दिल्ली आर्कबिशप ने 2019 के चुनावों को प्रभावित करने के लिए ईसाई श्रद्धालुओं से किया राष्ट्रव्यापी प्रार्थनाओं का आव्हान !



नई दिल्ली, 18 मई: क्या प्रार्थनाएं किसी भी चुनाव के नतीजे को प्रभावित कर सकती हैं? कम से कम दिल्ली के आर्कबिशप तो यही मानते हैं। और वे चाहते है कि सभी ईसाई भी इस पर विश्वास करें। कमसेकम सभी ईसाईयों को लिखा गया उनका नवीनतम पत्र तो यही कहता हैं। 

इसकी शुरूआत दिसंबर 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के साथ शुरू हुई, जब गांधीनगर के आर्कबिशप थॉमस मैकवान ने "राष्ट्रवादी ताकतों" को हराने और उन्हें "देश पर कब्जा करने" से रोकने के लिए एक पत्र जारी किया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि "गुजरात में चुनाव परिणाम से अंतर आ सकता हैं"। 

ईसाई नेताओं ने पूर्वोत्तर में मेघालय और त्रिपुरा में हुए चुनावों के दौरान भी इसी तरह की अपील जारी की थी जहां ईसाई आबादी देश के अन्य भागों की तुलना में ज्यादा है । नागालैंड में तो बैपटिस्ट चर्च के प्रमुखों ने भाजपा के खिलाफ खुले तौर पर प्रचार किया | 

और अब दिल्ली के आर्कबिशप ने उपरोक्त पत्र जारी कर सभी 'फादरों, भाइयों और बहनों' से प्रार्थना सभायें आयोजित करने और "अशांत राजनीतिक माहौल" द्वारा देश के "लोकतांत्रिक सिद्धांतों और धर्मनिरपेक्ष स्वरुप" पर आये खतरे को खत्म करने के लिए उपवास करने के लिए आव्हान किया । 

दिल्ली के आर्कबिशप अनिल जेटी कूटो ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे 13 मई, 2018 से एक वर्ष तक अर्थात 2019 के चुनाव तक हर शुक्रवार को प्रत्येक पेरिस (पादरियों का कार्यक्षेत्र) में प्रार्थना और उपवास करें | 

यहां आर्कबिशप का वह पत्र और प्रार्थना है, जो उन्होंने ईसाईयों को भेजी है: 

प्रिय फादर्स, भाइयों और बहनों, 

हम एक ऐसा अशांत राजनीतिक माहौल देख रहे हैं, जो हमारे संविधान और हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने में स्थापित लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए खतरा बनता जा रहा है। अपने देश और उसके राजनीतिक नेताओं के लिए सदैव प्रार्थना करना हमारी पवित्र प्रथा है, लेकिन आम चुनावों के दौरान उसका और भी अधिक महत्व है। 

जब हम आगे 2019 की ओर देखते हैं जब हमारे पास एक नई सरकार होगी, तब आइए हम फातिमा की पवित्र मां की अपरिपक्वता की सालगिरह 13 मई, 2018 से हमारे देश के लिए एक प्रार्थना अभियान शुरू करें, कि वे हमारे और हमारे देश के दिल निर्मल करें । 

मेरा अनुरोध है कि हम सप्ताह के हर शुक्रवार को कम से कम एक समय का उपवास रखें | यह तपस्या हमारे आध्यात्मिक नवीनीकरण और हमारे देश के लिए उपयोगी होगी । इसके साथ ही मैं जोर देकर यह अनुरोध करता हूं कि हम प्रत्येक शुक्रवार को अपने धार्मिक स्थलों और संस्थानों पर अपनी सुविधानुसार हमारे देश के लिए प्रार्थना हेतु यूचारीस्टिक एडोरेशन का एक घंटा नियत करें। इस आराधना के दौरान संलग्न प्रार्थना को पढ़ा जा सकता है। 

आदर के साथ। 

हमारे देश के लिए प्रार्थना 

हे स्वतंत्रता और प्रेम के भगवान, सच्चाई का प्रकाश हमारे राष्ट्र पर चमकता रहे, अन्धकार और असत्य दूर हो। हमारे संस्थापक पिता के स्वप्न और हमारे संविधान के मूल्य - समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व – के प्रति सम्मान सदैव उच्चतम रहें। सभी जातियों और समुदायों के लोगों में, सभी संप्रदायों और मान्यताओं में शान्ति व सद्भाव रहे, साथ ही वे हिंसा और घृणा से बहुत दूर रहे । 

हमारी विधायिका को विवेकपूर्ण मस्तिष्क के साथ संरक्षित करें | हमारी न्यायपालिका ईमानदारी, समझदारी और न्याय की प्रतीक के रूप में पहचानी जाए । प्रिंट, दृश्य और सोशल मीडिया में भाषा का संयम और सत्य का प्रवाह हो। बुरी शक्तियों की घुसपैठ से हमारे संस्थानों की रक्षा करें। 

हमारे देश के गरीबों को आजीविका के साधन प्रदान करें। दलितों, आदिवासियों और हाशिए पर पड़े लोगों को राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए। न्याय और अखंडता, हमारे जीवन के हर क्षेत्र में विजई हो। हमारे चुनावों में सच्चा लोकतंत्र पूरी गरिमा के साथ प्रतिबिंबित हो, और हमारे राजनीतिक नेताओं में ईमानदारी और देशभक्ति की लौ सदा प्रज्वलित रहे । हे परम पिता परमेश्वर, वर्तमान कठिनाईयों के दौर में हम सत्य, न्याय और स्वतंत्रता के प्रकाश पर ग्रहण के समान काले बादल देखते हैं, यही हमारी व्यथा है । 

हे सर्वशक्तिमान पिता, अपने प्रिय पुत्र यीशु मसीह के नाम पर धार्मिक मूल्यों के पुनरुत्थान हेतु अपनी पवित्र आत्मा को भेजकर हमारे देश को आशीर्वाद दें। ओह, हमारी धन्य मां मैरी, जो फातिमा में दिखाई दी, और जो संघर्षशील राष्ट्रों को आशा देने वाली है, हमारे प्रिय देश की रक्षा करें। आमीन । 

* दिल्ली के आर्कबिशप
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