मध्यप्रदेश में रोकी गई मीसाबंदी पेंशन



भोपाल। शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद रहे नेताओं को दी जा रही मीसाबंदी पेंशन पर कमलनाथ सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है। अब प्रदेश भर के मीसाबंदियों( लोकतंत्र सेनानी) का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा और उसके बाद पात्र लोगों को ही सम्मान निधि भुगतान की प्रक्रिया का पुनर्निधारण होगा। 

कमलनाथ सरकार ने सभी संभाग कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर जनवरी माह से लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि राशि का वितरण भौतिक सत्यापन के बाद ही करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश की जद में प्रदेश के सभी 2600 लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन आ गए हैं, जिन्हें बीते एक दशक से अधिक समय से हर माह सम्मान निधि दी जाती थी। पेंशन रोके जाने के फैसले से लोकतंत्र सेनानी संघ और भाजपा नाराज है। 

श्री तपन भौमिक, प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी संघ की प्रतिक्रिया -

प्रदेश की कमलनाथ सरकार टोटल बदले की भावना से काम कर रही है। पहले वंदेमातम् बंद किया गया और अब लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि रोकने के आदेश कर दिए। इसका वितरण जांच के साथ भी किया जा सकता था। इतना ही नहीं भौतिक सत्यापन की कोई समयसीमा भी तय नहीं की गई है। प्रदेश में विधानसभा में पारित अधिनियम के तहत लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि दी जाती थी। इसे रोकना विधानसभा का निरादर है। लोकतंत्र सेनानी संघ इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाएगा।

लोकतंत्र सेनानी संघ का कहना है कि मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में सम्मान निधि दी जाती है। उत्तरप्रदेश में इससे पहले मायावती सरकार के दौरान सम्मान निधि को रोका गया था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की रोक के बाद फिर से वितरण करना पड़ा। राजस्थान में भी ऐसे ही प्रयास जयपुर हाईकोर्ट से खारिज हो गए थे। मध्यप्रदेश में जयप्रकाश नारायण लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि संबंधी अधिनियम भी विधानसभा से पारित है। इसे रोकने के लिए नियमानुसार विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना होगा, उसके बाद राज्यपाल की सहमति मिलने पर ही इसे रोका जा सकता है । स्वाभाविक ही लोकतंत्र सेनानी संघ इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाएगा। 

बैसे जब मीसाबंदी पेंशन देने के नए नियम बने थे, तब कुछ मीसाबंदियों ने भी इस पर आपत्ति कुछ इस प्रकार जताई थी -

मध्यप्रदेश सरकार ने एक दिन भी मीसा / डीआईआर / 151 या धारा 144 उल्लंघन में बंद रहे सज्जनों को लोकतंत्र सेनानी घोषित कर दिया, भले ही वे माफी मांगकर तुरंत ही छूट गए हों |

केवल 17 दिन जेल में गुजारने वाले एक सांसद द्वारा ली जा रही मीसाबंदी सम्मान निधि को जायज करने के लिए संभवतः यह नियम परिवर्तन किया गया | 

स्मरणीय है कि पूर्व में एकदम सही नियम बनाया गया था – जो लोग छः माह से कम जेल में रहे उन्हें छः माह से अधिक जेल में रहे मीसाबंदियों की तुलना में आधी सम्मान निधि दी जाए | तीन माह से कम जेल में रहे महानुभावों को कोई सम्मान निधि नहीं |

यही उपयुक्त भी था | किन्तु आज के सत्ताधीशों को तो अपने पेड वर्कर तैयार करने हैं, उन्हें तत्कालीन जुझारू कार्यकर्ताओं से तो इसलिए भी विरक्ति है, क्योंकि वे स्वयं उनके सामने बौने हैं | अतः अपने कारिंदों को लोकतंत्र सेनानी घोषित कर दोनों हाथों से जन धन उलीचना ही उन्हें ज्यादा ठीक लगता है | इसलिए तत्कालीन संघर्षशील जुझारू कार्यकर्ताओं की लाईन के नीचे माफी माँगने वाले और गैर राजनैतिक कारणों से गिरफ्तार असामाजिक तत्वों की बड़ी लाइन खींच दी गई है | 

शासकीय पक्ष का कथन -

पिछले सालों में लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के भुगतान में बजट प्रावधान से अधिक राशि खर्च होने और इस पर महालेखाकार के लेखा परीक्षण प्रतिवेदनों में आपत्ति आने और लोकलेखा समिति के सामने बजट प्रावधान से ज्यादा व्यय पर विभाग को स्थिति स्पष्ट करने में आने वाली कठिनाई को जीएडी ने भौतिक सत्यापन कराने का आधार बताया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार लोक लेखा समिति की अनुशंसा पर बजट से अधिक खर्च की गई राशि के नियमन के लिए विधानसभा में पुनः विधेयक प्रस्तुत करने की आवश्यकता पड़ती है। 

ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति न हो इसलिए सम्मान निधि वितरण की वर्तमान प्रक्रिया को और अधिक सटीक, पारदर्शी बनाया जाना आवश्यक है। साथ ही लोकतंत्र सेनानियों का भौतिक सत्यापन कराना भी जरूरी है। इसके लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। जीएडी ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि आगामी माह से सम्मान निधि राशि का वितरण उपरोक्तानुसार कार्यवाही होने के बाद ही किया जाए। इसके लिए जिला कोषालय एवं सम्मान निधि वितरण करने वाली सभी बैंक शाखाओं को तत्काल अपने स्तर पर निर्देशित किया जाए।

1.बजट से ज्यादा सम्मान निधि बांटने के चलते लिया फैसला
2. कमलनाथ सरकार कराएगी लोकतंत्र सेनानियों का भौतिक सत्यापन
3. जांच के बाद फिर शुरू होगी पेंशन

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