वीआईपी कल्चर खत्म करने के उद्देश्य से जब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मई 2017 में वाहनों पर से लालबत्ती हटाने सम्बन्धी आदेश जारी किया गया तो...
जिस प्रकार देश के व्यापारी से सरकार हर साल असेसमेन्ट लेती है और अपने व्यापार में वो पारदर्शिता अपनाए इसकी अपेक्षा ही नहीं करती बल्कि कानूनों से सुनिश्चित भी करती है, नेताओं को भी हर पांच साल में जनता के दरबार में जाकर परीक्षा देनी पड़ती है, उसी प्रकार हर सरकारी कर्मचारी की सम्पत्ति का भी सालाना एसेसमेन्ट किया जाए, उनके द्वारा किए जाने वाले मासिक खर्च का उनकी मासिक आय के आधार पर आंकलन किया जाए, उनके बच्चों के देसी या विदेशी स्कूलों की फीस, उनके ब्रांडेड कपड़े और फाइव स्टार कल्चर, महंगी गाड़ियों को कौन स्पान्सर कर रहा है इसकी जांच हर साल कराई जाए। कुछ पारदर्शिता की अपेक्षा सरकारी अधिकारियों से भी की जाए तो शायद वीआईपी संस्कृति का जड़ सहित नाश हो पाए।

मध्यप्रदेश समाचार
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