शिवपुरी - जेएनयू की तर्ज पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और सिंधिया फेन्स क्लब की आड़ में गुंडागर्दी के विरोध में मैदान में उतरी एबीवीपी !

विगत कुछ समय से शिवपुरी स्थित महाविधालयों में जेएनयू जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधिया संचालित की जाने की तमाम कोशिशें की जा रही है, जिसका विरोध राष्ट्रवादी छात्र संगठन एबीवीपी लगातार कर रहा है जिसके परिणाम स्वरुप एक तरफ तो कॉलेज प्रशासन संगठन से जुड़े हुए छात्रों के विरुद्ध झूठे मुक़दमे दर्ज कराने का घिनौना षड़यंत्र रच रहा है वहीँ दूसरी और कॉलेजों में कांग्रेस की शह पर गन्दी राजनीति करते हुए सिंधियानिष्ठों के द्वारा बनाए गए सिंधिया फेंस क्लब नामक संस्था से जुड़े लोग कॉलेज का वातावरण बिगाड़ने हेतु कॉलेज परिसर में भय का वातावरण भी निर्मित कर रहे है ! जब ऐसी घटनाओं का विरोध एबीवीपी के द्वारा किया जाता है तो उनके कार्यकर्ताओं को सिंधिया फेंस क्लब के बाहरी आसामाजिक तत्व जान से मारने तक की धमकी देते है और जब इन आसामाजिक तत्वों की धमकी के विरुद्ध पुलिसिया कार्यवाही कराने हेतु अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता पुलिस से गुहार लगाने पहुँचते है तो प्रशासन इस विषय की जांच करने की बात कहता है यहाँ इस बात का उल्लेख करना आवश्यक होगा कि बात जब राष्ट्रवादी छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया कार्यवाही की बात आती है तो बिना किसी जांच के यही प्रशासन उनके ऊपर झूठे मुकदमे लाद कर अन्याय और भ्रष्टाचार के विरोध में उनकी लड़ाई को कमजोर करने की पुरजोर कोशिश करता है, आखिर किसके कहने पर ?

एबीवीपी द्वारा आईटीआई कॉलेज में भ्रष्टाचार का विरोध, परिणाम कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज 

विगत दिनों शिवपुरी स्थित आईटीआई महाविद्यालय में महादेव पाठक नामक शिक्षक पर स्थानीय छात्रों ने आरोप लगाए कि उन्हें परीक्षा में महादेव पाठक ने अंक अपने हिसाब से दिए है और अंक तालिका में कांट छांट की है ! इन छात्रों ने इस बात की शिकायत महाविद्यालय के अधिकारियों से की और इस बात की पुष्टि करने हेतु उन्हें सबूत भी दिखाए परन्तु प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् लामबंद हुआ और भूखहड़ताल प्रारम्भ की ! तीन दिन तक एबीवीपी के अनुराग भार्गव, सुमित दुबे, अक्षय चौहान, अमित दुबे, मयंक दीक्षित सहित तमाम छात्र इस प्रदर्शन में शामिल हुए इस दौरान अनुराग भार्गव की तबियत भी बिगड़ गयी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था ! जब मामला बिगड़ता हुआ दिखाई दिया तो प्रशासन हरकत में आया और मौका स्थल पर पहुँच कर घोषणा की कि इस विषय की जांच करवाई जायेगी और जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर LK पाण्डेय नियुक्त किये गए ! 

महादेव पाठक के ऊपर जो आरोप छात्रों ने लगाए थे उन्हें साबित करने हेतु छात्रों के द्वारा ही तमाम सबूत कॉलेज प्रशासन को उपलब्ध कराये थे जो एक लिफ़ाफ़े में सीलबंद थे, पर कॉलेज में लम्बे समय से पदस्त एक अन्य शिक्षक नसरुल्ला खान उस सीलबंद लिफ़ाफ़े को खोलकर जबलपुर पहुँच गए ! यहाँ यह बताना भी आवश्यक है कि खान ने वर्ष १९८६-८७ में इसी महाविद्यालय से आईटीआई की परीक्षा उतीर्ण की हुई है तत्पश्चात १९९७ से वह इसी कॉलेज में पदस्त है और जबलपुर में हर कार्य हेतु इन्हें ही भेजा जाता है ! बताया यह भी जाता है कि खान का महाविद्यालय में भयंकर खौफ है ! खान की पुत्री आफरीन खान (जिसने भी इसी महाविद्यालय से आईटीआई की परीक्षा उत्तीर्ण की है) भी इसी महाविद्यालय में बतौर अतिथि शिक्षक पदस्त है ! जानकारी के अनुसार खान के स्थानांतरण के तीन चार स्थानान्तरण पत्र जारी हो चुके है पर ईश्वर जाने वह कौन सी महाशक्ति है जो हर बार इनका स्थान्तरण शिवपुरी से कहीं और होने ही नहीं देती ! खान के बारे में यह भी बताया गया है कि इन्होने अपने कुछ ख़ास लोगों को महाविद्यालय में पदस्त कराया है और यहाँ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का भार वरिष्ठता के आधार पर वास्तव में जिन व्यक्तियों को मिलना चाहिए था उन्हें ताक पर रख कर अपने ख़ास लोगों को सौंप रखी है ! मतलब कहने का बस यह है कि आईटीआई महाविद्यालय में सब कुछ इन्ही खान साहब के हाथ में है ! 

आईटीआई महाविद्यालय में चल रही इन अव्यवस्थाओं के विरोध में जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने आवाज बुलंद की तब नसरुल्ला खान ने एक छात्र के माध्यम से एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं पर मारपीट का झूठा मुकदमा दर्ज करावा दिया जबकि मारपीट जैसा कुछ भी घटनाक्रम घटित नहीं हुआ है ! जब इस बात की जानकारी एबीवीपी को लगी तब उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि इस मामले की पहले जांच तो करा ली जाए उसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराई जाए, परन्तु इस प्रकरण में प्रशासन ने पहले प्राथमिकी और बाद में जांच के आदेश दे डाले ! इस मामले में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुक़दमे की जांच चल रही है ! नसरुल्ला खान के कहने पर जिस छात्र ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है वह आज हिन्दू धर्म छोड़ कर मुस्लिम धर्म अपनाने की बात कहता है ! कहीं आईटीआई महाविद्यालय में ठीक उसी प्रकार की गतिविधियाँ तो संचालित नहीं हो रहीं है जैसी दिल्ली स्थित जेएनयू में ? 

श्रीमंत माधवराव सिंधिया महाविद्यालय में सिंधिया फेन्स क्लब की आड़ में रचा जा रहा है छात्र छात्राओं के मन में भय पैदा करने का घिनौना षड़यंत्र

सिंधिया फेन्स क्लब की आड़ में शिवपुरी स्थित श्रीमंत माधवराव सिंधिया महाविद्यालय में अराजकता का वातावरण बना कर स्थानीय छात्र छात्राओं के मन में भय पैदा करने का घिनौना षड़यंत्र रचा जा रहा है ! जिसका जीता जागता उदाहरण तब देखने को मिला जब २२ जुलाई के दिन सिंधिया फेन्स क्लब से जुड़े सत्यम नायक के द्वारा अपने ऊपर मिटटी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश का राजनैतिक स्टंट किया गया ! इस दौरान नायक अपने ऊपर मिटटी का तेल डालकर पूरे महाविद्यालय परिसर में घूमा जिससे उसकी जान को तो जोखिम था ही साथ ही परिसर में मौजूद सभी छात्र छात्राओं की जान को भी जोखिम था ! यदि उसके द्वारा किये गए इस राजनैतिक स्टंट की चपेट में कोई अन्य छात्र छात्रा आ जाते तो इसका जिम्मेदार कौन होता ? 

इस घटना के बाद सिंधिया फेन्स क्लब के कुछ लोग जो महाविद्यालय के छात्र नहीं है, महाविद्यालय में घुस कर एबीवीपी के कार्यकार्ताओं को जान से मारने की धमकी देते है, जिस पर कार्यवाही की मांग लेकर लगभग एक सैकड़ा एबीवीपी के कार्यकर्ता फिजिकल थाने पर पहुँचते है और धमकी देने वाले लोगों पर कार्यवाही की मांग करते है जहाँ थाना प्रभारी विकास यादव उन्हें जांच के बाद कोई कदम उठाने की बात कहते है ! जब एक ओर आईटीआई महाविद्यालय में मात्र एक छात्र के कहने पर बिना किसी सबूत, बिना किसी जांच के एबीवीपी जैसे राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज हो सकता है परन्तु दूसरी ओर फिजिकल थाना प्रभारी विकास यादव बिना जांच के सिंधिया फेन्स क्लब के उन लोगों पर कार्यवाही करने को तैयार नहीं थे जिन्होंने महाविद्यालय परिसर में घुसकर सरे आम एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकी दी ! 

इस बात को लेकर एबीवीपी के सदस्यों ने जब पुलिस थाने का घेराव किया तब शिवपुरी एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने एबीवीपी सदस्यों को अपने कार्यालय मिलने बुलाया और उन्हें आश्वस्त किया कि मिटटी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास करने वाले सत्यम नायक और एबीवीपी कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकी देने वाले सिंधिया फेन्स क्लब के लोगों के विरुद्ध जांच के उपरान्त कार्यवाही की जायेगी ! इस बात का पता जब कांग्रेसी नेताओं को चला तो कांग्रेस पार्टी के बड़े बड़े सूरमा भागे भागे एसडीएम कार्यालय चले आये परन्तु रुपेश उपाध्याय ने उन्हें यह कहकर अपने कक्ष से बाहर कर दिया कि आप महाविद्यालय के छात्र नहीं है अतः केवल महाविद्यालय के नियमित छात्र ही उनसे मिलें ! तब गिनती के एक दो लोग रुपेश उपाध्याय से चर्चा हतु शेष रह गए !

सिंधिया फेन्स क्लब को सद्बुद्धि प्रदान करने हेतु एबीवीपी ने किया भारत माता की आरती का आयोजन 

कांग्रेस पार्टी के सिंधियानिष्ठों के द्वारा बनाए गए संगठन सिंधिया फेन्स क्लब को सद्बुद्धि प्रदान करने हेतु एबीवीपी ने महाविद्यालय परिसर में भारत माता की आरती का आयोजन किया गया जिसमे 300 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया ! इस दौरान एबीवीपी के द्वारा दूषित मानसिकता और राजनीति से प्रेरित होकर अत्यंत निर्लज कार्य कर महाविद्यालय को बदनाम करने वाले सिंधियानिष्ठ नए नवेले छात्र रुपी नेताओं को चेतावनी देकर समझाया गया कि महाविद्यालय को बदनाम न करें वर्ना अंजाम भुगतने को तैयार रहे !

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