कहीं शिवपुरी में तो सक्रिय नहीं हो चुका है नकली किन्नर बनाने वाला गिरोह ?

देश में आज किन्नरों कि बढती संख्या को दख कर हर कोई हैरान है ! मध्यप्रदेश के शिवपुरी शहर में भी अचानक से इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन इतनी अधिक संख्या में विगत कुछ समय में यह किन्नर आये कहाँ से यह कौतुहल और जांच का विषय है ! अगर इसकी जांच होती है तो इसके पीछे शल्य चिकित्सा के माध्यम से किन्नर बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होना संभव है ! 

एक संस्था ने नब्बे के दशक में इस विषय पर एक सर्वे पूरे देश में कराया था जिसमे चौकाने वाले आंकड़े सामने आये थे ! इन आंकड़ों में सामने आया था कि देश में मात्र एक हजार के लगभग ही असली किन्नर है लेकिन इतने किन्नर तो आज देश के एक छोटे से राज्य भर में नजर आ जाते है और मात्र शिवपुरी शहर कि बात करें तो यहाँ वर्तमान में 100 से अधिक किन्नर दिखाई दे जायेंगे जिनकी संख्या में विगत कुछ वर्षों में ही बढ़ोत्तरी हुई है !

इसी संस्था के सर्वे में यह बात भी निकल कर सामने आई थी कि यह पूरा नेटवर्क उगाही से जुड़ा हुआ है ! इस गिरोह के द्वारा छोटे-छोटे बच्चों को जबरन किन्नर बना दिया जाता है ! सबसे गंभीर बात यह है कि सरकार इनकी जांच किये बिना ही इन्हें शहर में उगाही की अनुमति प्रदान कर देती है ! इस अनुमति से इनके हौसले और बुलंदी पर है ! एक तरफ देश में भीख मांगने वाला गुनहगार और भीख देने वाला गुनाहगार माना जाता है वहीँ दूसरी ओर यहीं कानून किन्नरों को जबरन उगाही के लिए न सिर्फ अनुमति प्रदान करता है बल्कि उसे प्रेरित करता है ! अगर सरकार इस ओर ध्यान देकर ऐसे गिरोह पर शिकंजा कसती है तो आम नागरिक भी ऐसे लोगों के द्वारा अनैतिक तंग किये जाने से बचेंगे ! 

शिवपुरी की बात करें तो यहाँ अचानक से ऐसे किन्नर जिन की आयु 16 से 20 वर्ष के बीच है की संख्या में विगत कुछ समय में तेजी से इजाफा हुआ है ! अचानक से शहर में नजर आने वाले युवा किन्नर सुबह से शाम तक शहर की चाय की दुकानों, ढाबों पर नजर आ जाते है ! इन तथाकथित किन्नरों को पहचान कर यदि इनके अतीत की जानकारी ली जाए तो निश्चित ही कई चौकाने वाली जानकारियाँ सामने आना निश्चित है ! शहर में अचानक से प्रकट हुए इन तथाकथित किन्नरों का अधिकांश समय ऑटो रिक्शा चालकों के साथ भी गुजरता है ! रात्री के समय यह तथाकथित युवा किन्नर शहर के ग्वालियर और गुना बाईपास पर भी आसानी से देखे जा सकते है !

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन तथाकथित किन्नरों कि घनिष्ठता एक विकलांग अधेड़ उम्र के व्यक्ति से अधिक है ! यह व्यक्ति पूर्व में कई होटलों, ढाबों पर बर्तन धोने का कार्य करता था जिसे उसकी संधिग्द गतिविधियों के चलते एक के बाद एक होटलों से निकाला जा चुका है एवं कई बार इन होटलों पर कार्य करते हुए इसी व्यक्ति पर कई युवाओं के परिजनों के द्वारा अपने बच्चों को बरगला कर कुछ अनैतिक कार्य में संलग्न करने का आरोप सार्वजनिक रूप से लगाते हुए कई प्रत्यक्षदर्शियों ने देखा व सुना है ! अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या अब भी शहर में इन तथाकथित किन्नरों की संख्या बढती रहेगी या शहर में ऐसे विवादास्पद व्यक्तियों को जांच की जद में लेकर प्रशासन इनसे सख्त लहजे में पूछताछ करने की हिम्मत कर पायेगा क्यूंकि इनके अनैतिक कार्यों को रोकना तभी संभव है जब सरकारी नियम इस विषय पर नकेल कसें !

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