रोजगार के अभाव की समस्या से ग्रस्त शिवपुरी डंडाबैंक के चंगुल में, फंस रहे युवा, बेच रहे घर-जमीन !

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में अवैध ब्याज वसूली के जाल में युवा फंसते जा रहे हैं ! नौबत यहां तक आ पहुंची कि ब्याज नहीं चुका पाने की स्थिति में वे घर की सम्पत्ति को कोडियों के भाव बेच रहे हैं ! रुपयों का इंतजाम नहीं होने पर घर छोड़कर जा रहे हैं या उन पर दबंगई दिखा कर सूद्खोरों के द्वारा अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है !

जानकार सूत्रों के अनुसार यहां गिरोह के रूप में ऐसे लोग सक्रिय हैं जो युवाओं को रुपए उधार देने का लालच दे रहे हैं ! जाल में फंसने के बाद उससे चोरी-छिपे कई गुना अधिक ब्याज वसूल रहे हैं ! उनसे सम्पत्तियां स्टॉम्प पर लिखा रहे हैं ! हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें उधारी के नाम पर युवकों ने घर की सम्पत्ति को स्टॉम्प पर लिख दिया ! अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते कई तो पुलिस तक नहीं पहुंच रहे जिससे पुलिस भी आरोपियों पर कार्यवाही करने में असमर्थ दिखाई देती रही है परन्तु वर्तमान जिला एसपी के अवैध सूदखोरों पर सख्ती किये जाने के बाद अब इन अवैध सूदखोरों की हालत पतली होती दिखाई पड़ रही है वहीँ पीढित वर्ग का एक बड़ा तबका अपने ऊपर हो रहे इस अन्याय के विरुद्ध मुखर होकर आवाज उठाने की हिम्मत करता दिखाई पड़ रहा है !

राजनैतिक दलों की आड़ में चल रहा है पूरा का पूरा नेटवर्क

जिले में अवैध सूदखोरी के इस धंधे में राजनैतिक दलों से सम्बंधित व्यक्ति भी महत्वपूर्ण भूमिका में भी है या यूं कहें कि राजनीति में वह केवल इस धंधे को निरतंरता प्रदान करने के लिए ही है ! अपने राजनैतिक पदों का सहारा लेकर अभी तक इन राजनैतिक व्यक्तियों ने इस धंधे को बड़ी तेज गति से बढाया है परन्तु वर्तमान पुलिस प्रशासन के द्वारा ऐसे राजनीतिज्ञों को चिन्हित कर इन्हें तव्वजों देना बंद कर दिया है जिसके बाद इस गिरोह में हडकंम्प का माहौल निर्मित हो चुका है !

बैंक अधिकारी-कर्मचारियों से साठ-गांठ की भी है चर्चाएं

शहर में चर्चाएँ है कि इन अवैध सूदखोरों के द्वारा बैंक अधिकारी-कर्मचारियों के साथ भी साठ-गांठ की हुई है जिसके द्वारा यह लोग बैंक से कम ब्याज पर पैसा उठा कर मनमानी ब्याज दर पर मजबूर लोगों को पैसा बांटते है ! यह एक बहुत बड़ा जांच का विषय है जिसकी जांच होने पर सामने कई बड़े और स्वच्छ छवि का लबादा ओढे व्यक्तियों के नामों का सामने आने का अंदाजा है !

वर्तमान सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध आम जनता को भड़काने का कर रहे है कार्य

यह अवैध सूदखोर आम जन को प्रदान करने के उद्धेश्य से बैंकों को मिले धन को एक ओर तो बैंक कर्मचारियों-अधिकारियों से साठ-गाँठ कर स्वयं कम ब्याज दर पर अपने या अपने सहयोगियों के माध्यम से निकालते है और बड़ी ब्याज दर पर इस पैसे को जरूरतमंद लोगों को देते है ! वहीँ दूसरी तरफ बैंकों के चक्कर लगा कर हारे थके जरूरत मंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए यह सूदखोर पैसा देते समय स्वयं को इनकी नजरों में मसीहा बताते हुए सरकार और उनके जनप्रतिनिधियों को यह कहकर कोसते है कि इनकी बनायीं गयी आम जनता के लिए योजनायें आम जन तक पहुँच ही नहीं रही जबकि इन योजनाओं पर अधिकारी-कर्मचारियों के मेलजोल से अवैध कब्ज़ा इन्ही सूदखोरों के द्वारा किया जा रहा है ! यह सब एक बड़े षड़यंत्र के तहत किया जा रहा है क्यूंकि इस अवैध सूदखोरी क धंधे से जुड़े तमाम व्यक्तियों की राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं सर्वज्ञात है !

डब्बा, आईपीएल सट्टे कारोबारियों के तार जुड़े हुए है इन सूदखोरों से

शहर में व्याप्त बेरोजगारी की समस्या से त्रस्त युवाओं को अनैतिक कार्यों में लिप्त करने के पीछे भी इन्ही लोगों के हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता है ! इन घृणित कार्यों में डब्बा कारोबार, आईपीएल सट्टा जैसे कारोबार प्रमुख है ! ऐसे लोग जो इन कारोबार को संचालित करते है उनके तार भी कहीं न कहीं इन अवैध सूदखोरों से जुड़े हुए है जिसकी जांच भी गंभीरता के साथ होना आवश्यक है !

जिले के तमाम सफ़ेदपोशों की संताने फंसी हुई है इस दलदल में

ऐसा नहीं है कि इस घृणित कार्य में लिप्त व्यक्ति या इनसे पीढित व्यक्ति किसी आम परिवार से ही सम्बन्ध रखते है बल्कि कई पीढित व्यक्ति तो ऐसे है जो समाज में अपनी साफ़ सुथरी छवि के लिए प्रसिद्द है परन्तु उनमें से अधिकांश लोगों को तो अभी तक यह पता ही नहीं है कि उनकी युवा संतानें किस भीषण दलदल में फंस चुकी है ! इसमें वर्तमान सत्ता और प्रमुख विपक्ष दल दोनों के नेता पुत्रों की भी भारी संख्या है !

बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया ही मूल मंत्र है इन डंडाबैंक संचालकों का

यह डंडाबैंक संचालक “न बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया” की तर्ज पर शहर में इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहे है ! कई ऐसे प्रकरण शहर में चर्चाओं में आम है जिसमे इनके द्वारा की गयी दरिंदगी के चलते लोगों की जान चली जाना मालूम होती है ! जिससे ज्ञात होता है कि इन लोगों के ह्रदय में मानवता नामक शब्द के लिए भी स्थान नहीं है !

शहर की हर गली में मौजूद है पीढित

अवैध सूदखोरी के शहर में बढ़ते प्रभाव को ऐसे समझा जा सकता है कि शहर की शायद ही कोई गली शेष हो जहाँ इस समस्या से पीढित व्यक्ति न हो ! शहर की हर गली म इनके एजेंट मौजूद है और लोग दिन प्रतिदिन इन सूदखोरों के चंगुल में फंसते जा रहे है ! सब्जी का ठेला लगाने वाले, मिस्त्री, होटल में कार्य करने वाले, हलवाई के कार्य में संलग्न, किराना कारोबारी, फल विक्रेता आदि तमाम लोग इन सूदखोरों के चंगुल में बहुत ही बुरी तरह से गिरफ्त में आ चुके है ! 

सामाजिक जागरूकता की है आवश्यकता

हैरान करने वाली बात है कि जिले में इस तरह का अवैध कारोबार खुलेआम संचालित किया जा रहा है परन्तु समाज के जिम्मेदार लोगों के द्वारा इस बुराई के प्रति कोई भी कदम उठाया नहीं जा रहा है जबकि वर्तमान में इस समस्या से शहर का प्रत्येक वर्ग अवगत है ! जिस प्रकार से शहर की तमाम समस्याओं के विरुद्ध समाज से ही आवाजें उठती रहीं है उसी प्रकार अब आवश्यकता है इस अवैध सूदखोरी के विरुद्ध आवाज उठाने कि क्यूंकि वर्तमान पुलिस प्रशासन इन अवैध सूदखोरों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के मूड में आ चुका है !

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