मनावर से भाजपा प्रत्यासी रंजना बघेल - भाजपा की हांडी का एक चावल !


अपने आत्मीय जनों से दिल की बात – 
बहिन की पाती 

मेरे मनावर वासी भाई बहिनों के मन को मैं 2003 से पढ़ती आ रही हूँ ! यहाँ के दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में भी जाकर मैंने आपका दुःख दर्द जाना है समझा है, और उसे दूर करने का प्रयत्न भी किया है | आपके हर सुख दुःख में कंधे से कन्धा मिलाकर आपके साथ खडी रही हूँ | मैंने आपके और अपने बीच कभी किसी को नहीं आने दिया, यहाँ तक कि कोई विधायक प्रतिनिधि भी नहीं बनाया | मेरा यही मानना रहा कि आपमें से हरेक मेरा प्रतिनिधि है | मैंने कभी अपने आपको नेता नहीं माना, मैं भाजपा की जमीनी कार्यकर्ता हूँ, जिसे पार्टी ने आपकी सेवा का दायित्व दिया है | 

यह वह क्षेत्र है, जहाँ हर 15 कि.मी. पर सांस्कृतिक छटा बदल जाती है | यहाँ की सतरंगी संस्कृति ने ही वास्तव में मेरा जीवन गढ़ा है | अपने वनवासी भाई बहिनों की सेवा का अवसर मुझे मिला इसे में ईश्वरीय प्रसाद मानकर स्वयं को धन्य मानती हूँ | इन पंद्रह वर्षों में क्षेत्र का चप्पा चप्पा मैंने घूमा है, आपके दरवाजों तक मैं पहुंची हूँ | 

स्वामी विवेकानंद कहते थे – भारत की महिलाओं को केवल शिक्षा प्रदान कर दो भारत उठ खड़ा होगा | तो सबसे पहले मैंने इसे ही अपना मिशन बनाया | उस समय सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालयों का अभाव था, जिसके कारण बालिकाओं की शिक्षा का अनुपात बहुत कम था, किन्तु आप सबके आशीर्वाद से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया | प्राथमिक शालाएं तो हर गाँव में हैं ही, किन्तु साथ ही केवल बच्चियों के लिए उमरबंद और मनावर में दो मोडल स्कूल खुलवाये गए हैं, जिनमें चार चार सौ बच्चियां अध्ययन कर रही हैं | आदिवासी गाँवों में 14 हायर सेकेंडरी स्कूल और 9 हाई स्कूल खुले हैं | उमरबंद के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए मनावर आते थे, किन्तु अब उनके लिए उमरबंद में ही नया कोलेज भी खुलने जा रहा है | मनावर कोलेज में 1600 आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय सुविधा व भोजन व्यवस्था भी की गई है | यह मेरे लिए गर्व और संतोष का विषय है कि अब मेरे क्षेत्र की बच्चियों को अपने गाँव में ही पढ़ने लिखने की सुविधा मिल रही है और उनका चंहुमुखी विकास हो रहा है | 

धार, मनावर व धर्मपुरी क्षेत्र के लगभग सौ बच्चे दिल्ली में द्रष्टि कोचिंग से मेडीकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं | साढ़े तीन सौ बच्चे अब तक युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत लाभ ले चुके हैं | हमारे क्षेत्र के प्रतिभाशाली बच्चे आईएएस, आईपीपीएस, डोक्टर, इंजीनियर बन रहे हैं | माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की प्रेरणा व आपके आशीर्वाद से मुझे परिश्रम करने की प्रेरणा दी, जिसके बूते यह समाज परिवर्तन का यज्ञ चल रहा है | 

शिक्षा के बाद दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है स्वास्थ्य | इस पर ध्यान देते हुए उमरबंद और मनावर होस्पीटल का विस्तार हुआ है, जहाँ सरदार वल्लभ भाई पटेल योजना में लगभग 176 प्रकार की जनारेटिक दवाएं निशुल्क प्रदान की जाती हैं | 26 प्रकार की निशुल्क जांचें भी वहां होती हैं | 

मेरा मानना है कि सच्चा जन प्रतिनिधि वही कहलाने योग्य है, जिसके मन में समाज सेवा की भावना हो, जिसका मूल समस्याओं पर ध्यान हो | विकास का सबसे प्रमुख बिंदु होता है सड़कें | आज लहराती बलखाती सर्प जैसी चिकनी सडकों का जाल मनावर क्षेत्र के गाँव गाँव तक अवागमन को आसान बना रहा है | जो थोडा बहुत शेष भी है, तो उन पर भी काम चल रहा है | दो तीन पुल शेष हैं, जो मेरे ध्यान में हैं | कुक्षी से मनावर की 45 किलोमीटर की सड़क, सिंघाना से चिकल्दा की 20 किलोमीटर सड़क, मनावर से मान्गोद वाली 59 किलोमीटर सड़क, नर्मदा पट्टी में बांकानेर से घनपुर की 34 किलोमीटर रोडबन चुकी हैं | मनावर देहरी, मनावर सेमलदा स्वीकृत हो चुकी हैं | जो 34 करोड़ की लागत से सीमेट कंक्रीट की बनेगी | मनावर में भी साढ़े नौ करोड़ का एक बड़ा पुल निर्माणाधीन है | मनावर सेमलदा रोड पर चालीस करोड़ का पुल निर्माणाधीन है, जो बन जाने के बाद बडवानी जाने का रास्ता पचास किलोमीटर कम हो जाएगा, जिसके कारण किसानों को कोटन ले जाने में आसानी होगी | मनावर से इंदौर पहुँचने में अभी डेढ़ घंटे लगते हैं, किन्तु टोकी से पलास का जो प्लान किया है, उसके बाद यह समय महज एक घंटे रह जाएगा | 

भाईयो बहनों, आपको स्मरण होगा कि कांग्रेस के समय मान डेम के लिए करोड़ों रुपये आये, किन्तु काम धेले का नहीं हुआ | मनावर पेयजल की समस्या से जूझता रहा, बूँद बूँद पानी को तरसता रहा | किन्तु आज पेयजल, सिंचाई या विद्युत के क्षेत्र में मनावर मध्यप्रदेश में सबसे आगे खड़ा है | मान डेम तो बन ही गया, व उससे पंद्रह हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित हो गई | अनगिनत छोटे छोटे तालाबों का भी निर्माण हुआ | ओंकारेश्वर डेम से आज 80 गाँव सिंचित हो रहे हैं | 

आमसी पाडला जैसा पहाडी गाँव,जहाँ एक बूँद पानी नहीं था, गर्मियां आते ही जानवरों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता था | मैं वह रात कभी नहीं भूल पाउंगी, जब मैं अपने ग्रामवासी भाईयों के साथ पहाडी के नीचे बैठकर इस विषय पर विचार विमर्श कर रही थी | मेरे ग्रामवासी भाई किसी बड़े से बड़े इंजीनियर से ज्यादा कुशल होते हैं | जो समस्या को झेलता है, वही उसका समाधान भी अच्छे से खोज सकता है | एक भाई ने सुझाव दिया कि दीदी अगर धार जिले के तिरला विकासखंड की उस सामने दिखने वाली पहाडी पर अगर डेम बन जाएगा, तो ये जो नाला ऊपर से नीचे आ रहा है, उससे हम अपने सातपुडा के तालाब को भर लेंगे | तो मैंने उनसे कहा कि तुम जमीन तो देओ, हम जमीन खोदकर पानी ला देंगे | वे सहर्ष तैयार हो गए | उनके द्वारा दी गई जमीनों में आठ तालाबों का निर्माण करवाया | माननीय मुख्यमंत्री जी ने 1750 करोड़ रुपये दिए और वह असंभव सा लगने वाला कार्य संभव हो गया | डेम तो अभी बन ही रहा है, किन्तु 2008 – 9 से ही इन सभी तालाबों का भरना शुरू हो गया | 

जब आपने पहली बार मुझे अपना समझा, मुझ पर विश्वास जताया, उस समय हमारे क्षेत्र की कुल चोहत्तर हजार दो हेक्टेयर रकबे में से चालीस हजार छः सौ छयासी हेक्टेयर असिंचित था | किन्तु आज की स्थिति में केवल सात हजार नौ सौ हेक्टेयर ही असिंचित बचा है | हमारी आगामी योजना है कि मान डेम में जब बरसात में ओवर फ्लो होता है, तब हम उस पानी को दो किलोमीटर नहर बनकर झापडी तालाब तक लायेंगे और उसे भर देंगे | यह होते ही साढ़े तीन सौ हेक्टेयर भूमि सिंचित हो जायेगी | हमने पांच नदियों को जोड़ने का प्लान भी बनाया है, जो अगर सफल हुआ तो प्रभु कृपा से निकट भविष्य में हमारा क्षेत्र पूरी तरह सिंचित की श्रेणी में पहुँच जाएगा और हमारे मनावर की धरती हरी भरी शस्य श्यामला हो जायेगी | 

किसान की मूलभूत आवश्यकता में बिजली का भी बड़ा महत्व है | पहले जहाँ केवल दो ग्रिड से बिजली आपूर्ति होती थी, आज यहाँ किसानों को सात ग्रिड से बिजली आपूर्ति हो रही है | लगातार बिजली मिलने से किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आया है | उनकी आय बढी है | चूंकि सिंचाई सुविधा बढ़ी है, तो बिजली की मांग भी बढी है, इसे ध्यान में रखकर ट्रांसफोर्मरों की क्षमता भी बढाई गई है | माननीय प्रधान मंत्री जी की सौभाग्य योजना के माध्यम से गरीबों को गाँव गाँव बिजली देना शामिल है ही | 

मैं यह देखकर गदगद हो जाती हूँ कि जो किसानी से जुड़े भाई बहिन असिंचित जमीन होने के कारण कोयला बेचकर या मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते थे, आज कपास की बुवाई कर रहे हैं, सब्जियां उगा रहे हैं, चारा उगा रहे हैं | उन्हें ससम्मान जीवन यापन करते देखना ही मेरे लिए ईश्वर की आराधना है | 

इन सब विकास कार्यों को गिनाने का मेरा मकसद कोई अपनी तारीफ़ करना नहीं है | यह मेरे अकेले के कार्य हैं भी नहीं | यदि आप मेरे साथ न होते, तो क्या एक महिला यह सब कर पाती ? 

भारतीय जनता पार्टी के सेवाभावी हरदिल अजीज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और भारत के विश्व विख्यात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की जन कल्याण कारी योजनायें न होतीं तो भी क्या यह सब संभव हो पाता ? 

आईये हम सब मिलकर स्वर्णिम भारत बनाएं | 

समृद्ध मध्यप्रदेश का निर्माण करें | 

आपकी बहिन 

रंजना बघेल 

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