तेलंगाना में पुनः स्पष्ट हुआ धर्मनिरपेक्षता का अर्थ - अल्पसंख्यकवाद



तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 18 जून 2017 को लाल बहादुर स्टेडियम में सरकार द्वारा प्रायोजित इफ्तार के दौरान मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने प्रधान मंत्री के पिछले दौरे के दौरान उनसे मुसलमानों को 12% आरक्षण दिए जाने वाले बिल पर चर्चा की थी | और उन्होंने भी मुझे आश्वासन दिया था कि वे बिल को देखेंगे और इसका अध्ययन करेंगे। 

चंद्रशेखर राव ने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई विरोध भी हुआ तो हम उसका डटकर सामना करेंगे | उन्होंने कहा कि हम 2014 के विधानसभा चुनाव से पूर्व किए गए वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।

तालियों की गडगडाहट के बीच उन्होंने कहा कि हम किसी भी विरोध के सामने चुप नहीं रहेंगे, हम न्याय के लिए लड़ेंगे । मैं यह आश्वासन देता हूं कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण के लाभ भी मुसलमानों के पिछड़े तबकों तक पहुंचाए जाएंगे क्योंकि वे भी गरीबी में जी रहे हैं।

स्मरणीय है कि राज्य की विधान सभा ने पांच भारतीय जनता पार्टी विधायकों के विरोध के बावजूद विगत अप्रैल में तेलंगाना पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विधेयक -2017 पारित कर दिया था ।

इस विधेयक में पिछड़े मुसलमानों के लिए मौजूदा 4% आरक्षण को बढ़ाकर 12% करने और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रतिशत 6 से बढ़ाकर 10 करने का प्रस्ताव है | किन्तु इससे आरक्षण का कुल कोटा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक हो रहा है ।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली के समान शहर में एक इस्लामी केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की । सरकार द्वारा संचालित कुल 204 आवासीय स्कूलों में 1.33 लाख मुस्लिम छात्रों को भी शिक्षित किया जाएगा । इन संस्थानों द्वारा प्रदान की गई शिक्षा प्रतिष्ठित ईसाई मिशनरी स्कूलों के समकक्ष होगी।

श्री राव ने कहा कि तेलंगाना एक ऐसा राज्य हैं जो समूचे भारत के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगा, जहां सभी समुदाय एक साथ प्रगति करेंगे ।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार में मुस्लिम प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। हैदराबाद और वारंगल के उप महापौर तथा उपमुख्यमंत्री के अलावा, 10 प्रमुख निगमों में से पांच के अध्यक्ष टीआरएस के मुस्लिम नेता बनाए गए हैं ।

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि तेलंगाना में कुल मुस्लिम आबादी 12.4 प्रतिशत है | सवाल उठता है कि क्या ये सब पिछड़े हैं, जो 12 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया गया ?

साभार आधार : हिंदू

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