गुजरात में कांग्रेस के प्लस माईनस


अस्सी के दशक से कांग्रेस खाम यानी क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम समीकरण पर काम करती रही है | आदिवासी हमेशा पूरी तरह से कांग्रेस के साथ रहे । किन्तु इस बार आत्मविश्वास की कमी कहें या कुछ और कि कांग्रेस ने छोटू भाई वसावा को साधने का प्रयत्न किया उनके मोर्चे को पांच टिकट दी । नतीजतन कांग्रेस के ही कई नेता दबी जुबान से कह रहे हैं कि आदिवासियों के लिए अलग से किसी चेहरे की जरूरत क्या थी, अकारण ये पांच सीटें छोडी गईं ।
इसी तरह दलित भी लगभग पूरी तरह से कांग्रेस के साथ रहता आया है, पर उस वोट के लिए भी कांग्रेस नेतृत्व जिस प्रकार जिग्नेश मेवानी के आगे पीछे घूमा और उनके नखरे उठाए, उससे भी कांग्रेस के स्थानीय नेता हैरत में हैं | उनमें से कईयों का मानना है कि मेवानी को ज्यादा तरजीह देने से भी कांग्रेस को फायदे की जगह नुकसान ही हो सकता है।
इसी प्रकार जब मोदी विरोधी पाटीदार यह कह रहे थे कि उनका मकसद भाजपा को हराना ही है, तो पटेल वोट के लालच में हार्दिक पटेल के साथ महीनों तक बातचीत करने का क्या औचित्य था ?
अहमद पटेल को भले ही कांग्रेस ने अपना चेहरा बनाया हो, किन्तु सचाई यह है कि रणनीतिक स्तर पर उनकी भूमिका भी सीमित ही है | सारी चुनावी जमावट राहुल जी की विराट दूरदृष्टि और उनकी नई टीम के अनुसार हो रही है |
और उनकी नई टीम क्या कर रही है, जरा इस पर भी गौर कीजिए –
भाजपा और खुद प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी गुजरात चुनाव को गुजराती गौरव और अस्मिता के नाम पर लड़ रहे हैं। इस देख कर ही राहुल ने उनके प्रति कुछ भी अपमानजनक नहीं बोलने को कहा था। पर उनके कहे की अनदेखी करके यूथ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री का मजाक उड़ा दिया और वह भी बेहद अश्लील तरीके से।  
पिछले दिनों यूथ कांग्रेस ने एक कार्टून अपनी वेबसाइट पर प्रसारित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमजोर अंग्रेजी का मजाक उड़ाया गया है। कार्टून में प्रधान मंत्री मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा की बातचीत प्रसारित की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी मीम को मे मे कहते हैं और ट्रंप उनकी गलती सुधारते हैं, किन्तु इसी बीच मे टेरिजा कहती हैं कि तू तो चाय बेच!
यूथ कांग्रेस ने वहीं गलती की है, जो 2014 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने की थी। उन्होंने कांग्रेस के अधिवेशन में मोदी का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि वे इस जन्म में देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं, लेकिन वे चाहें तो कांग्रेस अधिवेशन में उनको चाय बेचने की इजाजत मिल सकती है। अय्यर का यह अहंकार कितना भारी पड़ा, वह सब जानते हैं।
भाजपा ने स्वाभाविक ही गुजरात चुनाव में इसे मुद्दा बना भी दिया है व इसको गुजरात गौरव पर हमले की तरह प्रचारित कर रही है और कह रही है कि इससे कांग्रेस की अंग्रेजी मानसिकता जाहिर हुई है।

जब औसत गुजराती इस बात पर प्रसन्न और गौरवान्वित है कि उनके प्रदेश का एक सामान्य व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर है, राहुल जी की युवा ब्रिगेड का यह मजाक उन्हें बहुत भारी पड़ सकता है |
(बैसे अंग्रेजी के meme का उच्चारण मीम होता है, जो एक यूनानी शब्द है, जिसका अर्थ नक़ल उतारना होता है)
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