शिवपुरी - डंडा बैंक की प्रताड़ना से शहर में मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी, एक और पीढित ने की आत्महत्या


कभी सिंधिया स्टेट की ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम से चर्चित, भगवान् शिव के नाम से जाना जाने वाला मध्यप्रदेश का शहर शिवपुरी इन दिनों "डंडाबैंक" नामक जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर मौतों की नगरी के नाम से जाना जाने लगा है ! यह एक बेहद कड़वा सत्य है जिससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि महज कुछ वर्षों में "डंडा बैंक" नामक बीमारी ने शहर में न सिर्फ जबरदस्त रूप से अपना जाल फैलाया है बल्कि बड़े ही अल्प समय में बहुत अधिक जन हानि का नुक्सान भी पहुँचाया है ! "डंडा बैंक" की प्रताड़ना से शहर में जारी मौतों के इसी क्रम में आज पुनः एक युवक ने जहरीला पदार्थ निगल कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली !

प्राप्त जानकारी के अनुसार गांधी कॉलोनी के पीछे कुशवाह के बगीचे का निवासी प्रवीण कुशवाह पुत्र हरिसिंह कुशवाह उम्र लगभग 28 वर्ष ने अपने ही रिश्तेदार मनीष कुशवाह से कुछ रुपयों का लेनदेन किया था और प्रवीण कुछ समय से मनीष को ब्याज की राशी देने में असमर्थ था जिसके चलते मनीष विगत 15 दिनों से प्रवीण पर जल्द ही पैसे देने का दवाब बनाते हुए उससे गाली गलोंच कर रहा था और 9 तारीख को भी मनीष और प्रवीण के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर कुछ मुंहवाद हुआ जिसके चलते 10 तारीख को दोपहर लगभग 1 बजे प्रवीण ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया ! इसके बाद प्रवीण की तबियत बिगडती देख उसे जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहाँ से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया ! ग्वालियर में शाम लगभग 5 बजे प्रवीण ने दम तोड़ दिया ! इसके बाद प्रवीण की मृत देह को शिवपुरी लाया गया और उसके परिजन समाचार लिखे जाने तक पुलिस चौकी पर उपस्थित होकर प्रकरण दर्ज करा रहे थे !

इस जानकारी के अतिरिक्त जो सूचना प्राप्त हो रही है उसके अनुसार प्रवीण को मनीष ने ब्याज पर पैसे उपलब्ध तो कराये पर किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा क्यूंकि मनीष स्वयं आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं है कि वह किसी अन्य को पैसे ब्याज पर दे सके ! मनीष ने किसी ऐसे व्यक्ति के द्वारा प्रवीण को ब्याज पर पैसे उपलब्ध कराये जो अवैध सूदखोरी का कारोबार करता है, इसके बदले मनीष को उसका कमीशन मिला ! प्रवीण के द्वारा कुछ समय से ब्याज न दिए जाने के बाद "डंडा बैंक" का मुख्य अस्त्र "पेनल्टी" प्रारंभ हो गयी जो प्रतिदिन के हिसाब से थी जिसका नियमित भुगतान न कर पाने के कारण प्रवीण पर भारी दवाब बनाया जाने लगा ! इसी दवाब के चलते प्रवीण ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली ! अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस मनीष को गिरफ्त में लेकर प्रवीण को आत्महत्या के लिए प्रेरित करवाने वाले असली व्यक्तियों के बारे में पूछताछ करती है या किन्ही कारणों से इस मामले को रफा दफा कर दिया जाता है ?

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