एक बुनियादी सवाल – जब निकाह के लिए लड़की का कुबूलनामा जरूरी होता है तो तलाक में उसके कुबूलनामे को अहमियत क्यों नहीं दी जाती? संभवतः इसी...
तीन तलाक को जब विश्व में कट्टरता के प्रतीक बन चुके पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित 22 मुस्लिम देशों ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है, फिर वह क्यों उसे भारत जैसे सहिष्णु देश में बना रहना चाहिए? सर्वोच्च न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है, इससे देश की नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। सीधे तौर पर और अप्रत्यक्ष रूप से उनके ऊपर होनेवाले अत्याचारों में कमी आएगी।
(अंत में प्रख्यात लेखिका डॉ. नीलम महेंद्र के यह विचार ध्यान देने योग्य हैं - सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है लेकिन मूल प्रश्न यह है कि क्या यह फैसला मुस्लिम पुरुषों की सोच भी बदल सकता है? जिस खुशी के साथ महिलाओं ने इस फैसले का स्वागत किया है क्या पुरुष भी उतनी ही खुशी के साथ इसे स्वीकार कर पाएंगे?

मध्यप्रदेश समाचार
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