पूर्व विधायक रमेश खटीक सपाक्स में शामिल, चुनाव लड़ने हेतु भरा सहमति पत्र


जनसंघ व प्रारंभिक भाजपा के दौर में कार्यकर्ता इतने अनुशासित रहते थे कि आज तक टीवी एंकर व पत्रकार भाजपा को अनुशासित दल के रूप में ही देखते हैं व जब कोई कार्यकर्ता अनुशासन हीनता करता दिखता है तो अचम्भा जाहिर करते हैं |

सवाल उठता है कि उस दौर में कार्यकर्ता अनुशासित क्यों थे ? 

उस समय आज की तरह संगठन मंत्रियों की भरमार भी नहीं थी, किन्तु जो थे उनका तपःपूत प्रभा मंडल कार्यकर्ता को प्रभावित करता था, उसे प्रेरणा देता था |

मैंने देखा है ठाकरे जी को सुबह सुबह किसी रुष्ट कार्यकर्ता के गले में हाथ डालकर टहलते हुए उसका दुःख सुख बाँटते या गलती हुई तो प्यार से समझाते हुए |
गुट तब भी थे, स्वाभाविक ही है, किन्तु संगठन मंत्री सबके हुआ करते थे, किसी एक गुट के नहीं, इसलिए सब उनका सम्मान करते थे |

आजके संगठन मंत्री संख्या में बहुत अधिक हैं, किन्तु वे स्वयं अस्तित्व शून्य है, या यूं कहें कि सत्ता के प्यादे हैं |तो इसलिए वे किसी की मान मनौवल में भरोसा ही नहीं करते | वे वही करते हैं जो शीर्ष नेतृत्व हुकुम देता है | उससे रत्ती भर ज्यादा नहीं - कम नहीं |

क्या करें वापड़े - जरा विमत दर्शाया नहीं कि छुट्टी हुई नहीं | घर बैठना किसे पसंद आयेगा और वह भी सत्ता की चकाचोंध को देखने भोगने के बाद | 

इसके अतिरिक्त वरिष्ठ संगठन पदाधिकारियों का पूरा जोर विपक्षी पार्टी में तोड़फोड़ करने पर होता है, अपने कार्यकर्त्ता की सार संभाल पर नहीं |

इसी का नतीजा है आज कई अच्छे कार्यकर्ता भाजपा से अलग होकर सपाक्स से चुनाव लड़ने जा रहे  है |

बात शिवपुरी के एक कार्यकर्ता की -

पूर्व विधायक तो वह रहे ही, मुख्य बात उन्होंने एक पैर से अपाहिज होते हुए भी लम्बे समय तक संगठन का विभिन्न पदों पर रहते हुए काम भी किया | 

जब रमेश खटीक का और पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक का विवाद चला, तब किसी ने दोनों को लक्ष्मण रेखा न लांघने की सलाह नहीं दी | स्वाभाविक ही कटुता अत्याधिक बढ़ गई | और नतीजा सामने है |

शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक रमेश खटीक ने सपाक्स का दामन थाम लिया है एवं सपाक्स की और से मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है | रमेश खटीक वर्ष 2008 में करैरा से भाजपा की तरफ से टिकट प्राप्त कर विधायक रह चुके है | वर्ष 2013 में रमेश खटीक के स्थान पर कोलारस के पूर्व विधायक ओम प्रकाश खटीक को भाजपा की और से प्रत्याशित किया गया था | इस बार भी रमेश खटीक भाजपा की ओर से करैरा विधानसभा से टिकट की मांग कर रहे थे परन्तु भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनके स्थान पर राजकुमार खटीक पर अपना विश्वास जताया, इसी से रुष्ट होकर आज रमेश खटीक ने भाजपा से बगावत कर सपाक्स का दमन थाम कर करैरा में ताल ठोकने का मन बना लिया है |

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