जलेबी की तरह सीधा और नीरस है स्वामी चिन्मयानन्द पर लगा बलात्कार प्रकरण

SHARE:

जैसे ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द पर 2011 से चल रहे बलात्कार का प्रकरण वापस लेने का...




जैसे ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द पर 2011 से चल रहे बलात्कार का प्रकरण वापस लेने का निर्णय लिया, आरोपों प्रत्यारोपों की बाढ़ सी आ गई है | मीडिया के एक धड़े की तो मानो मुंहमांगी मुराद ही पूरी हो गई | आलोचनाओं के इस शोर में आईये इस पूरे प्रकरण को जाने समझे – 

स्वामी चिन्मयानन्द जी 2010 में मेरी फेसबुक मित्रमंडली में सम्मिलित हुए | वह भी मजेदार वाकया है | उन्होंने उस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक सुदर्शन जी की आलोचना में एक पोस्ट लिखी | स्वाभाविक ही मैंने उन्हें आड़ेहाथों लिया, और बदले में पाई उनकी मित्रता | 

उसी दौर में साध्वी चिदार्पिता और बी.पी. गौतम भी मेरे फेसबुक मित्र बने और दोनों से विचारों का आदान प्रदान भी प्रारम्भ हुआ | उस समय साध्वी चिदर्पिता की फेसबुक फोलोईंग हजारों में थी | जब स्वामी चिन्मयानन्द केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री थे, उस दौरान कोमल गुप्ता उनके घर पर टेलीफोन आपरेटर की नौकरी कर रही थीं | बाद में वे चिन्मयानंद से इतना प्रभावित हुईं कि साध्वी चिदर्पिता ही बन गईं | जल्द ही वे स्वामी जी की इतनी अधिक विश्वासपात्र बन गईं कि शाहजहांपुर के सबसे बड़े और प्रसिद्ध महाविद्यालय की प्रबंध समिति की सदस्य बन कर और मुमुक्षु आश्रम की अन्य अनेकों संस्थाओं की सर्वेसर्वा बन कर शासन करने लगीं | 

बकौल उनके ही अगस्त 2011 में बी.पी. गौतम से दिल्ली में उनकी पहली मुलाक़ात हुई | फेसबुक मित्रता तो पहले से थी ही, अतः एक माह बाद ही 29 सितंबर को दोनों ने वैदिक रीति से बरेली में विवाह कर लिया। इसके बाद कुछ दिन दोनों तक बदायूं की श्रीरामनगर कॉलोनी में किराए के घर में रहे। अक्तूबर में आवास-विकास निवासी पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता ओपी आर्या के घर में किराए पर रहने लगे थे। 

मामले में ट्विस्ट तब आया जब नवम्बर के अंतिम सप्ताह में कोमल गुप्ता उर्फ़ साध्वी चिदर्पिता उर्फ़ चिदर्पिता गौतम ने स्वामी चिन्मयानन्द पर बलात्कार, यौन शोषण और जान से मारने के प्रयास के आरोप लगाकर मीडिया की सुर्ख़ियों में जगह बनाई | 

राम जन्म भूमि आंदोलन के प्रमुख रचनाकारों में से एक रहे स्वामी चिन्मयानंद पर उम्र के उस पड़ाव में लगे इस प्रकार के आरोपों से हिन्दू विरोधी मीडिया की बाछें खिल गईं और लगने लगा कि स्वामी चिन्मयानंद का राजनैतिक और काफी हद तक सामजिक जीवन भी समाप्त होने को है । 

किन्तु उस समय भी जागरण जैसे समाचार पत्रों ने सवाल उठाये कि – 

साध्वी चिदर्पिता ने स्वामी चिन्मयानन्द के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज करा दी है मगर इस कहानी में कई ऐसे झोल भी हैं, जिनका जवाब आने वाला वक्त देगा। चिदर्पिता शाहजहांपुर में स्वामी के कालेज, आश्रम आदि की व्यवस्था की बीते कई सालों से सर्वेसर्वा भी रही हैं। फेसबुक पर उनकी लम्बी चौड़ी फालोइंग है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार साध्वी ने अब ये आरोप क्यों लगाये हैं? इतने दिनों बाद उनको एफआइआर दर्ज कराने की जरुरत क्यों पड़ी? 

एफआइआर की कहानी से भी बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं। मसलन, अगर स्वामी चिन्मयानंद ने उनको बंधक बनाकर रखा तब उन्होंने छूटने के बाद सबसे पहले इसकी जानकारी सभी को क्यों नहीं दी? उनके पास आश्रम से भागने का पर्याप्त मौका था तब वह वहां से क्यों नहीं भागीं? जब उनको मुमुक्ष विद्यापीठ का प्रधानाचार्य बनाया गया तब उन्होंने शोषण के किस्से सार्वजनिक क्यों नहीं किए? फेसबुक पर लम्बे समय से जुड़ी रहने के बावजूद उन्होंने अपने शोषण को क्यों नहीं बताया? अगर वह पहरे में थीं तो इंटरनेट का इस्तेमाल कैसे करती थीं? उसी इंटरनेट के जरिए पुलिस या प्रशासन को शिकायती ई-मेल क्यों नहीं भेजा? पहले आश्रम से भागीं, उसके बाद शादी की, फिर तीन महीने गुजरने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने की जरुरत क्यों पड़ी? मुमुक्ष आश्रम छोड़ने के बाद साध्वी ने खुद को बदायूं से भाजपा उम्मीदवार के रुप में भी प्रचारित किया। जिस वक्त उनके पोस्टर लग रहे थे, टिकट मांग रही थीं, उस वक्त उन्होंनेस्वामी चिन्मयानंद के शोषण का खुलासा क्यों नहीं किया?(1दिस .२०११ दैनिक जागरण ) 

आगे की कहानी तो और अधिक जलेबी जैसी सीधी और सरस है | 

नेतागिरी करने और चुनाव लड़ने के लिए, स्वामी चिन्मयानन्द का साथ छोड़कर और उन्हें धोखेबाज, शोषक और ना जाने क्या क्या बोलकर, बी.पी. गौतम जैसे देव तुल्य इंसान से शादी रचा ली | गौतम उस समय ऐसे प्रतीत हो रहे थे मानो उन्होंने एक बेचारी अबला नारी को नरक से मुक्ति दिला दी हो | किन्तु जल्द ही यह स्वप्नलोक विलुप्त हो गया और यथार्थ के कठोर धरातल से चिदर्पिता जी का सामना हुआ | 

साध्वी चिदर्पिता के गृहस्थ आश्रम की गाड़ी भी पटरी से उतर ही गई, 9 अगस्त की रात कुछ ऐसा हुआ जो देखकर सब दंग रह गए । बदायूं के आवास-विकास कॉलोनी की सड़कों पर दौड़ती चिदर्पिता बचाव की गुहार लगा रही थीं । उन्होंने अपने पति बी पी गौतम पर मारपीट का आरोप लगाया और एक पड़ोसी की मदद से थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई । 

दरअसल गौतम पहले से ही शादी शुदा थे और साथ ही फक्कड़ पत्रकारिता करते थे | चिदर्पिता से मुलाकात हुई, मुलाकात प्यार में बदल गई और कहा जाता है कि पहली पत्नी की सहमति से उन्होंने चिदर्पिता से शादी कर ली | 9 अगस्त 2012 की रात दोनों में जो झगड़ा हुआ, वह भी संभवतः पहली पत्नी मधु के कारण ही हुआ | हालाँकि चिदर्पिता ने आरोप लगाया कि गौतम उनके पैसे हड़प चुका है और अब उनके जेवर हड़पने के लिए आए दिन मारपीट करता था। एसपी सिटी पीयूष श्रीवास्तव ने चिदर्पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए और गौतम के खिलाफ धारा 498 ए, 323, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया । मजे की बात यह कि तहरीर में चिदर्पिता ने अपने निवास का पता मुमुक्षु आश्रम, शाहजहांपुर का ही दिया । 

बकौल चिदर्पिता गुरुवार की रात उनके सिर में दर्द हो रहा था, इसके बाबजूद बेरहम गौतम ने उन्हें चार-पांच तमाचे जड़ दिए और इसके बाद बेल्ट से भी चिदर्पिता की पिटाई की। खुद को बचाने के लिए उन्होंने (चिदर्पिता ने) शोर मचाया और घर के सामने रहने वाले अधिवक्ता चंद्रभान गुप्ता के घर में शरण ली। उसके बाद गौतम तड़के ही कहीं गायब हो गया। 

उस समय चिदर्पिता ने मीडिया को बताया कि उनके पास स्वामी चिन्मयानंद जी का फोन आया और उन्होंने कहा कि जिस हाल में हो चली आओ, तुम्हारे लिए आश्रम के दरवाजे हमेशा खुले हैं। चिदर्पिता का कहना था कि वह अभी असमंजस में हैं लेकिन इस नरक भरी जिंदगी से तो वे अच्छे हैं, जिन्होंने बुरे वक्त पर साथ तो दिया। 

चिदर्पिता को अपने किए पर पछतावा था। कहती थी कि बीपी गौतम ने उनके साथ छल किया है, उनके विश्वास का गला घोंटा है। गौतम उनसे नहीं, उनके पैसे से प्यार करता है। पैसा खत्म होने के बाद अब वह जेवर ठगने की कोशिश कर रहा था। छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करता था। 

चिदर्पिता की मानें तो गौतम ने ही स्वामी जी पर कार्रवाई के लिए उन्हें मजबूर किया। लोगों से पता लगा है कि वह उन्हें ब्लैकमेल करना चाहता था। यह पूछे जाने पर कि अगला कदम क्या होगा? चिदर्पिता बोलीं- अभी सोचा नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या दोबारा साध्वी बनेंगी तो बोलीं, साध्वी थी और रहूंगी भी। कुछ दिन गृहस्थ आश्रम में आई थी लेकिन इससे बढ़िया तो वही जिंदगी थी। 

उधर बी पी गौतम का कहना था कि धोखा उन्होंने नहीं, साध्वी ने उनके साथ किया है। वह हाईप्रोफाइल थीं, एसी गाड़ी में चलती थी जबकि इतना सब करना उनकी औकात से बाहर था। 

जो भी हो चिन्मयानंद के शाहजहांपुर के आश्रम से चिदर्पिता ने अलगाव का जो सफर शुरू किया था वह बदायूं दिल्ली और फिर बदायूं होते हुए वापस हरिद्वार में आकर खत्म हो गया | साध्वी चिदर्पिता गृहस्थी बसाने गईं थी, लेकिन गृहस्थी चला नहीं पाईं | जिन बीपी गौतम के सहारे वे गृहस्थी बसाने गई थीं उन बीपी गौतम की पहली पत्नी मधु आड़े आ गई और रार इतनी बढ़ गई कि मारपीट की नौबत आ गई | परिणाम यह हुआ कि चिदर्पिता ने बीपी गौतम का साथ छोड़कर परमार्थ आश्रम का साथ एक बार फिर पकड़ लिया और चिदर्पिता हरिद्वार पहुंच गईं | 

वैसे चिदर्पिता हरिद्वार आने की बजाय शाहजहांपुर ही जाना चाहती थी लेकिन वहां आश्रम के लोगों ने आने की इजाजत नहीं दी | इसके बाद चिन्मयानंद के कहने पर उन्हीं के एक विश्वस्त साथी चंद्रभान के साथ हरिद्वार पहुंच गई | खैर स्वामी चिन्मयानंद ने आश्रम के दरवाजे चिदर्पिता के लिए खोल दिये और चिदर्पिता चिन्मयानंद को फिर से अर्पित हो गई|

हरिद्वार में आश्रम पहुंचने से पहले वे बदायूं में बीपी गौतम के खिलाफ उसी तरह के आरोप लगा कर आई, जैसे शाहजहांपुर से जाते हुए स्वामी चिन्मयानंद पर लगाये थे | 

लेकिन मामला अभी ख़तम नहीं हुआ, एक माह बाद ही कोमल उर्फ़ साध्वी चिदर्पिता एक बार फिर अपने पति बीपी गौतम के पास वापस लौट गईं । अब क्या कहें ? सुखद वैवाहिक जीवन की बधाई । 

किन्तु फिर स्वामी चिन्मयानन्द पर लगे आरोप कितने सच ? और अगर अब प्रकरण समाप्त हो रहा है, तो हाय तौबा क्यों ?

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,24,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,11,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,90,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1126,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,911,शिवपुरी समाचार,331,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : जलेबी की तरह सीधा और नीरस है स्वामी चिन्मयानन्द पर लगा बलात्कार प्रकरण
जलेबी की तरह सीधा और नीरस है स्वामी चिन्मयानन्द पर लगा बलात्कार प्रकरण
https://1.bp.blogspot.com/-fnVJxmsL-Ik/Ws8m2nO82zI/AAAAAAAAGYI/9Ksr4bx0AN8cP3VUQBIiIWw-ALHXqm3xgCLcBGAs/s1600/1.jpg
https://1.bp.blogspot.com/-fnVJxmsL-Ik/Ws8m2nO82zI/AAAAAAAAGYI/9Ksr4bx0AN8cP3VUQBIiIWw-ALHXqm3xgCLcBGAs/s72-c/1.jpg
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2018/04/facts-about-Swami-Chinmayananda-rape-case.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2018/04/facts-about-Swami-Chinmayananda-rape-case.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy