बीफ मामले में चला मीडिया ट्रायल बेनकाब - पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का अहम फैसला |



आपको जुनेद खान तो स्मरण ही होगा | अरे वही जुनैद खान जिसके विषय में कहा गया था कि बीफ रखने के शक में हिन्दुओं की सांप्रदायिक भीड़ ने उसे हमला कर मार डाला | महीनों तक चली मीडिया ट्राइल ने तो निष्कर्ष ही दे दिया था कि देश में बढ़ती हुई असहिष्णुता का नतीजा है | यह एक मासूम मुस्लिम की आतताई हिन्दुओं की भीड़ द्वारा की गई नृशंस हत्या है | माहौल ऐसा बना दिया गया था कि उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अछूते नहीं रहे थे और उन्हें कहना पड़ा था कि गौ हत्या के नाम पर भीड़ द्वारा लोगों की हत्या स्वीकार्य नहीं है | 

बाद में दिल्ली नगर निगम में स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत रामेश्वर दास और पांच अन्य पर पंद्रह वर्षीय जुनैद, उसके भाई और दो अन्य चचेरे भाईयों पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। बाद में जुनैद की मृत्यु हो गई थी | 

एफआईआर के अनुसार, जुनैद और उसके दोस्त ओखला से ईएमयू रेल में चढ़े थे और रामेश्वर दास और नरेश ने धार्मिक आधार पर और बीफ के नाम पर पीड़ितों के साथ दुर्व्यवहार किया। जुनैद और अन्य ने अपने परिवार के सदस्यों को फोन किया, जिसके बाद बल्लभगढ़ स्टेशन पर जुनेद के भाई और अन्य कोच में चढ़े और झगडा बढ़ गया । 

किन्तु अब मामला कुछ और ही निकला है | जुनैद खान की हत्या में आरोपी बनाए गए एक आरोपी रामेश्वर दास के जमानत आवेदन पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए बी चौधरी ने 28 मार्च को ही निर्णय दे दिया था, किन्तु उसे सार्वजनिक अब किया गया है | 

इस आदेश में कहा गया है कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि घटना जानबूझकर या पूर्व योजना बनाकर अंजाम दी गई हो, यह एक आकस्मिक घटना थी ।" 

साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि पीड़ितों और आरोपी के बीच का प्रारंभिक विवाद केवल "सीटों के बंटवारे को लेकर हुआ था, उसके पीछे कोई जातिगत दुर्भावना नहीं थी" । जस्टिस चौधरी ने यह भी माना कि इस बात के भी कोई सबूत नहीं हैं कि आरोपियों ने अन्य सहयात्रियों को आक्रमण के लिए उकसाया | 

इसके साथ ही आरोपी को जमानत भी दे दी गई । अब केवल मुख्य अभियुक्त नरेश ही सलाखों के पीछे है, जिसकी जमानत याचिका अभी लंबित है । 

तो यह होती है मीडिया ट्रायल की हकीकत | आज एक बार फिर भारत तोड़ो गेंग सक्रिय है | सामाजिक विद्वेष बढाने की साजिश परवान चढ़ रही है | कठुआ काण्ड की गूँज से जमीन आसमान थर्रा रहा है | रुकिए, थोडा थमिए, न्यायाधीश समय स्वयं दूध का दूध पानी का पानी कर देगा | हिन्दू न कभी असहिष्णु रहा है, न होगा | हिन्दू न कभी आतताई रहा है, न होगा | विदेशी वित्त पोषित मीडिया घराने चाहे जितना जोर लगा लें हिंदुत्व की चमक को फीकी नहीं कर सकेंगे | बीफ कांड का शोर मचाने वाले ये मक्कार और झूठे प्रेस्टीट्यूट जब आज अपनी गलती पर माफी नहीं मांग रहे, तो कठुआ काण्ड की सचाई सामने आने पर भी बेशर्मी भरी चुप्पी साध जायेंगे |
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें