अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस (10 दिसंबर ) पर विशेष अन्याय के खिलाफ संघर्ष तथा मनुष्य को उसके प्रकृति प्रदत्त अधिकार दिलाने के लिए स...
इसी तरह ईसा से दो हजार वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने भी कहा था, "छोड़ा मैंने यह मनुज काय, बहुजन हिताय बहुजन सुखाय"। अशोक के आदेश पत्र आदि अनेकों प्राचीन दस्तावेजों एवं विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक पुस्तकों में अनेक ऐसी अवधारणाएं हैं जिन्हें मानवाधिकार के रूप में चिह्नित किया जा सकता है। आधुनिक युग में महात्मा गांधी ने भी मानव अधिकार एवं मानवीय कल्याण की परंपरा को आगे बढ़ाया। दक्षिण अफ्रीका की रंगभेदी सरकार के खिलाफ उनका आंदोलन हो या भारत की आजादी के लिए उनका असहयोग आंदोलन; मुख्य मकसद मानवाधिकार की रक्षा ही रहा।

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