भाजपा आईटी सेल के संस्थापक प्रोद्युत वोरा ने मोदी और शाह की आलोचना करते हुए भाजपा से त्यागपत्र दिया | सुब्रमण्यम स्वामी ने जताई आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता |



"सरकार और पार्टी में लोकतांत्रिक परंपराओं को तोड़े जाने पर निराशा जाहिर करते हुए आसाम के युवा नेता प्रोद्युत बोरा ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। प्रोद्युत बोरा को पार्टी के बेहद सफल आईटी सेल की स्थापना का श्रेय दिया जाता है | 

पार्टी अध्यक्ष श्री अमित शाह को भेजे अपने चार पेज लम्बे त्यागपत्र में बोरा ने लिखा है कि अब पार्टी अन्य राजनैतिक दलों से कोई अलग पार्टी नहीं बची है | एक अजीब किस्म के पागलपन ने पार्टी को जकड़ लिया है। किसी भी कीमत पर जीतने के जूनून ने पार्टी का लोकाचार नष्ट कर दिया है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा की मौजूदा सरकार से मुझे अब कोई आशा नहीं बची है। देश को एक अलग तरह के राजनीतिक विकल्प की जरूरत है। यह भाजपा पर निर्भर है कि वह बैसी बने, अन्यथा लोग स्वतः किसी अन्य का चयन करेंगे ही । 

असम के इस युवा नेता ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कार्यपद्धति पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि उनकी निर्णय लेने की शैली अत्याधिक व्यक्तिगत है, जिससे अनेक पार्टी पदाधिकारियों में असंतोष है । किसी भी संगठन में, नेता की शैली को ही उसके नीचे के लोग कॉपी करते हैं, यही कारण है कि कम से कम मेरे राज्य में तो अनेक जूनियर अमित शाह पैदा हो गए हैं, जिनमें आपकी क्षमता का भले ही दसवां हिस्सा न हो, किन्तु आपसे दस गुना अहंकार अवश्य है | 

युवा नेता ने इस बात पर भी निराशा जताई है कि असम की मूल समस्या राष्ट्रीय नेतृत्व के दिमाग में ही नहीं है – वायदे के मुताबिक़ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजना । 

भाजपा के लिए प्रोद्युत बोरा का स्तीफा जितना चिंताजनक है, उससे कई गुना अधिक हैरानी भरी है इस स्तीफे पर डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की प्रतिक्रिया | उन्होंने इस स्तीफे के बाद भाजपा नेतृत्व को आत्मचिंतन करने की सलाह दी है | सचमुच 2019 की चुनावी बिसात बिछने लगी है | और आज नहीं कहा जा सकता कि इस महाभारत में कौन योद्धा किस पक्ष के साथ होगा |
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें