के दशक मे करीमलाला व हाजी मस्तान से लोहा लिया.गिरोह मे भिडंत होती थी.सुलेमान पठान का डोंगरी मे राज था.सुलेमान पठान का १९७० के दशक मे गिरोह था.माफिया पनप रहा था,डोंगरी व पाकमोडिया मे वर्ष १९७० मे ही दादर मे भार्गव सुर्वे,व सुभाष भाटकर का गिरोह ऊचाईयो पर था.धारावी- कुर्ला मे तमिलनाडु का गैंगस्टर राजन मुडिलीयार,अशोक जोशी,साधु सेट्टी,रामा नाईक के गिरोह थे. भाईखला मे अरुण गवली का गिरोह था. रामा नाईक अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन था. दादर मे रामा नाईक का वसूली ,उगाही,हत्या को कराने का सिंडीकेट था.अंडरवर्ल्ड मे सिंडीकेटट गिरोह बन रहे थे.अंडरवर्ल्ड मे सिनडिकेट कई हिस्सो मे बटा था.
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