डंडा बैंक की प्रताड़ना ने एक और युवा को पहुँचाया मौत के द्वार पर !

शिवपुरी जिले के लिए नासूर बन चुकी डंडा बैंक नामक बीमारी दिन प्रतिदिन किसी न किसी व्यक्ति को काल के गाल में धकेलती जा रही है ! इसी क्रम में कल दिनांक 30 जनवरी को रात्री लगभग 7.30 बजे शहर के एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाले युवा मयंक शर्मा निवासी तारकेश्वरी कॉलोनी ने मनोज शर्मा “श्रीधर” निवासी सेसई हाल निवासी कृष्णपुरम कॉलोनी की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान देने का प्रयत्न किया ! मयंक इस समय ग्वालियर के बिरला अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है !

प्राप्त जानकारी के अनुसार मयंक शर्मा एक सभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखता है ! मयंक के पिताजी ईसागढ़ में गुना ग्रामीण बैंक में ब्रांच मेनेजर के पद पर पदस्थ है ! मयंक ने खोंकर प्रायमरी विद्यालय म पदस्थ शासकीय शिक्षक मनोज शर्मा “श्रीधर” जो कि पत्ती का कारोबारी भी है स 1 लाख 50 हजार रुपये 10 प्रतिशत ब्याज दर पर लिए थे ! जिसके बदले मयंक ने मनोज को एक चेक 1.50 हजार का एवं एक कोरा हस्ताक्षर किया हुआ चेक मनोज को दिया था ! मयंक ने 6 माह तक ब्याज नियमित रूप से दिया जिसके उपरांत कुछ कारणों से मयंक, मनोज को दो माह का ब्याज नहीं दे पाया जिसके बाद मनोज ने मयंक के साथ मारपीट कर डाली और उस पर पेनल्टी के रूप में 1 लाख रुपये वसूले ! इसके बाद भी मनोज की प्रताड़ना कम नहीं हुई एवं उसके द्वारा मयंक से और अधिक पैसों की मांग की जाती रही जिसे पूरा करने के लिए मयंक ने अपनी पत्नी के जेवर भी मनोज को दे दिए ! पत्नी के जेवर मनोज को देने के बाद जब मयंक ने अपने चेक मनोज से वापस करने को कहा तो मनोज ने 2 लाख रुपयों की ओर मांग की एवं 2 लाख रुपये न देने पर दूसरे माध्यमों से पैसा वसूल करने की धमकी दी गयी ! जिससे तंग आकर मयंक ने किसी विषैले पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय लिया !

विषैले पदार्थ का सेवन करने के बाद जब मयंक की तबियत बिगड़ना प्रारंभ हुई तब उसके परिजन एवं मित्र उसे तुरंत जिला चिकित्सालय लेकर आये जहाँ बिगड़ती हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने मयंक को ग्वालियर ले जाने की सलाह उसके परिजनों को दी ! जिसके पश्चात मयंक को ग्वालियर स्थित बिरला अस्पताल ले जाया गया जहाँ अभी भी उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है ! समाचार लिखे जाने तक पुलिस की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गयी है जबकि जहरीले पदार्थ का सेवन करने से पूर्व मयंक के द्वारा पूरी घटना का उल्लेख एक पत्र के मध्यम से किया था ! वह पत्र इस समय देहात पुलिस के पास मौजूद है !

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