[मैंने इस ब्लॉग को काफी समय पूर्व लिखा था, और एक ब्लोगिंग साईट पर पोस्ट किया था | किन्तु इसे और मेरे सभी ब्लॉग को वहां से हटा दिया गया |...
(1) अपेक्षाकृत कम समृद्ध पूर्वी और दक्षिणी यूरोपीय देश, विशेष रूप से गैर यूरोपीय संघ के देश : बेलारूस, अल्बानियन, बल्गेरियाई, मोल्दोवियन, बोस्नियन, तुर्क
श्रेणी 2, इसमें गैर-तेल उत्पादक अरब देश आते है, जैसे फ़िलिस्तीनी, सीरियाई, लेबनानी, मिस्र के लोग; श्रेणी 4, में मुस्लिम अफ्रीकी है, उदाहरण - मोरक्को, सूडानी, सोमाली; और श्रेणी 7, में दक्षिण एशियाई मुसलमान हैं, मुख्य रूप से पाकिस्तानी, भारतीय और बांग्लादेशी – इनका केवल तेल से अमीर अरब देशों के अलावा कहीं भी स्वागत नहीं होगा, क्योंकि वे मुसलमान हैं, और 9/11 (साथ ही लन्दन के 7/7 और मुंबई के 26/11) आज एक वास्तविकता है। मुसलमान तेजी से बढ़ते हैं, क्योंकि वे छोटे परिवारों में विश्वास नहीं करते । मुसलमान सहअस्तित्व कतई नहीं मानते, अतः कुछ समय बाद ही अलग स्कूलों की मांग करते हैं, अलग ड्रेस कोड, यहां तक कि पृथक कानून भी। इसमें जेहाद के कर्तव्य को भी जोड़ लें, जो कि हर गैर-मुस्लिम के साथ युद्ध की घोषणा है – और हर मुस्लिम पर लागू होती है, जिसमें यह वायदा किया गया है कि यदि वे गैर मुस्लिम को मारेंगे तो उन्हें स्वर्ग में हूरें मिलेंगी, और इसी कारण उनका स्वागत नहीं किया जाएगा |

मध्यप्रदेश समाचार
पिछले माह पेज देखे जाने की संख्या
विज्ञापन 2011
/fa-clock-o/ सप्ताह की लोकप्रिय पोस्ट $type=list
-
सिकन्दर लोदी (1489-1517) के शासनकाल से पहले पूरे भारतीय इतिहास में 'चमार' नाम की किसी जाति का उल्लेख नहीं मिलता | आज जिन्हें हम ...
-
( इस लेख का उद्धेश्य किसी वर्ग विशेष की भावनायें आहत करना नहीं बल्कि भगवान बुद्ध के नाम से जातिवाद की गन्दी राजनीति करने वालों की वास्तव...
-
जब लोग कहते हैं कि विश्व में केवल एक ही हिन्दू देश है तो यह पूरी तरह गलत है यह बात केवल वे ही कह सकते हैं जो हिन्दू की परिभाषा को नहीं जानते...
-
1857 की क्रांति, अर्थात अंग्रेंजो (ईस्ट इंडिया कंपनी) के दमनकारी शासन के खिलाफ बुलंद हुई वह आवाज, जिसने स्वतंत्रता की बुनियाद रखी । यदि ...
COMMENTS