रक्षा सौदे घोटाले में राष्ट्रीय दामाद RV पर भाजपा सांसद निशिकांत के खुलासे !



भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कल 4 जनवरी 2019 को लोकसभा में एक गंभीर आरोप लगाया कि ईमानदारी के साथ हुई राफेल की खरीद में कांग्रेस को कमीशन नहीं मिला इसलिए तिलमिलाई कांग्रेस राफेल के नाम पर अपने झूठ फ़रेब का शोर मचा कर देश को गुमराह कर रही है। 

सबूत के रूप में उन्होंने पहला नाम संजय भंडारी का लिया जिसे गांधी परिवार के दामाद श्री रावर्ट वाड्रा का नजदीकी बताया जाता है | आईये जानें कि कौन है यह संजय भंडारी और सांसद निशिकांत के आरोपों में कितना दम है – 

संजय भंडारी 2008 में एक कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस (OIS) समूह की स्थापना की | उसके बाद वे भारत में विदेशी आयुध कंपनियों के लिए एक हाई-प्रोफाइल रक्षा सलाहकार, और दूसरे शब्दों में बिचौलिए की भूमिका निभाने लगे । जब तक यूपीए सरकार रही तब तक उनकी दसों उंगलियाँ घी में और सर कढाही में रहा, और उन्होंने खूब कमाई की | किन्तु उनके दुर्भाग्य से 2014 में एनडीए सरकार सत्ता में आ गई और उनके दुर्दिन शुरू हो गए और कुछ ही समय में उनके व्यापार सौदों को लाल झंडी दिखा दी गई। वे आयकर अधिकारियों और प्रवर्तन निदेशालय दोनों के रडार पर भी आ गए, और अब तक कई सौ करोड़ रुपये की बन चुकी उनकी कंपनी की, केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच शुरू हो गई। राजस्व खुफिया निदेशालय के अनुसार प्रारम्भिक आरोप लगा कि उनके द्वारा सीमाशुल्क बचाकर कारों का आयात किया जा रहा था। 

लेकिन जो सबसे प्रमुख आरोप संजय भंडारी पर लगा, वह था यूपीए शासन के दौरान 2012 में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर डसॉल्ट एविएशन के साथ ऑफ़सेट करार, जिसके तहत भारत को 126 फाइटर जेट्स की आपूर्ति की जानी थी | भाजपा लगातार संजय भंडारी की रोवर्ट वाड्रा से नजदीकी को लेकर सवाल उठाती रही है और उसका ही उल्लेख कल के भाषण में भाजपा सांसद निशिकांत ने भी किया । 

निशिकांत ने उल्लेख किया कि इनकम टेक्स को संजय भंडारी के यहाँ मारे गए छापे में लन्दन के एक फ्लैट के कागजात मिले थे जिसका पता है – फ्लैट नंबर 12, ब्रन्सटन स्क्वायर लन्दन ! संजय भंडारी के पी एस सुमित चड्ढा ने रोवर्ट वाड्रा को मेल किया कि आपके इस फ्लैट के रखरखाव हेतु पैसा भेजने का कष्ट करें | उसका RV ने जबाब दिया कि – Look into it | अर्थात मैं देखता हूँ कि क्या करना है | निशिकांत ने कांग्रेस से जबाब माँगा कि यह बेनामी संपत्ति RV की है या नहीं ? 

यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य है कि आयकर छापे के बाद 2016 में संजय भंडारी देश छोड़कर भाग निकले | लगातार अदालत की तारीखों पर अनुपस्थित रहने के कारण फरवरी 2017 में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और जनवरी 2018 में, दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने भंडारी को कानून से "फरार" घोषित कर दिया ! किन्तु यहाँ से मामले ने रोचक मोड़ लिया और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, भंडारी के वकील के रूप में सामने आये | जैसा कि न्यायालयों की परम्परा है, भंडारी के खिलाफ उक्त आदेश को जुलाई 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया । अदालत ने भंडारी को घोषित अपराधी तो नहीं माना किन्तु तारीखों पर अनुपस्थिति को लेकर जारी कार्रवाई को यथावत रखा । अर्थात भंडारी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट अभी भी कायम है। 

निशिकांत ने सबसे गंभीर आरोप लगाया कि 2012 में कांग्रेस ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर – 40 को रिजेक्ट कर स्विसएयरक्राफ्ट पिलाटस का सौदा किया | इस सौदे में RV की भूमिका पर सांसद ने कांग्रेस से जबाब माँगा | उन्होंने आरोप लगाया कि पिलाटस के साथ हुए दस लाख पोंड के इस सौदे में 2.5 प्रतिशत कमीशन OIS को मिला | उसकी पार्टी ज्यूरिख में दी गई, जिसमें शामिल होने के लिए RV को उसी कम्पनी द्वारा हवाई टिकिट दिए गए, वे शामिल हुए और उस पार्टी में किये गए एश के फोटो भी उपलब्ध हैं | 

उन्होंने बिचौलिए सुधीर चौधरी का भी जिक्र किया, जो मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ के रिश्तेदार हैं | सुरेश मूलचंदानी के साथ कलमाडी के सम्बन्ध हैं, कांग्रेस के ट्रेजरर के भी सम्बन्ध हैं | कांग्रेस पार्टी केवल डिफेन्स डीलर की लड़ाई लड़ रही है | यह राफेल की लड़ाई नहीं है, कमीशन की लड़ाई लड़ रही है, वह पैसे की लड़ाई लड़ रही है | आखिर सभी विचौलियों का सम्बन्ध किसी न किसी कांग्रेसी से क्यों है ? कांग्रेस को भारत की सुरक्षा की चिंता नहीं है  ! राफेल पर कांग्रेस केवल इसलिए परेशान है, क्योंकि इन्होने जो कमीशन तय किया था, वह नहीं मिल पाया | 

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