युवाओं में वैचारिक राष्ट्रीयता एवं वैचारिक परिपक्वता लाने हेतु भोपाल में होगा "यंग थिंकर कॉनक्लेब"

राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविधालय भोपाल व यंग थिंकर्स फोरम द्वारा विश्वविधालयों में युवाओं में बौद्धिक एवं वैचारिक मंथन कराने हेतु युवा चिंतक सम्मलेन ११-१२ अगस्त २०१८ किया जा रहा है | इस सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य युवा बुद्धिजीवियों से संवाद स्थापित करना है, जिससे हमारी युवा शक्ति में सर्वांगीण विकास के नए आयाम स्थापित किये जा सकें | इस सम्मलेन में आज के अत्यंत प्रभावी एवं लोकप्रिय विचारक एवं राष्ट्रीय स्तर पर वैचारिक नेतृत्व करने वाले बुद्धिजीवी भी शामिल होंगे, जिन्होंने अपने विचार एवं कार्यों से उत्कृष्टता प्राप्त की है | 

पृष्ठ भूमि 

" राष्ट्र के युवा ही उसकी भावी पीढ़ी के संरक्षक है" | निश्चित रूप से किसी भी राष्ट्र की युवा शक्ति अपनी योग्यता और सामर्थ्य से राष्ट्र की वर्तमान शक्ति क्षमता के निर्धारण के साथ उसके भविष्य की दिशा तय करती है | हम यह सुनिश्चित करना चाहते है कि भारत अपनी पूर्ण शक्ति, क्षमता तथा सामर्थ्य को प्राप्त करे और प्राचीन काल की ही तरह गौरव शिखर पर पुनर्प्रतिष्ठित हो, तो यह आवश्यक है कि हम अपने युवाओं में असीमित क्षमता व ऊर्जा को जागृत करें, उसे सही दिशा दें और उसका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करें, जिससे हमारा समाज, पर्यावरण, राष्ट्र और सभ्यता का भी समग्र विकास हो | 

भारत विश्व का सर्वोच्च क्षमता वाला 'सबसे युवा' देश है | युवाओं में समाज, पर्यावरण एवं राष्ट्र सर्वोपरि का एक स्पष्ट भाव विकसित होना चाहिए, जिससे वे अपने व्यक्तिगत व सामूहिक प्रयासों से इस गौरवशाली राष्ट्र का पुनर्निर्माण कर सकें | आज देश को ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो राष्ट्रभक्त, साहसी, निर्भीक, स्वस्थ, कुशल और दृण हों और जो अपने विचारों तथा अभूतपूर्व नेतृत्व क्षमताओं के द्वारा देश के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूत्रपात कर सकें | इस प्राचीन विश्वगुरु भारत में, जहाँ सभ्यता सर्वप्रथम विकसित हुई और अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंची, पुरातन काल से ही गुरुजनों ने स्व-विकसित एवं स्व-नियंत्रित ज्ञान-विज्ञान की गहन परंपरा से समय-समय पर हमें अखंडता और समृद्धि के पथ पर जागृत व मार्गदर्शित किया | आज हमें फिर उसी ज्ञान-परंपरा की आवश्यकता है जिससे हमारे युवाओं को मार्गदर्शित और विकसित किया जा सके ताकि उनको अपने राष्ट्र को सृदृढ़ करने व वर्तमान विश्व को प्रभावित करने वाले समाधानों का सृजन कर सकने वाली अपनी विशिष्टताओं का आभास हो सके | 

उद्देश्य 

१. समाज, पर्यावरण व राष्ट्र के विकास की दिशा में युवाओं को प्रेरित करना | 

२. वर्तमान काल की स्थानीय, क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय चुनौतियों पर युवाओं के बीच राष्ट्र सर्वोपरि वैचारिक मंथन को प्रारंभ करना और ऊर्जावान युवा दृष्टिकोण से इनके समाधान खोजने हेतु प्रोत्साहित करना | 

३. आज के युवा, अर्थात भविष्य के वैचारिक नेतृत्व को सामाजिक, राजनैतिक एवं राष्ट्रीय मुख्यधारा में हो रहे लोकविमर्श हेतु बौद्धिक रूप से पोषित व सशक्त करना | 

४. उनमें नेतृत्व, संगठनात्मक व प्रबंधन सम्बन्धी अत्यावश्यक गन, कला व कौशल विकसित करना | 

५. उनके विचारों के सर्वांगीण विकास हेतु एक उत्कृष्ट और अत्यधिक सार्थक मंच प्रदान करना | 

विषय - 

सामूहिक सत्र : राष्ट्रीयता की संकल्पना एवं अवधारणा, राष्ट्रीय सुरक्षा के आदर्श, भारतीय अकादमिक औपनिवेशकता से मुक्ति, भारत में सामाजिक समावेश व सांस्कृतिक एकता 

पैनल चर्चा :- सोशल मीडिया - उभरते आयाम व लोक विमर्श में गुणवत्ता सुधार, राष्ट्रनिर्माण में कला, संस्कृति, मीडिया एवं सिनेमा का महत्व 

कार्यशाला 

१. स्वाध्याय व शास्त्रार्थ 
२. सांस्कृतिक कार्यक्रम


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