भारत - इजरायल मैत्री, बाहुबली और कटप्पा की दोस्ती से बदल जाएगी महिष्मति की राजनीति - संजय तिवारी

अगर विश्व की राजनीति महिष्मति साम्राज्य की दशा में है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के प्रमुख नेतन्याहू का मिलान बिलकुल बाहुबली और कटप्पा के मिलान की तरह ही दिखता है। यह मिलान महिष्मति पर बाहुबली की स्थापना का आधार लगता है। वर्चस्वा और गुटीय राजनीति में महाशक्तियों की असंतुलित होती गतिविधियों को इस बाहुबली और कटप्पा की संधि से खुद को बदलने की मजबूरी भी सामने आएगी। विश्व समुदाय में किसी मुलाक़ात को इअतनी तरजीह शायद इतिहास में पहली बार मिली। वर्त्तमान महाशक्ति अमेरिका , महाशक्ति रूस और खुद को एशिया में महाशक्ति साबित करते चीन के लिए यह संधि चौकाने वाली भी है और चिंता में भी डालेगी। खासकर चीन ने पिछले एक महीने से जिस तरह से सिक्किम सीमा पर भूटान के बहाने भारत को चिढ़ाने की रणनीति अपना रखी है , अब उसे सोचना ही चाहिए कि उसके चिढ़ाने से भारत को कोई फर्क नहीं पड़ता। यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि जी 20 के शिखर सम्मलेन में उसका झूठ भी उजागर हो जाता है। चीन की हालत कुछ पकिस्तान जैसी ही दिख रही है। जिस तरह वह आतंकवादियों के मामले में लगातार रोड़े अटका रहा है और पकिस्तान को तरजीह दे रहा है , वह खुद भी इन गतिविधियों के कारण पकिस्तान की तरह ही विश्व समुदाय में अलग थलग पड़ने लगा है। ऐसे में नेपाल और भूटान के जरिये वह भारत को घराने की उसकी कोशिश का भारत पर कोई असर होगा , यह सोचना उसके लिए बड़ी भूल भी हो सकती है। 

पहले मोदी -ट्रम्प की मुलाक़ात और फिर नेतन्याहू के पलक पावड़े बिछा कर मिलाने की खबरों ने यकीनन चीन और पकिस्तान जैसो की तो नींद हराम कर ही दी है। पाकिस्तानी मीडिया तो इसे पकिस्तान के वजूद के लिए खतरनाक बता रहा है तो चीन अपनी पुरानी दोगली चाल पर उतर आया है। भारत के पूर्वोत्तर में असहज स्थिति बनाने के लिए चीन लगातार कोशिश में लगा है ,यह अलग बात है कि वह यह भी जनता है कि यदि भारत ने अपने बाजार बंद कर दिए तो चीन के लिए भूखमरी जैसी हालत पैदा हो सकती है। फिर भी वह लगातार चिनकोटि तो काट ही रहा है। इधर मोदी और नेतन्याहू का मिलान ठीक बाहुबली और कटप्पा के मिलान की तरह देखा जा रहा है। जाहिर है कि बाहुबली और कटप्पा यदि साथ हैं तो फिर महिष्मति पर कब्जा और वर्चस्वा तो बाहुबली का ही रहना है। आइये एक नज़र डालते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा के कुछ ख़ास पहलुओं पर -

सात महत्वपूर्ण समझौते

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इजरायल यात्रा के दूसरे दिन भारत और इजरायल के बीच अंतरिक्ष में सहयोग और कृषि समेत सात महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लगी है। प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने एक दूसरे को अहम बताते हुए दुनिया के सामने अपनी बातें रखी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू को उनकी पत्नी के साथ आने का न्यौता दिया जिसे उन्होंने फौरन स्वीकार कर लिया। जो समझौते हुए वे इस प्रकार हैं -

1-भारत और इजरायल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंड एंड टेक्नॉलोजिकल इनोवेशन फंड
2- भारत में पानी का संरक्षण
3- भारत में जल प्रबंधन
4- इजरायल-भारत विकास सहयोग
5- एटोमिक क्लॉक्स समन्वय
6- जीओ-लियो ऑप्टिकल लिंक के क्षेत्र में सहयोग
7- और,छोटे सैटेलाइट को लेकर हुए समझौते

भारत और इजरायल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंड एंड टेक्नॉलोजिकल इनोवेशन फंड के लिए चार करोड़ अमेरिकी डॉलर का कोष बनाने पर सहमति जताई गई है। इसके साथ ही, यूपी में गंगा की सफाई को भी इजरायल की तरफ से मदद की बात कही गई है।

कट्टरपंथी और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे 

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साझा प्रेस कॉन्फ्रेस में प्रधानमंत्री मोदी ने कट्टरवाद और आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश इसके खिलाफ मिलकर लड़ेंगे। मोदी ने कहा कि इजरायल आविष्कारों का गढ़ है। ऐसे में यहां से भारत को काफी कुछ सीखने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती पर पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में इजरायली पर्यटकों की संख्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ी है।

नई ऊंचाई पर ले जाएंगे यह दोस्ती

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और इजराय की इस दोस्ती को नई ऊंचाई तक लेकर जाएंगे। उन्होंने बताया कि भारत और इजरायल के आतंकवाद से ग्रस्त होने की वजह उसकी भौगोलिक दशा है। मोदी ने कहा कि इजरायल जल संरक्षण और कृषि प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में काफी आगे है। साझा प्रेस वार्ता में उन्होंने आगे कहा कि हमने इस बात पर चर्चा की है कि किस तरह हमारे सहयोग से वैश्विक शांति और स्थिरता को मदद मिल सकती है। पीएम मोदी ने कहा कि भले ही हमारे रास्ते अलग रहे हों लेकिन लोकतंत्र में हम दोनों का हमेशा से विश्वास रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में इजरायल के लोगों ने सफलता पायी है उसकी भारत प्रशंसा करता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इजरायल यात्रा के दूसरे दिन भारत और इजरायल के बीच अंतरिक्ष में सहयोग और कृषि समेत सात महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लगी है। प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने एक दूसरे को अहम बताते हुए दुनिया के सामने अपनी बातें रखी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू को उनकी पत्नी के साथ आने का न्यौता दिया जिसे उन्होंने फौरन स्वीकार कर लिया। भारत-इजरायल के बीच सात महत्वपूर्ण समझौते 

1-भारत और इजरायल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंड एंड टेक्नॉलोजिकल इनोवेशन फंड 

2- भारत में पानी का संरक्षण 

3- भारत में जल प्रबंधन 

4- इजरायल-भारत विकास सहयोग 

5- एटोमिक क्लॉक्स समन्वय 

6- जीओ-लियो ऑप्टिकल लिंक के क्षेत्र में सहयोग 

7- और,छोटे सैटेलाइट को लेकर हुए समझौते भारत और इजरायल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंड एंड टेक्नॉलोजिकल इनोवेशन फंड के लिए चार करोड़ अमेरिकी डॉलर का कोष बनाने पर सहमति जताई गई है।

इसके साथ ही, यूपी में गंगा की सफाई को भी इजरायल की तरफ से मदद की बात कही गई है। कट्टरपंथी और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे भारत-इजरायल इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साझा प्रेस कॉन्फ्रेस में प्रधानमंत्री मोदी ने कट्टरवाद और आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश इसके खिलाफ मिलकर लड़ेंगे। मोदी ने कहा कि इजरायल आविष्कारों का गढ़ है। ऐसे में यहां से भारत को काफी कुछ सीखने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती पर पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में इजरायली पर्यटकों की संख्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ी है। नई ऊंचाई पर ले जाएंगे भारत-इजरायल दोस्ती-मोदी पीएम मोदी ने कहा कि भारत और इजराय की इस दोस्ती को नई ऊंचाई तक लेकर जाएंगे। उन्होंने बताया कि भारत और इजरायल के आतंकवाद से ग्रस्त होने की वजह उसकी भौगोलिक दशा है। मोदी ने कहा कि इजरायल जल संरक्षण और कृषि प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में काफी आगे है। साझा प्रेस वार्ता में उन्होंने आगे कहा कि हमने इस बात पर चर्चा की है कि किस तरह हमारे सहयोग से वैश्विक शांति और स्थिरता को मदद मिल सकती है। पीएम मोदी ने कहा कि भले ही हमारे रास्ते अलग रहे हों लेकिन लोकतंत्र में हम दोनों का हमेशा से विश्वास रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में इजरायल के लोगों ने सफलता पायी है उसकी भारत प्रशंसा करता है।

प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी का स्वागत 

इससे पूर्व एजेंसियो के मुताबिक़ 4 जुलाई को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार शाम प्रोटोकॉल तोड़कर नरेंद्र मोदी का तेल अवीव एयरपोर्ट पर वेलकम किया। नेतन्याहू ने अपनी स्पीच के दौरान हाथ जोड़कर हिंदी में कहा, "आपका स्वागत है मेरे दोस्त।" मोदी ने जवाब में शुक्रिया कहा। एयरपोर्ट पर ही दोनों नेता 18 मिनट में 3 बार गले मिले। एयरपोर्ट पर इजरायल के 11 मंत्री भी मौजूद थे। नेतन्याहू ने एक-एक कर सभी का इंट्रोडक्शन मोदी से कराया। बता दें कि इस तरह का वेलकम अमेरिकी प्रेसिडेंट और पोप के बाद सिर्फ भारतीय पीएम को हासिल हुआ है। मोदी 70 साल में इजरायल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

मोदी ने कहा- इजरायल की इकोनॉमी, बिजनेस करने का तरीका हमें प्रेरित करते हैं। 

एयरपोर्ट पर हुई वेलकम सेरेमनी में मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत हिब्रू भाषा में बाेलकर की। उन्होंने कहा, "भारत-इजरायल देशों के बीच जब से फुल डिप्लोमैटिक रिलेशंस शुरू हुए हैं, तब से रिश्तों ने तरक्की की है। इजरायल के लोगों ने यह देश डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल्स पर बनाया है। तमाम विपरीत हालात और चुनौतियों के बावजूद आपने तरक्की की। चुनौतियों को मौकों में बदला है। 41 साल पहले ऑपरेशन एंटेबे के वक्त नेतन्याहू के बड़े भाई ने बलिदान दिया था। भारत पुरानी सभ्यता वाला देश है, लेकिन काफी यंग है। भारत में 80 करोड़ लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। इजरायल की इकोनॉमी, बिजनेस करने का तरीका और दुनिया से रिश्ते हमें प्रेरित करते हैं। भारत इजरायल को अपना सबसे अहम पार्टनर मानता है। हायर टेक्निकल एजुकेशन और इनोवेशन के मामले में यह देश आगे है। इजरायल का इन सेक्टर्स में दबदबा क्रिएटिव आइडियाज लेकर आता है। हम लोग इकोनॉमिक प्रॉस्पैरिटी पर काम करने के अलावा टेररिज्म जैसी चुनौतियों से भी हमारे समाजों की हिफाजत कर रहे हैं।मुझे इजरायल में भारतीय कम्युनिटी के लोगों और यहूदियों से मुलाकात का इंतजार है। मेरा यह दौरा दोनों देशों के बीच बातचीत के नए दौर की शुरुआत करेगा। यह हमारे देशों की जनता और सोसायटी के लिए फायदेमंद साबित होगा। मैं इस जोरदार स्वागत के लिए आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।

ऑपरेशन एंटेबे का जिक्र 

ठीक 41 साल पहले यानी 4 जुलाई 1976 को यूगांडा के एंटेबे में इजरायल ने कमांडो ऑपरेशन चलाया था। वहां फलस्तीनी उग्रवादियों ने एयर फ्रांस के प्लेन को हाईजैक कर लिया था। प्लेन में 248 पैसेंजर्स सवार थे। इजरायल ने 4000 किमी दूर अपने 100 कमांडो प्लेन से भेजे। ऑपरेशन में इजरायली कमांडो लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू शहीद हो गए। योनातन मौजूदा पीएम नेतन्याहू के बड़े भाई थे।

70 साल में पहली बार किसी भारतीय पीएम की इजरायली विजिट

1950 में पहली बार भारत ने इजरायल को मान्यता दी, लेकिन 1992 में नरसिम्हाराव सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन बने। 1997 में इजरायल के पीएम एजर वीजमैन और 2003 में एरियल शेरोन भारत आए। 2003 में ही जसवंत सिंह का इजरायल दौरा हुआ। लेकिन बीते 70 साल में मोदी से पहले कोई भी भारतीय पीएम इजरायल के दौरे पर नहीं गया।

पहली बार पोप-यूएस प्रेसिडेंट के इतर किसी पीएम को ऐसा सम्मान। 

नेतन्याहू अपनी टॉप प्रोटोकॉल टीम के साथ मोदी को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। भारत में इजरायल के एम्बेसडर डेनियल कार्मन के मुताबिक, जो सम्मान मोदी को एयरपोर्ट पर दिया गया, वो सिर्फ US प्रेसिडेंट और पोप को दिया जाता है।

मीडिया में इस तरह दिखा 5 जुलाई :

नरेंद्र मोदी और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की गर्मजोशी भरी मुलाकात दोनों देशों के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मीडिया में सुर्खियों में है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि मोदी की कोशिश ट्रेड और हिस्ट्री की रुकावटों को दूर करने की है। द गार्जियन ने इस विजिट को ग्राउंडब्रेकिंग (अभूतपूर्व) बताया है। अल जज़ीरा ने विजिट पर सवाल उठाया कि रिश्तों में इस गर्माहट की वजह क्या है? बता दें कि नेतन्याहू ने जिस तरह से मोदी का वेलकम किया, इजरायल में अब तक वैसा स्वागत केवल पोप और अमेरिकी प्रेसिडेंट का हुआ है। मोदी 70 साल में इजरायल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इजरायल और वर्ल्ड मीडिया ने क्या कहा...

अल जजीरा

लंबे समय से भारत का एजेंडा प्रो अरब रहा है। अल जजीरा ने कहा, "भारत लंबे समय से प्रो-अरब एजेंडा को प्रमोट करता रहा है और हमेशा ही इजरायल के साथ संबंधों को कम तरजीह दी। इजरायल के पीएम ने मोदी का स्वागत किया। मोदी जो मई में दिल्ली में फिलिस्तीन के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास से मिले थे, रामल्लाह में फिलिस्तीनी लीडर्स से मिलने नहीं जाएंगे। दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस इम्पोर्टर भारत के लिए इजरायल सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है। रिश्तों में इस गर्माहट के पीछे वजह क्या है?'

द येरुशलम पोस्ट

मोदी पार्टनरशिप बढ़ाना चाहते हैं, रियलिस्टिक होना जरूरी। फ्रंट पेज पर मोदी और नेतन्याहू की गले मिलते हुए तीन तस्वीरें पब्लिश की हैं। न्यूज पेपर ने लिखा, "मोदी का प्लान अपने देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का है। वे इजरायल को ऐसे देश के तौर पर देख रहे हैं, जो इस काम में उनकी मदद कर सकता है। लेकिन, अब हम वास्तविकता पर गौर करते हैं। इजरायल के रिसोर्स और एबिलिटी केवल 83 लाख लोगों की है, जिसके साथ अपनी चुनौतियां हैं, वो एक सीमा तक ही जा सकता है।"

द हारेट्ज

मोदी की विजिट में संवेदनशील मसला छूट गया

हेडिंग में लिखा गया- द हग एंड अ कवरअप। न्यूज पेपर ने कहा, "2012 में दिल्ली में इजरायल के डिप्लोमैट पर हुए कथित ईरानी हमले के मामले को भारत सरकार छिपाने की कोशिश कर रही है और मोदी विजिट पर इसे किनारे कर दिया गया है। एम्बेस्डर कारमेन ने इस सवाल पर कहा कि भारत सरकार इस मसले को छिपाने की कोशिश नहीं कर रही है। लेकिन, एक सीनियर अफसर ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा, "फॉरेन मिनिस्ट्री का ऐसा मानना है कि भारत ने इस मसले को दबा दिया है। ऐसा इरानियों से जुड़े उनके दूसरे अहम फायदों को देखते हुए किया गया। उन्होंने ईरानियों से कहा कि वे भारत में इजरायल को निशाना ना बनाएं और फिर मामले को दबा दिया गया।'

न्यूयॉर्क टाइम

ट्रेड और हिस्ट्री की रुकावटें दूर करने की चाहत। न्यूज पेपर ने अपनी हेडलाइन में लिखा कि मोदी अपनी विजिट से ट्रेड और हिस्ट्री की रुकावटें दूर करने की चाहत रखते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पीआर कुमारस्वामी की एक्सपर्ट राय भी रखी। कुमारस्वामी ने कहा, "मोदी अपनी विजिट के जरिए ये बताना चाहते हैं कि इजरायल मिडल ईस्ट का बड़ा हिस्सा है। भारत-इजरायल के रिश्ते लव अफेयर की तरह हैं, जिसे मोदी ने जाहिर कर दिया। अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो आप भले ही उसे अपने हर फैसले का हिस्सा ना बनाएं,लेकिन शादी करने पर आप कहां रहेंगे, आने वाले सालों में क्या करेंगे.. सब बताना पड़ता है। मोदी रिश्तों को बदलने के साथ ही इतिहास को बदल रहे हैं।'

द गार्जियन

मोदी की विजिट ग्राउंडब्रेकिंग
न्यूज पेपर ने इजरायल में मोदी की विजट को ग्राउंड ब्रेकिंग (अभूतपूर्व) बताया है। द गार्जियन ने कहा, "इजरायल को यूनाइटेड नेशंस में साथियों की तलाश है। और, नए बिजनेस पार्टनर्स की तलाश के लिए वो मोदी की विजिट को डिप्लोमैटिक विक्ट्री के तौर पर दिखाएगा। मोदी रामल्लाह में फिलिस्तीनी लीडर्स से मिलने भी नहीं जा रहे हैं, जैसा कि यहां आने वाले लीडर्स करते हैं। इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्टर है और इजरायल उसका सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है।"

द मार्कर

जागो- दुनिया का सबसे अहम पीएम आ रहा है
द मार्कर ने अपने आर्टिकल का टाइटल दिया- जागो, दुनिया का सबसे अहम पीएम इजरायल और भारत के रिश्तों पर बात करने आ रहा है। न्यूज पेपर ने लिखा, "डोनाल्ड ट्रम्प, जिन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा, उनके उलट मोदी सवा सौ करोड़ लोगों के लीडर हैं। वे कहीं ज्यादा अहमियत दिए जाने का हक रखते हैं।"

मोशे होल्ट्जबर्ग से मुलाकात 

भास्कर डॉट कॉम और अन्य एजेंसियो के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 2008 के मुंबई आतंकी हमले में अपने माता-पिता को खोने वाले 11 साल के मोशे होल्ट्जबर्ग से मुलाकात की। इस मौके पर मोशे के दादा राब्बी होल्ट्जबर्ग और दादी मौजूद थीं। मोदी ने मोशे से पूछा- तुम फिर भारत आना चाहोगे? इस पर उसने हामी भर दी। यह पहला मौका था जब मोदी ने मुंबई हमले के किसी विक्टिम से विदेश में मुलाकात की। बता दें कि हमले के वक्त मोशे की उम्र 2 साल थी। उसे उसकी नैनी (आया) सैन्ड्रा सैमुअल ने बचाया था। मोशे ने कहा- डियर मिस्टर मोदी, मैं आपसे और भारत के लोगों से प्यार करता हूं। मोशे ने मोदी से मुलाकात के वक्त एक मैसेज पढ़कर सुनाया। उसने कहा- " मैं 11 साल का हूं। मैं अपनी नैनी (आया) के साथ रहता हूं। माता-पिता सबके साथ एक जैसा बर्ताव करते थे फिर कोई यहूदी हो या न हो। उनके दरवाजे हर किसी के लिए खुले थे। अभी मैं अपने दादा-दादी के साथ इजरायल में रहता हूं। मैं खेलना पसंद करता हूं और एक बेहतर स्टूडेंट बनने की कोशिश करता हूं। हमारी शुभकामनाएं आपके (मोदी) साथ हैं। आप प्रधानमंत्री रहें सालों तक। मैं आपसे चाहता हूं कि आप मुझे हमेशा प्यार करते रहें और मेरे परिवार को याद रखें। मैं मुंबई में रहा। मैं भारत फिर से आना चाहूंगा। डियर मिस्टर मोदी, मैं आपसे और भारत के लोगों से प्यार करता हूं। मोशे के परिवार के लोगों ने मोदी से कहा कि आप इजरायल के दोस्त हैं। इसके बाद मोदी मोशे की नैनी (आया) सैन्ड्रा से भी मिले।

मोदी ने कहा- तुम कभी भी भारत आ सकते हो

मोदी ने मोशे ने कहा- "अगर तुम मुंबई आना चाहते हो तो तुम्हारा स्वागत है। तुम और तुम्हारे परिवार को मेरी सरकार लॉन्ग टर्म वीजा देगी। तुम जब चाहो, तब आ सकते हो। जहां चाहो, वहां जा सकते हो। दादा ने कहा- मोशे एक दिन भारत जरूर जाएगा इससे पहले राब्बी होल्ट्जबर्ग ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा- " हमारे परिवार और इजरायल के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है। मैं मोदी का स्वागत करता हूं। मोशे जब बड़ा हो जाएगा। तब वह भारत जरूर जाएगा। मुंबई हमले के वक्त मोशे के माता-पिता नरीमन हाउस में रहते थे। मुंबई आतंकी हमले में मोशे की मां रिवका और पिता गेवरिल होल्ट्जबर्ग की मौत हो गई थी।आतंकियों ने नरीमन हाउस में लोगों को बंधक बना लिया था। आतंकियों ने ताज होटल, मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनल समेत कई जगहों पर फायरिंग की थी। इसके बाद आतंकी नरीमन हाउस में घुस गए थे। यहां मोशे की फैमिली को बंधक बना लिया था। इस दौरान उनके घर पर काम करने वाली सैन्ड्रा सैमुअल मोशे को लेकर छिप गई थीं। जिस वजह से उसकी जान बच गई। एनएसजी के कमांडर ने सैंड्रा और मोशे को रेस्क्यू किया था।

अपने रूल के खिलाफ इजरायल ने सैंड्रा को दी सिटीजनशिप

इजरायली गवर्नमेंट ने मोशे की जान बचाने वाली सैंड्रा की सराहना की थी। बाद में उन्हें मोशे की देखरेख के लिए इजरायल आने के लिए इनवाइट किया था। सैंड्रा का भी मोशे और उसकी फैमिली से काफी लगाव था। मोशे अक्सर सैंड्रा के साथ ही रहा करता था। यही वजह थी कि सैंड्रा इजरायल जाने के लिए तैयार हो गईं। इजरायल में यहूदियों के अलावा किसी को भी वहां की नागरिकता नहीं मिलती, लेकिन सैंड्रा को इजरायल की नागरिकता दी गई और वे मोशे के दादा-दादी के साथ ही रहती हैं। मोशे अब 11 साल का होने जा रहा है। एक इंग्लिश चैनल को दिए इंटरव्यू में सैंड्रा ने बताया कि जब मोशे 2 साल का था, तब उसे राजमा और भिंडी की सब्जी काफी पसंद थी। आज भी मोशे को इंडियन फूड्स काफी पसंद हैं और सैंड्रा इजरायल में उसके लिए अक्सर इंडियन फूड्स पकाती हैं।


लेखक भारत संस्कृति न्यास नयी दिल्ली के अध्यक्ष और अपना भारत साप्ताहिक के सम्पादक विचार हैं।

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