हाल ही में सरकारी स्तर पर सामने आई जानकारी से पता चला है कि सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6.1 फीसदी रह गई है। जबकि लंबे समय से संकटग्रस्त र...
हालांकि राजग सरकार ने किसान हित में फसल बीमा योजना में 13 हजार 240 करोड़ रुपए, दूध प्रसंस्करण निधी में 8 हजार करोड़ और सिंचाई एवं मृदा प्रयोगषालाओं के लिए 5000 करोड़ रुपए दिए हैं। साथ ही जिन किसानों ने सहकारी बैंकों से कर्ज लिया है, उन्हें 60 दिनों की बैंक ब्याज में छूट भी दी गई है। लेकिन ये उपाय किसानों के आसूं पोंछने जैसे है। क्योंकि ये सभी उपाय अप्रत्यक्ष लाभ से जुड़े है। अच्छा है केंद्र और राज्य सरकारें योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेते हुए उन सभी 95 प्रतिषत सीमांत, लघु और छोटे किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की पहल करें, जिनके पास 1 से लेकर 5 हेक्टेयर तक कृशि भूमि है। देष की कुल कृशि योग्य भूमि का यह 68.7 प्रतिषत हिस्सा है। यदि सरकारें ऐसा करती है तो उनकी किसान व मजदूर के प्रति संवेदना तो सामने आएगी ही, किसान देष की अर्थव्यवस्था में भी उमंग व उत्साह से भागीदारी करेंगे ?

मध्यप्रदेश समाचार
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