देश के 125 सांसदों ने राष्ट्रपति से की मांग - बने नई जनसंख्या नियंत्रण नीति !


यदि हम पिछले पांच दशक में देश की उपलब्धियों पर नजर डालें तो यह कोई नहीं कह सकता कि हमने कुछ पाया ही नहीं है। किन्तु जनसंख्या में वृद्धि के कारण समस्त उपलब्धियों पर पानी फिरता दिखाई देता है | पर्यावरण, आवास, रोजगार की समस्या के साथ-साथ अन्य सामाजिक समस्याएं भी सुरसा के मुंह के समान दिखाई देती हैं । जितना विकास होता है, संसाधन उत्पन्न होते हैं, अनियन्त्रित आबादी उससे कहीं अधिक बढ़ जाती है | इसके चलते न सिर्फ आर्थिक संकट पैदा हो रहा है बल्कि भ्रष्टाचार में भी वृद्धि हो रही है। जल कम पड़ रहा है, भूमि समाप्त हो रही है, वायु प्रदूषित हो चुकी है और रोजगार की सम्भावना न्यून से और न्यून होती जा रही है । अनियन्त्रित आबादी के कारण जल, वायु, खनिज तथा ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों का अनियोजित दोहन हमें एक ऐसी अंतहीन गुफा की ओर ले जा रहा है जहां से आगे का रास्ता दिखाई नहीं देता। 

वनों की अंधाधुंध कटाई तथा कृषि योग्य भूमि की लगातार घटती उर्वरा शक्ति गम्भीर चुनौतियां हैं। चाहे अस्पताल हो या रेलवे स्टेशन, स्कूल हो या सस्ते गल्ले की दुकान हर जगह भीड़ ही भीड़ है। सरकार जितनी भी व्यवस्थाएं उपलब्ध करा रही है सब कम पड़ती जा रही है। जिसके कारण न अस्पताल में आसानी से दवा मिलती है न रेल में आरक्षण। बच्चों का अच्छे स्कूल में प्रवेश बड़े ही भाग्य से मिलता है। तीन आदमियों की क्षमता वाले मकान में 30-30 आदमी रहने के लिए बाध्य हैं। कुपोषित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

किन्तु दुर्भाग्य यह कि जब भी जनसंख्या नियंत्रण की बात की जाती है, इसे साम्प्रदायिक रंग दे दिया जाता है । कहा जाता है कि चूंकि मुस्लिम जनसँख्या अधिक तेजी से बढ़ रही है, इसलिए दक्षिण पंथी भगवा ब्रिगेड जनसँख्या नियंत्रण की बात करती है । किन्तु अब पानी सर से ऊपर जा रहा है । शायद इसीलिए निंदा - आलोचना की चिंता किये बिना, बीजेपी समेत टीडीपी, शिवसेना और अन्य दलों के सांसदों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप जनसंख्या नियंत्रण पर सख्त कानून बनाने की मांग की है। जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए इन सांसदों ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसे राष्ट्रपति को सौंप दिया है। गुरुवार को सांसदों ने राष्ट्रपति से जनसंख्या नियंत्रण कानून के मुद्दे को लेकर मुलाकात की थी। 

बीजेपी सांसद संजीव बालियान, उदय प्रताप सिंह, लक्ष्मण यादव, मीनाक्षी लेखी, शिवसेना के अरविंद सावंत, टीडीपी के रामबाबू नायडू और जयदेव गल्ला, सुरेश अंगड़ी, आनंदराव अद्सुल, किरीट सोलंकी, निशिकांत दुबे, भोला सिंह समेत 125 सांसदों ने एक साथ हस्ताक्षर कर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की । 

देश के 125 सांसदों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसके लिए एक विशेषज्ञ NGO के साथ मिलकर तैयार किया है । इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि…यह कानून जाति, धर्म से ऊपर उठकर हो और देश के सभी नागरिकों पर लागू हो । दो बच्चों के बाद तीसरे बच्चे पर दंडात्मक कार्यवाई बॉयोलॉजिकल माता पिता पर हो । तीसरा बच्चा पैदा करने वालों की सब्सिडी बंद हो, सरकारी अनुदान समाप्त हो । देश में सिर्फ 2 बच्चों की नीति लागू हो । तीसरा बच्चा पैदा करने वाले माता पिता को सरकारी नौकरी ना मिले । तीसरा बच्चा पैदा करने वालों को आजीवन मताधिकार से वंचित किया जाए । चौथा बच्चा पैदा करने वालों पर इन सजाओं के साथ साथ 10 साल की जेल का प्रावधान हो । 

संजीव बालियान ने कहा कि देश में अब आबादी विस्फोटक स्थिति में आ चुकी है इसलिए तत्काल सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना चाहिए । ये दल से ऊपर का मामला है, सभी दलों को इसके साथ आना चाहिए । हम सभी 125 सांसदों ने एक ड्राफ्ट तैयार कर राष्ट्रपति को सौंपा है, कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए जो लोग इस कानून का उल्लंघन करें उन पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया जाए । संसद में हम लोग रोज़ इस मुद्दे को उठा रहे हैं ।

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें