अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला - जनता की अदालत में बेनकाब होते सोनिया राहुल !



भारतीय लचर न्याय प्रणाली राजनेताओं के अपराधों की सजा तो वर्षों या दशाब्दियों में ही सुना पाती है, ऐसे में जनता की अदालत में ही त्वरित न्याय होता है | कुछ ऐसा ही मामला दुनिया की सबसे अमीर राजनेता मानी जाने वाली सोनिया जी का है | यह तो सर्व विदित है कि उनका कोई व्यवसाय ज्ञात नहीं है, किन्तु उनकी अमीरी के किस्से भी आम हैं | 

इसी सन्दर्भ में आजकल अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के किस्सों से अखबारों के पन्ने रंगे जा रहे हैं | आईये हम भी इस पूरे मामले को सिलसिलेबार देखकर कड़ियाँ जोड़ें – 

दरअसल यह मामला भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलि‍कॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में हुए 3 हजार 600 करोड़ रुपए के सौदे का है, जिसमें भारत की ओर से 30 प्रतिशत भुगतान भी हो गया था । 

किन्तु तभी मामले ने एक नई करबट ली और 2013 में इटली की एक निचली अदालत में इस सौदे को लेकर घूसखोरी का प्रकरण दर्ज हुआ, जिसमें आरोप लगा था कि इस सौदे में 10 फीसद (360 करोड़ रुपए) का कमीशन दिया गया है। इस खुलासे के बाद इटली सरकार ने भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी। तथा सीबीआई ने 25 फरवरी 2013 को मामले में पूर्व एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राइमरी इंक्वायरी दर्ज की। सुबूत मिलने पर 13 मार्च को एसपी त्यागी और उनके तीन भाइयों (संजीव त्यागी उर्फ जूली, डोक्सा और संदीप त्यागी) समेत 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। 

स्वाभाविक ही भारत की राजनीति में भी इसके बाद भूचाल आ गया तथा मजबूर होकर भारत सरकार ने इस करार को जनवरी 2014 में रद्द कर दिया। अर्थात मामले के खुलासे के भी पूरे एक वर्ष बाद | 

लेकिन इसके बाद सबसे ज्यादा हंगामा तब खड़ा हुआ, जब दिसंबर, 2016 में इटली की अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमैकनिका के पूर्व चीफ गिसेपी ओरसी, ब्रूनो स्पेगनोलिनी और बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। इस मामले में वेस्टलैंड के पूर्व शीर्ष अधिकारियों गिसेपी ओरसी को साढ़े चार साल और ब्रूनो स्पेगनोलिनी को चार साल की सजा सुनाई गई थी। इटली की मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने फैसले में माना था कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ था। कोर्ट ने 225 पेज का फैसला दिया था। 

इटली की न्यायालय में अगुस्ता घोटाले को लेकर चले मुकदमे में यह तथ्य भी सामने आया था कि 2010 में अगुस्ता के साथ जोइंट वेंचर के लिए भारतीय सहयोगी के रूप में, टाटा की 'इंडिया रोटोरक्राफ्ट' का चुनाव, भारतीय सर्वजिनिक उद्यम, हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एच ऐ एल) की अनदेखी कर के किया गया था। टाटा के लिए इस कार्य मे तत्कालीन रक्षा सचिव विजय सिंह ने मुख्य भूमिका निभाई थी और पारितोषिक के रूप में विजय सिंह को सेवानिवृत्त होने के बाद, 'टाटा संस' का निदेशक बनाया गया था। 

यह तथ्य इटली के न्यायालय में भारतीय उद्दोगपति सायरस मिस्ट्री व रतन टाटा की गवाही में सामने आए थे। वहां सायरस मिस्त्री ने अगुस्ता घोटाले में रक्षा सचिव विजय सिंह की भूमिका का राहस्योघाटन किया था। 

हालांकि उसके बाद इटली में यह प्रकरण वहां के सर्वोच्च न्यायालय में गया तथा वहां से वापस निचली अदालत में पुनर्विचार के दौरान सबूतों के अभाव की बात कहकर आरोपीयों को दोषमुक्त कर दिया गया | संभव है इसके पीछे मुख्य कारण अपने देश की विश्व पटल पर हो रही थुक्का फजीहत से बचाने के लिए हो | किन्तु भारतीय सीबीआई को न्यायालय ने मामले से सम्बंधित जो कागजात सोंपे, उनसे रहस्य पर से पर्दा हटा और बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल को भारत लाया गया | 

मिशेल के भारत आते ही कांग्रेस की घबराहट तब सामने आई, जब युवा कांग्रेस के नेता अलजो जोसफ उसके बकील बने | हंगामा हुआ और मरता क्या न करता कि तर्ज पर जोजफ को कांग्रेस की सदस्यता से मुक्ति देनी पड़ी | प्रारम्भ में मिशेल को सीबीआई हिरासत में भेजे जाने पर जो तथ्य सामने आये उनने कांग्रेस कि बैचैनी और बढ़ा दी | जैसे कि मिचेल के पत्राचारों की विवेचना करने पर यह बात सामने आई है कि उनमें राहुल गांधी के लिए "इटेलियन मां का पुत्र" "आगामी प्रधानमंत्री" शब्दो का प्रयोग किया गया है | 

और कल जब से यह समाचार आये है कि कोर्ट ने एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के निवेदन को स्वीकार करते हुए अगुस्ता वीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में बिचौलिया की भूमिका निभाने वाले क्रिस्चियन मिचेल की हिरासत 7 दिनों के लिए बढ़ा दी गयी है तभी से कांग्रेस की हालत विक्षिप्त जैसी हो गई है, उन्हें मानो सांप सूंघ गया है । 

न्यायालय ने ईडी की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए मिचेल की हिरासत को 7 दिन के लिए तो बढ़ाया ही है लेकिन साथ मे मिचेल के वकील को लेकर भी निर्देश दिये है। न्यायालय ने मिचेल और उसके वकील के बीच मुलाकात के समय को कम कर दिया है और साथ मे यह आदेश भी दिया है कि मिचेल और उसके वकील के बीच कम से कम तीन फीट की दूरी रहेगी। 

न्यायालय ने यह कड़ा आदेश इसलिये दिया है क्योंकि ईडी का आरोप था कि मिचेल का वकील, रिश्वत लेने वाले संदिग्धों और आरोपी क्रिशयन मिचेल के बीच संदेशवाहक का काम कर रहा है। इस आरोप के पीछे कारण यह था कि मिचेल के स्वास्थ परीक्षण के दौरान ईडी के डिप्टी डाइरेक्टर ने मिचेल द्वारा अपने वकील अलजो जोसफ (युवा कांग्रेस नेता) को छुपा कर पर्ची देते पकड़ लिया था। जब अलजो जोसफ की तलाशी में वह पर्ची पकड़ी गई तो उसमें मिचेल से सोनिया गांधी से सम्बंधित जो सवाल पूछे गए थे, उसका उल्लेख था। न्यायालय ने इस मामले की गम्भीरता को समझते हुए ही मुलाकात का समय कम और मिलने पर न्यूनतम दूरी 3 फिट निर्धारित की है। 

कांग्रेसी प्रवक्ता समझ नहीं पा रहे हैं कि वे बचाव करें तो कैसे करें ? सोनिया व राहुल भी 'इटेलियन मां का बेटा' इत्यादि से इतने परेशान नही हुए, जितने अपने संदेशवाहक अलजो जोसफ की भूमिका का प्रमाणों के साथ खुलासा होने पर व्यथित है। अब क्योंकि मिचेल, सोनिया गांधी सम्बंधित प्रश्नों को लिख कर दे रहा था इसलिए संदेह की स्पष्ट सुई सोनिया गांधी पर अटक जाती है और इटेलियन मां के आवरण में छिपी सोनिया गांधी की तस्वीर, ज्यादा साफ दिखने लगी है। 

कांग्रेस, इटली के न्यायालय से निकले रतन टाटा, विजय सिंह और एच ऐ एल के नामों से भी बड़ी बैचैन है क्योंकि एचएएल की अनदेखी के कर टाटा की 'इंडियन रोटोरक्राफ्ट' के चयन को लेकर जो टिप्पणियां की गई है वो 400 करोड़ की रिश्वत के हिस्सेदारों पर से धुंद की परतें हटाने में सहायक होंगी। अब तक के तथ्य मिचेल द्वारा करीब 400 करोड़ रुपये रिश्वत देने की बात स्पष्ट कर रहे है जिसमे 276 करोड़ की रिश्वत भारतीय राजनैतिज्ञों को और करीब 125 करोड़ की रिश्वत नौकरशाहों व अन्य(मीडिया भी) दी गयी है। 

यहां यह भी बात सामने आई है कि मिचेल ने 1998 से 2012 के बीच 300 बार भारत की यात्रा की है और सोनिया गांधी के परिवार से साथ उसके करीबी रिश्ते उसके पिता वोल्फगांग मिचेल की समय से ही है। सोनिया गांधी की नजदीकियां इस मिचेल परिवार से कितनी है यह इसी बात से समझा जासकता है कि अपने लंदन प्रवास पर सोनिया, मिचेल की घर पर ही ठहरती थी और इसके साथ सोनिया गांधी के परिवार की सुरक्षा में लगे एसपीजी की लॉगबुक की भी जांच हो रही है, जो इस पर प्रकाश डाल सकती है कि 10 जनपथ पर मिचेल कब कब मेहमान बने थे। 

भारतीय न्यायालय सोनिया और उसके पुत्र राहुल गांधी को कभी अपराधी मानेगी अथवा नही यह तो समय ही बतायेगा लेकिन यह तय है कि गांधी परिवार जनता की अदालत में तेजी से बेनकाब हो रहा है । 

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