शिवराज सरकार की तटस्थ समीक्षा – किस करबट बैठेगा ऊँट २०१८ में ? - डॉ नीलम महेंद्र

SHARE:

8 दिसम्बर 2003 से 23 अगस्त 2004 तक मलहारा के विधायक उमा भारती की नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही. 23 अगस्त 2004 से 29 नवम्बर...




8 दिसम्बर 2003 से 23 अगस्त 2004 तक मलहारा के विधायक उमा भारती की नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही.
23 अगस्त 2004 से 29 नवम्बर 2005 तक गोविंदपुरा विधायक बाबुलाल गौर ने मध्यप्रदेश का दिशा निर्देशन किया.
इसके बाद श्री शिव राज सिंह चौहान के नेतृत्व में 3 दिसम्बर 2008 से मध्यप्रदेश का दिशा निर्देशन शुरु हुआ जो 2018 तक चलेगा.

2018 में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों का समय जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे प्रदेश में राजनैतिक हलचल भी तेज होती जा रही है।

वैसे तो प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बीते 14 सालों से सत्ता में है लेकिन शिवराज शासन की अगर बात की जाए तो विगत 12 वर्षों से प्रदेश की बागडोर उनके हाथों में है। इन बारह सालों में शिवराज सिंह सरकार के नाम कई उपलब्धियाँ रहीं तो कुछ दाग भी उसके दामन पर लगे।

**** उपलब्धियां *****

अगर उपलब्धियों की बात की जाए तो उनकी सबसे बड़ी सफलता मप्र के माथे से बीमारू राज्य का तमगा हटाना रहा।
बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आज मप्र सरप्लस स्टेट में शामिल है,यहाँ 15500 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है जबकि मांग सामान्यतः 6000 मेगावाट और रबी सीजन में अधिकतम 10000 मेगावाट रहती है।
अटल ज्योति योजना के अन्तर्गत 24 घंटे बिजली देना एक महत्वपूर्ण कदम रहा।हालांकि बिजली आपूर्ति के इन्फ्रास्टकचर का विकास हुआ है लेकिन देश के बाकी राज्यों के मुकाबले यह सबसे अधिक बिजली टैरिफ वाले राज्यों में शामिल है।
**** पर्यटन क्षेत्र ‘हिन्दुस्तान का दिल देखो’******
—–सड़कों की अगर बात की जाए तो गाँवों तक पहुँच आसान हो गई है।—-
पर्यटन के क्षेत्र में ‘हिन्दुस्तान का दिल देखो’ ऐड कैम्पेन से मप्र ने देश में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया, इसके लिए 2008 में यूएस द्वारा मप्र को पर्यटन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया और वर्ष 2015 में छह राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते।
**** कृषि क्षेत्र ***
लगातार चार बार कृषि कर्मण अवार्ड जीतने वाला देश का पहला राज्य बना,108 एम्बुलेंस,जननी योजना,लाडली लक्ष्मी योजना,मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना,शिवराज सरकार की वो उलब्धियाँ हैं जिन पर वो बेशक अपनी पीठ थपथपा सकती है.
**** निवेश क्षेत्र ****
यह सत्य है कि विभिन्न क्षेत्रो में आशातीत निवेश न हुआ है लेकिन यह भी नही है कि निवेश हुआ ही नही है –निवेश क्षेत्र–आईटी, औटॉमोबाईल, रक्षा,इनर्जी, फार्मास्यूटिकल, टैक्सटाईल,पर्यटन.
सिंगलविंडो के माध्यम से तीब्रगति से एक महिने के अंदर सरकारी प्रक्रिया पूरी की जा रही है, औद्योगिक लैंड बैंक कि व्यवस्था भी सिर्फ मध्यप्रदेश में ही है .

*** कई मोर्चों पर चूक***

कई मोर्चों पर उनसे चूक भी हुई वरना 2015 में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले रतलाम और झाबुआ लोकसभा सीट उप चुनाव के लिए बतौर सीएम रहते हुए दर्जन भर सभाएँ,15 मंत्रियों,16 सांसदों,60 विधायकों के साथ चुनाव प्रचार एवं 1500 करोड़ की घोषणाओं के बावजूद शिवराज की झोली में हार क्यों आई? देवास में जीत का अन्तर भी चेहरे पर खुशी लाने वाला नहीं माथे पर बल लाने वाला रहा।
हालात की अगर समीक्षा की जाए तो भले ही सरकार अपनी उपलब्धियों को आज अखबारों में बड़े- बड़े विज्ञापनों से राज्य में तरक्की का श्रेय ले रही हो लेकिन धरातल पर शिवराज सरकार की लोकप्रियता में निश्चित ही कमी आई है।

**** आत्मघाती मुद्दे ****

व्यापम घोटाला भ्रष्टाचार की सारे हदें पार गया क्योंकि सैंकडों छात्रों और गवाहों की मौत का कलंक दामन से मिट नही सकता है , इतना ही नहीं किसान आंदोलन में किसानों पर गोली चलाना एक बहुत ही गलत कदम रहा।
दरअसल यह सरकार के अति-आत्मविश्वास एवं प्रशासन तंत्र द्वारा गलत फीडबैक का नतीजा रहा।
स्वयं को किसान का बेटा कहने वाले शिवराज के 13 वर्षों के शासन में, खुद मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में जारी आंकड़ों के अनुसार 15129 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि राज्य में चार सालों में कृषि विकास दर 20% बढ़ी है तो दूसरी तरफ उसके पास इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं है कि प्रदेश का किसान असंतुष्ट क्यों है ?
—- कभी प्याज तो कभी टमाटर सड़क पर फेंकने के लिए मजबूर क्यों है?—-
कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार कृषि की खेती के सामान खरीदी में प्रदेश में 261 करोड़ की धांधली हुई है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बात की जाए तो उनमें भी गिरावट आई है। शिशु- मृत्यु दर और कुपोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में ढेर सारे इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने के बावजूद उनमें से न तो अच्छे इंजीनियर निकल रहे हैं न ही इन कालेजों से निकलने वाले युवाओं को नौकरी मिल पा रही है जिसके कारण बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है।
प्रदेश में अवैध खनन ने भी सरकार की साख ही नहीं राज्य के राजस्व पर भी गहरा वार किया है।

******** असफलताओं का कारण **********

अगर सरकार की नाकामयाबियों के कारणों को टटोला जाए तो बात प्रदेश की नौकरशाही पर आकर रुक जाती है।
संघ की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तक ने नौकरशाही के हावी होने का मुद्दा उठाया था।
प्रदेश की बेलगाम और भ्रष्टाचार में डूबी ब्यूरोक्रेसी के कारण प्रदेश में न तो गुड गवर्नेस हो पा रही है न ही सरकार द्वारा घोषित योजनाओं का क्रियान्वयन हो पा रहा है।

*** आंतरिक कलह में कांग्रेस और भाजपा में कौन आगे ****

तो देखना दिलचस्प होगा कि जिस भाजपा सरकार को प्रदेश की जनता ने लगातार तीन बार सिर आँखों पर बैठाया वो शिवराज की प्रशासन और नौकरशाहों पर उनकी ढीली होती पकड़ के कारण विपक्ष का रास्ता दिखाएगी या फिर इकलौती आशा की किरण – “काँग्रेस की आपसी फूट एवं किसी और बेहतर विकल्प के अभाव” में एक मौका और देगी। 

(बैसे इस बार आतंरिक फूट के मामले में भाजपा भी कांग्रेस से ज्यादा पीछे नहीं रहने वाली | अँधा बांटे रेवडी, चीन्ह चीन्ह के देय, की तर्ज पर संगठन को ताक पर रखकर चहेतों को ही लाभान्वित करने की वृत्ति ने, भाजपा के तत्वनिष्ठ कार्यकर्ता को भी अत्याधिक निराश किया है | इस हद तक कि उनमें से अधिकाँश तटस्थ मुद्रा में घर बैठकर तमाशा देखने की मुद्रा में हैं तो कई खुले विद्रोह के मूड में | देखना है कि कांग्रेस की झूठन और बमन पर आश्रित भाजपा कितना प्रभावी प्रदर्शन करेगी | - सम्पादक )

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,24,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,11,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,90,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1126,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,904,शिवपुरी समाचार,324,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : शिवराज सरकार की तटस्थ समीक्षा – किस करबट बैठेगा ऊँट २०१८ में ? - डॉ नीलम महेंद्र
शिवराज सरकार की तटस्थ समीक्षा – किस करबट बैठेगा ऊँट २०१८ में ? - डॉ नीलम महेंद्र
https://4.bp.blogspot.com/-DqaMNetH2FE/Wdtlbbyu8nI/AAAAAAAAIxg/AX7CqimGuHYu8P1-uq_TXdyUpknZ8lnMQCLcBGAs/s1600/dr.%2Bnilam%2Bmahendra.jpg
https://4.bp.blogspot.com/-DqaMNetH2FE/Wdtlbbyu8nI/AAAAAAAAIxg/AX7CqimGuHYu8P1-uq_TXdyUpknZ8lnMQCLcBGAs/s72-c/dr.%2Bnilam%2Bmahendra.jpg
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2017/10/Review-of-Shivraj-Raj-Who-Will-Win-in-2018.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2017/10/Review-of-Shivraj-Raj-Who-Will-Win-in-2018.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy