देश बारूद के ढेर पर - दिल्ली के घरों में मिल रहे हैं राकेट लांचर, तो महत्वपूर्ण तकनीकी संस्थानों में नक्सलवाद की घुसपैठ !



कल हुई सुरक्षा एजेंसियों की कार्यवाही में दिल्ली के जाफराबाद से बरामद ग्रेनेड लॉन्चर, देश में बना रॉकेट लॉन्चर, बड़ी मात्रा में पिस्टल और तलवारें खतरनाक सन्देश दे रही है । उत्तर प्रदेश के अमरोहा से भी विस्फोटक और पिस्टल के साथ साथ ISIS का बैनर बरामद हुआ है। बड़ी मात्रा में आरडीएक्स, जिलेटिन छड़ें, 7.5 लाख रुपए, 135 सिमकार्ड्स, लैपटॉप और मेमोरी कार्ड्स जब्त भी किए गए हैं। 120 अलार्म घड़ियां भी बरामद की गई हैं। जो फिदायीन हमले या रिमोट के जरिए विस्फोट कराने के काम में लाई जाने वाली थीं। ये लोग रिमोट कंट्रोल बम और सूइसाइड जैकेट तैयार करने में जुटे थे। 

NIA द्वारा जारी बयान के अनुसार आतंकी 26 जनवरी के पहले देश की राजधानी दिल्ली और लखनऊ में बड़ा धमाका करने की तैयारी में थे। इन आतंकियों के तार ISIS के मॉड्यूल ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ से जुड़े हैं। साथ ही इनमें से कई पाकिस्तान के आईएसआईएस के स्लीपर मॉड्यूल के रुप में काम करते थे। 

अमरोहा का मौलवी बताया जाता है मास्टर माइंड 

एनआईए के आईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि छापेमारी के बाद 16 लोगों से पूछताछ की गई, जिसके बाद 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पांच को दिल्ली और पांच को यूपी से गिरफ्तार किया गया है। मुख्य साजिशकर्ता मुफ्ती सुहैल को अमरोहा से गिरफ्तार किया गया है। मुफ्ती सुहैल अमरोहा के मस्जिद का मौलवी है। यह दिल्ली के किसी मदरसे में भी पढ़ाने का काम करता है। संभवतः इसने देवबंद से भी पढ़ाई की है। इसके घर के लोग और रिश्तेदार भी पढ़े-लिखे और शैक्षिक गतिविधियों से जुड़े बताए जा रहे हैं। 

दिल्ली के जाफराबाद से मोहम्मद आजम, अनस ज़ुबैर, ज़फ़र, जैद और जुबैर मलिक को पकड़ा गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की उम्र 20-30 साल के बीच है। मेरठ जिले में किठौर के राधना में भी एनआईए ने बुधवार सुबह छापेमारी की। यहां से भी एनआईए ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। किठौर के ही ललियाना से चार संदिग्धों को भी एनआईए उठा ले गई है। इन सभी को अमरोहा में पकड़े गए आईएसआईएस के स्लीपर मॉड्यूल का साथी बताया जा रहा है। एक महिला को भी हिरासत में लिया गया है, उससे पूछताछ के बाद ही स्थिति साफ होगी। पकड़ में आए लोगों से पूछताछ के बाद अब यूपी के मेरठ और हापुड़ में भी छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। हापुड़ के बक्सर गांव से एक मौलाना को हिरासत में लिया गया है, मौलाना से पूछताछ की जा रही है। 

एनआईए आईजी ने ये भी बताया कि ये सभी विदेशी व्यक्ति के संपर्क में थे। आतंकी संगठन आईएस से प्रभावित इन लोगों का हैंडलर विदेशी था। ये लोग आपस में बातचीत करने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करते थे। ये लोग सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहे थे। साथ ही, इनकी आत्मघाती हमला करने की भी योजना थी। इनके निशाने पर राजनेता और महत्‍वपूर्ण हस्तियां थीं। इसके अलावा संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्‍ठानों पर भी हमला करने की साजिश रची गई थी। 

एनआईए ने बताया कि महत्वपूर्ण इमारतें, कुछ सिक्युरिटी इंस्टालेशन, भीड़-भाड़ वाले इलाके इनके निशाने पर थे। लखनऊ में इसी मॉड्यूल के तहत इनका एक आदमी तैयारी में लगा था। इनकी सेल्फ फंडिंग है। कुछ लोगों ने सोना चोरी करके बेचा। इसी से बम बनाने के इक्विपमेंट्स खरीदे गए। इनकी जल्द ही धमाका करने की कोशिश थी। उन्हें रिमांड पर लेकर विस्तार से पूछताछ करेंगे, इसके बाद ही ज्यादा जानकारी मिलेगी। 

एनआईए ने कहा, ”इस संगठन का सरगना मुफ्ती सुहैल इंटरनेट के माध्यम से विदेश में एक हैंडलर से जुड़ा हुआ था. ये लोग आईएस मॉड्यूल से प्रेरित थे, ऐसे में ये साफ़ है कि इस साजिश में ये लोग क्यों शामिल हुए। 

आईएसआईएस से प्रभावित इस मॉड्यूल में एमिटी यूनिवर्सिटी में सिविल इंजिनियरिंग करने वाला छात्र, ऑटो ड्राइवर, मौलवी, गारमेंट्स का बिजनस करने वाला युवक शामिल है। इनमें से ज्यादातर की आयु 20 से 30 साल की है। 

फिलहाल हिरासत में लिए गए संदिग्धों से आतंकी फंडिंग आदि को लेकर जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि यह दूसरी घटना है, जब उत्तर प्रदेश में आईएसआईएस के मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। इससे पहले 9 मार्च, 2017 को भी एनआईए ने आईएसआईएस के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इसके साथ ही भारत के दक्षिणी राज्य केरल से भी आतंकी संगठन से जुड़ाव की कुछ खबरें सामने आयीं थी। केरल से कुछ लोग तो आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया और इराक भी जा चुके हैं। 

दिल्ली के जाफराबाद से बरामद ग्रेनेड लॉन्चर, देश में बना रॉकेट लॉन्चर, बड़ी मात्रा में पिस्टल और तलवारें खतरनाक सन्देश दे रही है । विचित्र बात यह है कि दिल्ली से पकडे गए अनीस ने करीब 2 महीने पहले अपने ही घर से 5 लाख का सोना चुराया लिया था और इसी पैसे से हथियार खरीदे गए हैं। सवाल उठता है कि आखिर घरवालों ने चोरी की रिपोर्ट क्यों नहीं की ? क्या उनकी भी इस गतिविधि में सहमती थी ? 


दूसरी ओर नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) के विस्फोटक विशेषज्ञ एन वेंकट राव मूर्ति की गिरफ्तारी के बाद नक्सली नेटवर्क की सरकारी तंत्र में गहरी घुसपैठ का भी खुलासा हुआ है | विगत रविवार को छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के चबुक्नाला जंक्शन पर गिरफ्तार किये गए नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) के विस्फोटक विशेषज्ञ एन वेंकट राव मूर्ति की गिरफ्तारी के बाद नक्सली नेटवर्क की सरकारी तंत्र में गहरी घुसपैठ का खुलासा हुआ है | कहा जा रहा है कि एन वेंकट राव, सीपीआई (माओवादी) के पूर्व महासचिव गणपति के नजदीकी संपर्क में था । 

पुलिस को उसके पास माओवादी साहित्य, एक सेलफोन, दो वायरलेस सेट और 23 डेटोनेटर मिले हैं। इसके अलावा, जांचकर्ताओं को उसके पास तेलुगु में लिखा एक पत्र भी मिला है, जो तेलंगाना के एक ठेकेदार द्वारा माओवादी नेतृत्व को लिखा गया था । 

चूंकि वेंकट राव केंद्र सरकार का कर्मचारी हैं, इसलिए किसी को भी उस पर संदेह नहीं था कि उसका नक्सलवादी शीर्ष नेतृत्व के साथ इतना नजदीकी सम्बन्ध हो सकता है । छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि अपनी इसी स्थिति का लाभ उठाकर उसने विगत दो वर्षों में अनेक बार माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्यों, विशेष रूप से दीपक तेलतुंबडे और सेन्ट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के अध्यक्ष देवजी के साथ बस्तर के जंगलों में भेंट कर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया । 

वेंकट राव, मुप्पला लक्ष्मण राव उर्फ ​​गणपति और कथित शहरी नक्सली नेटवर्क के बीच सन्देश वाहक का काम करता था, जिनमें क्रांतिकारी लेखक संघ (आरडब्ल्यूए) के सदस्य वरवारा राव और अन्य लोग शामिल हैं । 

72 साल का गणपति कुछ दिन पहले तक भाकपा (माओवादी) का महासचिव था । 

वेंकट राव पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 तथा गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम की धारा 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

देश सचमुच बारूद के ढेर पर बैठा है | नक्सलवाद और इस्लामी आतंकवाद गुपचुप अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं और हम आपस में राजनीति राजनीति खेलने में मशगूल हैं |
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