राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2019, ग्वालियर में सरकार्यवाह श्री. भय्याजी जोशी द्वारा प्रस्तुत अविकल वार्षिक प्रतिवेदन

 {अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2019, ग्वालियर में दिनांक 8 मार्च सुबह 9 बजे सरकार्यवाह श्री. भय्याजी जोशी द्वारा प्रस्तुत} 
 
प. पू. सरसंघचालक जी, आदरणीय अखिल भारतीय पदाधिकारी बंधु, अ. भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य गण, निमंत्रित और विशेष निमंत्रित बंधु, अ. भा. प्रतिनिधी सभा के सदस्य तथा सामाजिक जीवन के विविध क्षेत्रों मे परिवर्तन की दिशा मे चल रहे कार्यों मे कार्यरत ऐसे निमंत्रित बंधु तथा बहनों का अखिल भारतीय प्रतीनिधि सभा में स्वागत है | 

ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर मे पहली बार इस प्रकार की बैठक संपन्न हो रही है | कई प्रेरक स्मृतियाँ इस क्षेत्र से संबंधित है | सेवा और शिक्षा कार्य से प्रभावित इस परिसर में हमारी चिंतन तथा विचार-विमर्श की प्रक्रिया चलने वाली है | धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक क्षेत्र के साथ कला साहित्य क्षेत्र के स्वनामधन्य श्रेष्ठ महानुभावों के अनुपस्थिति हम अनुभव कर रहे है | कई निकटस्थ सुपरिचित राष्ट्र साधना मे हम सबके साथ आज हमारे मध्य नही रहे | कालप्रवाह में अंतिम गंतव्य की और प्रयाण कर गये |
 
दिवंगत सूची
 
श्री ओमप्रकाश जी अग्गी  पंजाब - वरिष्ठ प्रचारक  भा. म. स. और व. क. आश्रम
श्री चंपकनाथ जी  दक्षिण कर्नाटक - वरिष्ठ प्रचारक - 1946 से प्रचारक थे, पहले बॅच के प्रचारक 
श्री भास्करराव दामले - गुजरात - वरिष्ठ प्रचारक
श्री. लक्ष्मण काशीनाथ तथा आबा अभ्यंकर - पश्चिम महाराष्ट्र - ज्येष्ठ प्रचारक, 41 साल प्रांत कार्यालय प्रमुख का दायित्व
मा. दादाराव भडके - विदर्भ - पूर्व प्रांत संघचालक
मा. तात्याराव कुंटे - विदर्भ - प्रांत कार्यवाह, विभाग संघचालक
मा. एन. मोहनकुमार - केरल - पल्लकाड जिला संघचालक
मा. सुशील जी - हरियाणा - कई वर्ष विभाग प्रचारक रहे, अंतिम दायित्व गुरुग्राम महानगर के संघचालक
श्री. बालकृष्ण पुरुषोत्तम तथा राजाभाऊ जोशी - पश्चिम महाराष्ट्र - ज्येष्ठ स्वयंसेवक मुंबई में पार्ले भाग के मा. संघचालक रहे । हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष रहे।
श्री प्रमोद जोशी - विदर्भ - विश्व हिंदु परिषद के अरुणाचल में प्रचारक थे
श्री कुनापुली वेंकटेश्वर राव - तेलंगाना - प्रचारक रहे, सिकंदराबाद भाग कार्यवाह, इतिहास संकलन योजना
श्री देवेंद्र स्वरूप - दिल्ली - वरिष्ठ पत्रकार
श्री विष्णू हरी दालमिया-  दिल्ली - विश्व हिंदु परिषद
श्री नाना चुडासामा - कोकण - पूर्व उप महापौर, मुंबई
श्री कांतीभाई पटेल - गुजरात - प्रसिद्ध मूर्तिकार, पद्मश्री से सम्मानित -
श्रीमती शारदा ताई - तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में राष्ट्र सेविका समिती का निर्माण और वृद्धी के लिये विशेष प्रयत्न। अनेक वर्ष प्रांत कार्यवाहिका रही।
डा. बुद्धसिंह जी - हरियाणा - प्रान्त सेवा भारती के अध्यक्ष रहे
श्री इ. महादेवन - उत्तर तमिलनाडू  पद्मश्री, इंडस व्हॅली और तमिल ब्राह्मी लिपी पर प्रभुत्व
जगद्गुरू स्वामी शिवकुमार - श्री सिद्धगंगा मठ - कर्नाटक दक्षिण
स्वामी जगत्मानंद - रामकृष्ण आश्रम, पोन्नमपेतटे - कर्नाटक दक्षिण
जगद्गुरू स्वामी हंसदेवाचार्य - हरिद्वार, उत्तराखंड - वि. हिं. प. राम मंदिर आंदोलन में सक्रीय
पूज्य श्री श्री 1008 श्री नारायणदास जी महाराज - हरियाणा - सामाजिक कार्य में सेवारत, पद्मश्री से सम्मानित
पूज्य स्वामी विजयभास्करानंद - केरल - मठाधिपती किडंगनुर श्री बाल भट्टारक विजयानंदाश्रम
श्री अनंत कुमार - दक्षिण कर्नाटक - भा. ज. पा. केंद्रीय मंत्री
ब्रिगेडियर कुलदीप सिंघ चांदपुरी - पंजाब 1971 युद्ध में पाकिस्तानी पॅटन टँक का सामना. महावीर चक्र सम्मान प्राप्त. 
ब्रिगेडीअर दिवाकर अनंत परांजपे - पश्चिम महाराष्ट्र - वीरचक्र से सम्मानित । 1971 के बांगलादेश युध्द में महार रेजिमेंट का नेतृत्व।
श्री जॉर्ज फर्नांडिस - पूर्व रक्षा मंत्री - दक्षिण कर्नाटक
श्री जाफर शरीफ - पूर्व रेल मंत्री - दक्षिण कर्नाटक
श्रीमती लालन सारंग - कोकण - मराठी सिने कलाकार
श्री मृणाल सेन - दक्षिण बंगाल - सिने निर्माता 
श्री रमेश भाटकर - मुंबई, कोकण - जेष्ठ अभिनेता 
श्री श्रीधर माडगुळकर - कोकण 
श्री राजकुमार बडजात्या - सिने निर्माता
श्री अंबरीश - सिने कलाकार, मनमोहन सरकार में युनियन मिनिस्टर - दक्षिण कर्नाटक
श्री कांतीभाई पटेल - गुजरात - पद्मश्री से सम्मानित । अपनी 60 करोड की संपत्ती ललित कला अकादमी को दान में दी
श्री रमाकांत आचरेकर - कोकण - क्रिकेट प्रशिक्षक
श्रीमती श्रीदेवी - कोकण - सिने अभिनेत्री
श्री कादर खान - कोकण - सिने अभिनेता, लेखक
श्री पलूर माधवन नम्बुदरी - केरल - कवी
श्री एम. आई. शहानवाझ - केरल - सांसद वायनाड
श्री सायमन ब्रीट्टो - केरल - अंगलो इंडियन विधायक
श्री लेनिन राजेन्द्रन - केरल - सिने दिग्दर्शक
श्री सी. कृष्णन नम्बुदरी - केरल - भारतीय भाषा तज्ञ
श्रीमती सी. पारुकुट्टी - केरल - प्रथम कथकली नृत्य कलाकार
  
वैसे ही प्राकृतिक, मानव निर्मित आपदाओं, दुर्घटनाओं मे हमसे बिछड गये, साथ ही सीमा पर राष्ट्ररक्षा हेतू संघर्ष करते करते बलिदान हुए, हिंसाचार के शिकार हुए ऐसे सभी दिवंगतों को हम श्रद्धासुमन अर्पित करते है | दिवंगतों के आहत परिजनों के प्रति हमारी संवेदना व्यक्त करते है | ईश्वर कृपा प्रदान कर सभी दिवंगत आत्माओं सद्गती प्रदान करे |
 
ओम शान्ति: शान्ति: शान्ति:
 
कार्य स्थिति
 
2018 – 19 में संपन्न संघ शिक्षा वर्ग
 
 सामान्य वर्गविशेष वर्ग
 स्थानसंख्यास्थानसंख्या
प्रथम95121563917792490
द्वितीय2673333515042064
तृतीय646703  
 
प्राथमिक शिक्षा वर्ग –
 
 कुल वर्गशाखा प्रतिनिधित्वकुल संख्या
2017-1811802781495318
2018-1912552952493744
 
शाखा वृत्त
 
 स्थानशाखासाप्ताहिक मिलनसंघ मंडली
2018 (मार्च)3719058967164057976
2019 (मार्च)3701159266172298382
 
परम पूजनीय सरसंघचालक जी का 2018-19 प्रवास 

परम पूज्य निंबार्काचार्य स्वामी श्री जी महाराज के साथ
प. पू. शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के सानिध्य में
क्षेत्रश: प्रवास में संगठनात्मक बैठको के साथ-साथ विशेष संपर्क की योजना बनी थी । वस्ती श:/ मंडलश: प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यक्रमों में विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, सिलिगुड़ी, तिरुपुर विभाग, चेन्नई महानगर के कार्यक्रम रहे । विदर्भ प्रांत का प्रवासी कार्यकर्ता शिविर और मेरठ प्रांत का प्रवासी कार्यकर्ता एवं संघ शिक्षा वर्ग शिक्षित स्वयंसेवकों के शिविर में उपस्थित रहे । जूनागढ़ विभाग, भागलपुर, देहरादून महानगर के कार्यकर्ताओं के पारिवारिक मिलन में उपस्थित रहे । दिल्ली में हुए तीन दिवसीय व्याख्यानमाला “भारत का भविष्य - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण” और विश्व हिंदू सम्मेलन, शिकागो यह विशेष उल्लेखनीय कार्यक्रम रहे ।
 
प्रवास में श्रेष्ठ आध्यात्मिक विभूतियों से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ जीन मे परम पूज्य हीरा सिंह जी महाराज, परम पूज्य देवराह बाबा, नाणिजधाम के परम पूज्य नरेंद्राचार्य महाराज, परम पूज्य निंबार्काचार्य स्वामी श्री जी महाराज, शांति काली मिशन अगरतला के प. पू. चित्तरंजन जी महाराज, कांची कामकोटि मठ के प. पू. शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती, सत्संग आश्रम देवघर, झारखंड के ठाकूर अशोक दा, आदी पूज्य संतो का दर्शन तथा वार्तालाप हुआ |
 
विशेष व्यक्ति संपर्क योजना अंतर्गत शासकीय अधिकारी, साहित्यकार, खिलाड़ी, व्यवसायी, शिक्षाविद् , प्रचार माध्यमों के बंधुओं से मिलना हुआ जीनमे जेष्ठ वैज्ञानिक भारत रत्न श्री सी. एन. आर. राव, इसरो के अध्यक्ष श्री ए. एस. किरण कुमार, कर्नाटक उच्च न्यायालय के निवृत्त मुख्य न्यायाधीश अधिवक्ता श्री एस. के. मुखर्जी, अपोलो हॉस्पिटल के श्री प्रताप कुमार रेड्डी, लखानी शूज के श्री के.सी.लखानी, पिरामल ग्रुप के श्री अजय पिरामल आदि महानुभाव समाविष्ट रहे ।
 
मा. सरकार्यवाह प्रवास

पेजावर मठ के श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी के साथ
स्वामी अवदेशानंदजी को कॉफी टेबल बुक प्रदान करते हुए
 
2018-19 मे प्रवास संदर्भ में विशेष योजना बनी थी | संपूर्ण देश मे कूछ महानगर और ग्रामीण विभागो में कार्य का सघन विस्तार हुआ है | 300 से अधिक शाखा ऐसे महानगर और ग्रामीण विभागो कों चिन्हित किया था | देश में वर्तमान 12 महानगर, और 18 विभाग है जहाँ 300 से अधिक शाखा है | ऐसे सभी स्थानो पर शाखा, नगर, खंड, भाग, जिला और महानगर, विभाग के कार्यकर्ताओं की बैठक संपन्न हुई | कूल 30 बैठके संपन्न हुई | उपस्थिती 70 % रही | विस्तार के साथ ही गुणात्मकता की वृद्धि की ओर ध्यान देने का आग्रह रखा गया |
 
प्रवास क्रम मे त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, केरल जम्मू कश्मीर प्रांत मे विशेष योजना बनी थी | संघ कार्य के साथ ही सामाजिक विषयों पर समीक्षात्मक चर्चा हुई |
 
सिंधू दर्शन का कार्यक्रम प्रति वर्ष लेह (लद्दाख) मे संपन्न होता है, उसमे सम्मिलित होना हुआ | कारगील द्रास क्षेत्र का भी अवलोकन का अवसर प्राप्त हुआ |
 
विविध संघटनों के कार्यकर्ताओं से औपचारिक बैठकों के माध्यम से मिलना हुआ | पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी जन्मशताब्दी को लेकर संपन्न वैचारिक गोष्टीयों मे भी जाना हुआ | विशेष कार्यक्रमो मे उपस्थिति - कर्नाटक दक्षिण प्रांत का कार्यकर्ता शिबिर, ग्रामविकास के कार्यकर्ताओं का अखिल भारतीय सम्मेलन, देवगिरी प्रांत के जल गतिविधि मे कार्यरत कार्यकर्ताओं का सम्मेलन विशेष उल्लेखनीय है |
 
सभी सहसरकार्यवाहों का प्रवास प्रांत श: हुआ | प्रांत मे दो - तीन स्थानपर खंड, नगर, स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठकों का आयोजन किया था | सभी संघटनात्मक बैठकों मे आगामी 3 वर्ष के कार्यविस्तार और कार्यकर्ता प्रशिक्षण इत्यादी विषयों की समीक्षा की गई |
 
कार्य विभाग वृत्त
 
शारीरिक विभाग :-
1. अखिल भारतीय घोष नैपुण्य वर्ग :- वर्ग बैतूल (मध्य भारत) में संपन्न हुआ । 20 दिन के वर्ग में 42 प्रांतों से 88 शिक्षार्थी और 12 शिक्षक उपस्थित रहे । विशेषता याने इस वर्ग में ”मातर्ंड“ नाम से शंख की नई रचना का निर्माण किया गया ।
2. अखिल भारतीय नियुद्ध वर्ग :- वर्ग कोची (केरल) में 6 दिन का रहा । 42 प्रांतों से 161 शिक्षार्थी और 12 शिक्षक उपस्थित रहे।
3. कन्याकुमारी :- स्वामी विवेकानंद जयंती के निमित्त शिला स्मारक पर लगभग 1 घंटे में 33 रचनाओं का वादन किया गया । विशेषत: नागपुर से 67 वादक आए थे ।
4. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रहार यज्ञ में अधिक 366 शाखा और 1346 सप्ताहिक मिलनो ने भाग लिया और 27 लाख 70 हजार अधिक प्रहार लगाए गए ।
सहभागी शाखा - 32800 सहभागी सा. मिलन - 3652 सहभागी स्वयंसेवक - 432881 प्रहार - 237542094
 
बौद्धिक विभाग :-
गत वर्ष में चर्चा, दीर्घकथा, समाचार समीक्षा, गीत, प्रार्थना तथा मानचित्र परिचय इत्यादि विषयों पर विभिन्न प्रांतों में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया । विभिन्न जिलों से 7 हजार से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
इसी प्रकार “प्रार्थना” विषय पर देश में 4 स्थानों पर विशेष कार्यशाला संपन्न हुई । जिसमें 237 कार्यकर्ताओं सम्मिलित हुए ।
चयनित कार्यकर्ताओं का वर्ग 3 स्थानों पर हुए , 218 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही ।
 
संपर्क विभाग :-
सभी जिलो में कार्य सुचारू रूप से प्रारंभ हुआ है। स्वागतशीलता और अनुकूलता का अनुभव विविध महानुभावों से संपर्क में आ रहा है।
“कॉफी टेबल बुक” ( संगठन का परिचयात्मक विशेष संकलन ) का निर्माण किया था । देश के मूर्धन्य महानुभव तक पहुँचाने की योजना बनायी थी । प्रतिभाव बहुत ही संतोषजनक रहा ।
विजयादशमी के उपल।य पर प.पू.सरसंघचालक जी के द्वारा किए गए उद्बोधन पर देश के प्रमुख स्थानों पर अ.भा.अधिकारियों की उपस्थिति में वार्तालाप कार्यक्रम होते हैं इस वर्ष 30 स्थानों पर कार्यक्रम हुआ। वार्तालाप का अनुभव स्वीकार्यता, सहभागिता के दृष्टि से अच्छा रहा।
दिल्ली में संपर्क विभाग द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम प.पू. सरसंघचालक जी के व्याख्यान और चर्चा प्रभावी और उपयुक्त सिद्ध हुआ है ।
इसके साथ ही प.पू. सरसंघचालक जी के प्रवास क्रम में समाज के विशेष महानुभावों से व्यक्तिगत वार्ता के कार्यक्रम भी होते हैं ।
 
सेवा विभाग :-
इस वर्ष सेवा विभाग के द्वारा देश में चल रहे सभी सेवा कार्यों का सर्वेक्षण की योजना बनी थी । 11612 कार्यकर्ताओं द्वारा 1,30,069 कार्यों का सर्वेक्षण किया गया । विभिन्न प्रकार के नित्य चलने वाले सेवा कार्य के माध्यम से लगभग 80 लाख लोग लाभान्वित होते हैं ।
गत वर्ष में 2 लाख से अधिक लोगों ने रक्तदान में भाग लिया । 6974 शाखाओं द्वारा सेवा के उपक्रम होते हैं । सेवा कार्यों के माध्यम से 18 हजार सेवा बस्तियों में संपर्क बना है।
 
प्रचार विभाग :-
जयपुर, दिल्ली, भुवनेश्वर में सोशल मीडिया कॉन्क्लेव कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस क्षेत्र मंव अग्रणी भूमिका निभाने वाले 1100 बन्धु-भगिनियों की सहभागिता रही।
प.पू. सरसंघचालक जी की दिल्ली में आयोजित संगोष्ठी “भविष्य का भारत” का अधिद्भत पर सीधा व्हिडिओ प्रसारण किया गया जिसे 60 लाख से अधिक लोगों ने देखा और सुना।
इस वर्ष 3 स्थानों पर उज्जैन, पटना (हिंदी) व भाग्यनगर (अंग्रेजी) में ‘हिंदुत्व - विविध आयाम’ विषय पर आयोजित स्तंभ लेखक संगोष्ठियों में 225 स्तम्भ लेखकों व ब्लोगर्स ने भाग लिया।
प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी “नारद जयंती” के कार्यक्रम संपन्न हुए। विभिन्न स्थानों पर 27000 नागरिक सहभागी हुए तथा 6465 पत्रकार बंधु भगिनी उपस्थित थे। 945 पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
 
गतिविधि 
ग्राम विकास :-
हर प्रांत में ग्राम विकास की टोली का गठन हुआ है। गत वर्ष योजना के अंतर्गत टोली सदस्यों का द्वि दिवसीय सम्मेलन ग्राम रविंद्र नगर अवध प्रांत में संपन्न हुआ । लगभग सभी प्रांतों से 180 कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
देवगिरी प्रांत में युवा ग्राम विकास संगम का आयोजन किया था । चयनित 71 ग्रामों से 712 युवा सम्मिलित हुए । श्री सीताराम जी केदिलाय का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । अंत में 100 युवकों ने ग्राम विकास कार्य हेतु 1 वर्ष देने का संकल्प लिया ।
ग्राम विकास से संबंधित विविध आयामों को लेकर प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया गया। विशेष उल्लेखनीय....
1. गौ आधारित कृषि - 50 स्थानों से 110 प्रतिनिधि सहभागी। प. पू. सरसंघचालक जी एवं कणेरी मठ के पूज्य स्वामी काडसिद्धेश्वर जी का सानिध्य और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।
2. तेलंगाना प्रांत में प्रशिक्षण वर्ग संपन्न हुआ । 1000 किसान सहभागी हुए । वैसे ही मालवा प्रांत में 1 रूपा खेड़ी खंड में वर्तमान में 400 कृषक गौ आधारित कृषि कर रहे हैं ।
3. जल प्रबंधन का कार्य देवगिरी प्रांत में और भूमि प्रबंधन का कार्य राजस्थान के कुछ ग्रामों में अच्छा हो रहा है । कर्नाटक दक्षिण में 24 पूर्णकालिक बहने ग्राम विकास के कार्य में लगी है ।
ग्राम विकास के कार्य में स्थान स्थान पर कृषि वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से देशभर में कार्य बढ़ रहा है ।
 
गौ सेवा :-
गौ सेवा गतिविधि के तत्वावधान में इस वर्ष संपन्न हुए विशेष उपक्रम अ.भा.योजना से सभी 43 प्रांतों में 61 कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग जिसमें 2719 प्रशिक्षार्थी सहभागी हुए । इसके अतिरिक्त प्रांतों में भी 305 प्रशिक्षण वर्ग हुए । 10 हजार से अधिक बन्धु सहभागी हुए ।
गोपाष्टमी के कार्यक्रम में 6538 जिसमें 1लाख 70 हजार से अधिक लोग सम्मिलित हुए । वर्तमान में 3224 गौशाला, मठ, मंदिर संपर्क में है । पंचगव्य से उत्पादन 468 स्थानों पर हो रहा है । 17 हजार से अधिक कृषक गौ आधारित कृषि कर रहे हैं । 68 स्थानों पर गोष्ठियों का आयोजन किया गया जिसमें 40 हजार से अधिक जन उपस्थित रहे ।
 
कुटुंब प्रबोधन :-
सभी प्रांतों में कार्य प्रारंभ हुआ है । प्रांत संयोजको की एक बैठक संपन्न हुई । 38 प्रांतों के संयोजक उपस्थित रहे । प.पू. सरसंघचालक जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । विशेष बिंदु रखे गए - ”भारत में व्यक्ति, कुटुंब, समाज और एक ही चौतन्य की अभिव्यक्ति है । समाज का लघु रूप ”कुटुंब“ आवश्यक गुणों के निर्माण की प्रथम इकाई है । इसलिए कुटुंब एक विद्यालय है और देवालय भी । कार्य के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है । तरुण और प्रौढ़ दोनों प्रकार की व्यवसायी शाखा के स्वयंसेवकों की भूमिका प्रभावी हो सकती है । कर्नाटक ,विदर्भ ,हरियाणा जैसे प्रांतों में अच्छी गति प्राप्त हुई है ।
 
सामाजिक समरसता :-
37 प्रांतों में अभ्यास वर्ग संपन्न हुए । 1400 कार्यकर्ता सहभागी हुए । नागपुर में एक अभ्यास वर्ग का आयोजन किया था । विशेषत: प्रांत और विभाग स्तर के संयोजक अपेक्षित थे । 414 कार्यकर्ता उपस्थित रहे । प.पू. सरसंघचालक जी का सानिध्य प्राप्त हुआ ।
 
प्रांत प्रांत मे संपन्न विशेष कार्यक्रम
 
उत्तर तमिलनाडु - बस्ती संगम. चेन्नई
 
 
सभी बस्तियाँ कार्य युक्त हो यह लक्ष रखकर चेन्नई महानगर मे विशेष प्रयास चल रहा है | बैठके, संपर्क, उपक्रम इत्यादी माध्यम से नगर श: होनेवाले सांघिक मे सभी बस्तियों का प्रतिनिधित्व हो ऐसा प्रयास निरंतर चल रहा है | प. पू. सरसंघचालकजी के चेन्नई आगमन के निमित्त से जनवरी 2019 में “बस्ती संगम” का आयोजन किया गया | हर बस्ती से 5 स्वयंसेवकों की टोली और अन्य पाच नागरिक संगम मे उपस्थित हो ऐसा संकल्प लेकर प्रयास प्रारंभ किये गये | कार्यक्रम के पूर्व 880 बस्तीयों से 5170 की सूची बनी और “बस्ती संगम” कार्यक्रम में प्रत्यक्ष 816 बस्ती से 2918 सहभागी हुए | 93 % बस्तीओं का प्रतिनिधित्व रहा | पचास से अधिक साप्ताहिक मिलन प्रारंभ हुए है | 2021 मार्च तक सभी बस्ती शाखायुक्त हो लक्ष रखा है | प्रत्येक शनिवार “बस्ती दिवस” और मास का प्रथम रविवार उपस्थिति दिन करना यह निर्णय किया है |
 
कर्नाटक दक्षिण - कार्यकर्ता शिबिर
 
आगामी 3 वर्ष मे, 2021 मार्च तक प्रांत के सभी मंडल एवं बस्तीयाँ कार्ययुक्त करने की योजना बनी है | इसी योजना के तहत द्वि दिवसीय कार्यकर्ता शिविर का आयोजन 19 - 20 जनवरी 2019 में शिवमोगा में किया गया । मंडल कार्यवाह ,बस्ती प्रमुख , उपमंडल प्रमुख और त दुर्ध्व सभी प्रवासी कार्यकर्ता शिविर में अपेक्षित रखे गये । 3486 कार्यकर्ता उपस्थित रहे । 1204 मंडल और 846 बस्ती प्रमुख उपस्थित रहे । कार्य विस्तार और कार्यकर्ता विकास की दृष्टि से शिविर निश्चित ही उपयुक्त सिद्ध होगा ।
 
तेलंगाना - स्वरार्चन :- 
 
 
 प्रांत के किशोर घोष वादकों का त्रि दिवसीय शिविर दिसंबर 2018 में सिद्दीपेट में संपन्न हुआ | स्वरार्चन नाम से संपन्न शिविर में 50 केंद्रों से 683 वादक सम्मिलित हुए | जिसमें कक्षा 7 से 10 के 556 स्वयंसेवक और 127 दायित्ववान कार्यकर्ता ऐसे 683 संख्या रही | शिविर में अखिल भारतीय सह शारीरिक प्रमुख श्री जगदीश जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।
 
पश्चिम महाराष्ट्र - स्वर्गीय बापूराव दाते जन्म शताब्दी विशेष घोष वादन कार्यक्रम :- घोष रचनाकार स्व. बापूराव दाते, पुणे के जन्म शताब्दी वर्ष के निमित्त अप्रैल 2018 में घोष वादन कार्यक्रम का विशेष आयोजन किया गया । राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के चयनित गणमान्य महानुभावो के सम्मुख यह घोष वादन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। सेना, पुलिस विभाग के अवकाश प्राप्त अधिकारी और साथ ही संगीत - कला क्षेत्र के 100 जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति में विशेष प्रस्तुति की गई । कार्यक्रम में 97 स्वयंसेवको का सहभाग रहा । प्रत्येक वादक ने प्रस्तुति के पूर्व लगभग 350 घंटे का अभ्यास किया । इसी समारोह में स्व. बापूराव दाते जी की स्मृति में रूपक ताल में बनी “हरि वन्दन” रचना का वादन किया गया । प.पू. सरसंघचालक जी की उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ ।
 
विदर्भ - प्रवासी कार्यकर्ता शिविर :- मंडल उपखंड और खंड स्तर के कार्यकर्ताओं की सक्रियता में वृद्धि और विकास की दृष्टि से त्रि दिवसीय प्रवासी कार्यकर्ता शिविर का आयोजन जनवरी 2019 में किया गया ।
 
वर्ष के प्रारंभ से ही सघन प्रशिक्षण की योजना की गई | सभी प्रवासी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण विभाग/ जिला स्तर पर हुए । शिविर के पूर्व नवंबर मास में विस्तार कालावधी का उपक्रम हुआ । पश्चात 141 खंडो में शिविर में अपेक्षित कार्यकर्ताओं का एकत्रीकरण हुआ । परिणामत: शिविर में उपस्थिति का प्रमाण अच्छा रहा । शिविर में उपस्थिति 3422 रही जो लगभग 64% है । अनुवर्तन की दृष्टि से मार्च में बस्तीश: एकत्रीकरण ,वर्ष प्रतिपदा और रामनवमी पर स्वागत तथा शोभायात्राओं का आयोजन होगा । कार्य विस्तार को गति प्राप्त होगी यह विश्वास है ।
 
गुजरात - सामाजिक महायज्ञ :- इस वर्ष की योजना में समरसता गतिविधि के अंतर्गत प्रांत में नगर तथा तहसील स्तर पर “समरसता महायज्ञ” का आयोजन किया गया । यज्ञ में पूज्य संत, मातृशक्ति की सहभागिता हेतु विशेष प्रयास हुए । 203 यज्ञ हुए जिसमें 6674 दंपत्ति पूजा में बैठे । कुल 1664 ग्रामों से 77068 पुरुष एवं 32268 महिलाओं ने भाग लिया । 372 संत एवं 191 सामाजिक कार्यकर्ता वक्ता के रूप में उपस्थित हुए । फलस्वरूप सभी जिलों में समरसता गतिविधि हेतु टोलियों का निर्माण होकर कार्य को गति मिली है ।
 
चित्तौड़ - ग्रामीण कार्य विस्तारक अभियान प्रांत में ग्रामीण क्षेत्र में संघ कार्य में कृषकों की सहभागिता बढ़े इस दृष्टि से विशेष प्रयास किया गया | कार्यकर्ताओं के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया गया ।
 
कृषक , अन्य व्यवसायी, मातृशक्ति ,युवा वर्ग और ग्राम विकास ऐसे कुछ विषयों पर कार्य योजना बने ऐसा विचार किया गया । 22 जिलों के 633 ग्रामों से 1665 ग्रामीण बंधुओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया । 16 जिलों से 332 कृषक बंधु 7 दिन विस्तारक बनकर नए - नए स्थानों पर गए । परिणामत: 11 जिलो में 48 कृषक बंधुओं की शाखा और 53 साप्ताहिक मिलन प्रारंभ हुए है । विस्तारक अभियान के तहत वर्ष 2018 में 4417 विस्तारक निकले । उसमें 1018 भविष्यकालीन कार्यकर्ता सूची मे से थे ।
287 कार्य विहीन मंडलों में, 895 शाखा दृढ़ीकरण हेतु 627 शाखा बंद है ऐसे स्थानों पर और 498 नए स्थानों पर विस्तारको को भेजा गया । मुख्य मार्ग की कार्य योजना के अंतर्गत मुख्य मार्गो के 456 ग्रामों में भी भेजा गया । नगरों की 374 सेवा बस्तियों में भी विस्तारक गए थे । गत वर्ष की तुलना में 600 विस्तारक अधिक निकले ।
 
जोधपुर - पथ संचलन और जागृत हिंदू महासंगम :-
 
 
अप्रैल 2018 में वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर जैसलमेर, जो सीमावर्ती जिला है, जिले का महासंगम कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम प्रांत में सर्वाधिक संख्या का कार्यक्रम सिद्ध हुआ। इस कार्यक्रम में शहीद परिवारों का सम्मान विशेष रहा । पूर्व सेना अधिकारी जी.डी.बक्षी जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । सभी मंडलों का प्रतिनिधित्व और 426 ग्रामो में से 370 ग्रामो से स्वयंसेवक सहभागी हुए , कुल 12570 संख्या रही ।
 
दिल्ली –
 
1.बाल संगम :-
 
नवंबर मास में दिल्ली प्रांत में 29 जिलों के बाल संगम कार्यक्रम संपन्न हुए । कक्षा 5 से 10 तक के 5404 बाल और 104 किशोर स्वयंसेवको की उपस्थिति रही । 11,500 स्वयसेवकों में से 5404 स्वयंसेवकों का चयन किया गया । अनुवर्तन की दृष्टि से प्राथमिक शिक्षा वर्ग हेतु 2746 स्वयंसेवकों की सूची बनी है । स्वयंसेवकों के अभिभावकों को सेवा कार्यों से जोड़ने की योजना बनी है।
 
2. भविष्य का भारत संवाद कार्यक्रम :-

 
 
संपर्क विभाग के द्वारा दिल्ली के “विज्ञान भवन” में प.पु. सरसंघचालक जी के साथ वार्तालाप का कार्यक्रम आयोजित किया गया । 17 से 19 सितंबर को आयोजित इस वार्तालाप कार्यक्रम में चयनित ऐसे 3000 महानुभावों को निमंत्रित किया गया। साहित्य, कला, विज्ञान ,सामाजिक ,प्रसार माध्यम, प्रशासकीय अधिकारी और सेना पुलिस ऐसी विभिन्न 30 श्रेणियों से महानुभवों की सूची बनाई गई थी । सभी महानुभव 3 दिनों में कार्यक्रम में आकर गए ।
 
सामूहिक कार्यक्रम के अतिरिक्त कार्यक्रम के पूर्व कुछ समय और कार्यक्रम के पश्चात तीनों दिन अनौपचारिक वार्ता की दृष्टि से चायपान के साथ चर्चा का आयोजन किया गया । 5 अवसर पर उपलब्ध हुवे ,श्रेणीश: से कुछ चयनित बंधुओं के साथ सार्थक वार्तालाप हुआ।
 
विशेष याने कार्यक्रम के प्रारंभ के पूर्व ही सभागार भर जाना , तीनो दिन लगातार उपस्थित रहे इसका प्रमाण भी अच्छा रहा । जिज्ञासावश 300 प्रश्न आए, उन्हें 23 समूहों में विभाजित कर प.पु. सरसंघचालक जी के द्वारा समाधान किया गया ।
 
निष्पक्ष से लेकर प्रखर विरोधक पत्रकार ,पद्मा पुरस्कार से सम्मानित श्रेष्ठ कला ,क्रीड़ा जगत की हस्तियाँ, उद्योगपति इत्यादि महानुभावों की विशेष उपस्थिति रही ।
 
सभी उपस्थित महानुभावों का प्रति भाव बहुत सकारात्मक और अच्छा रहा । विशेष प्रतिक्रिया ये व्यक्त हुई है ।
 
 “इस प्रकार का स्पष्ट मुक्त एवं पारदर्शी संवाद संभवत: विज्ञान भवन ने पहली बार ही अनुभव किया होगा ”
 
“देश को सही दिशा में आगे ले जाना है तो शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में बहुत कार्य होने की आवश्यकता है जो संघ कर रहा है ।”
 
 “सामाजिक और नैतिक मूल्यों के माध्यम से मनुष्य को बनाने की ओर राष्ट्र को सुसज्जित करने तक की प्रक्रिया को गति प्रदान करने वाले कार्य का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति से मिलना यह सुखद अनुभव है ।”
 
 “सभी प्रसार माध्यम,सिने जगत में ऐसे विचारों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए ।”
 
भविष्य का भारत यह कार्यक्रम अपने आप में विशेष रहा । समाज जीवन के प्रभावी समूह में संघ के प्रति सही भाव निर्माण हो इस दृष्टि से यह कार्यक्रम अत्यंत सफल हुआ है ।
 
 
हरियाणा - एक ही दिन मंडलश: एकत्रीकरण :-
 
प्रांत में कुल 843 मंडल है और 496 शाखा युक्त है। सभी मंडलों में एकत्रीकरण हो ऐसी योजना बनी । 465 शाखायुक्त मंडलों में एकत्रीकरण हुए , 35% खंडों में और 9 जिलो में 100% मंडल एकत्रीकरण हुए ।
 
जम्मू कश्मीर:-

 
 
जम्मू से 40 किलोमीटर की दूरी पर ”पुरमंडल“ एक पवित्र स्थान देविका नदी के तट पर है । प्राचीन मंदिर, सुंदर धर्मशालाएं एवं संस्कृत अध्ययन का केंद्र रहा है यह स्थान उपेक्षित सा हो गया था । एक न्यास का गठन कर वृक्षारोपण, चिकित्सा शिविर इत्यादि कार्यक्रम प्रारंभ किए गए । आसपास के 30 ग्रामों में समितियों का गठन किया । सरकार्यवाह के नाते मेरे प्रवास में एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया। ग्राम विकास की दृष्टि से विभिन्न कार्यो का शुभारंभ हुआ है ।
 
जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की घटनाएं होती रहती है ।परिणामत: जनसंख्या असुरक्षा,पलायन, शिक्षा में बाधाएं, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव इत्यादि समस्या रहती है । इस समस्या के समाधान की दृष्टि से प्रारंभ हुआ है । कुल 701 ग्रामों से 457 ग्रामों का अध्ययन किया गया। विविध संगठनों की सहायता से टोली का गठन किया है । सरकार्यवाह प्रवास क्रम में बैठक आयोजित की गई । 90 कार्यकर्ता उपस्थित रहे । विद्यालय,छात्रावास,एकल विद्यालय, रुग्ण वाटिका, स्वावलंबन इत्यादि प्रकार के कार्य प्रारंभ हुए हैं । 360 ग्रामो में किसी प्रकार की गतिविधियां प्रारंभ हुई है ।
 
उत्तराखंड :-
 
 
शारीरिक विभाग द्वारा मलखंब प्रशिक्षण वर्ग आयोजन किया गया । 6 से 8 कक्षा के 140 बाल स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । प्रशिक्षण पश्चात 8 विद्यार्थी शाखाओं में नियमित अभ्यास प्रारंभ हुआ है । विभिन्न स्तरों पर प्रतियोगिताओं में भी स्वयंसेवक भाग लेते है ।
 
परिवार सम्मेलन :- प.पू. सरसंघचालक जी के प्रवास में परिवार सम्मेलन आयोजित किया गया । सूचीबद्ध 1218 लोग उपस्थित रहे ।
 
मेरठ :-
 
शाखा वार्षिकोत्सव - इस वर्ष प्रान्त की 2646 शाखाओ में से 1275 शाखाओं में वार्षिकोत्सव संपन्न हुए । लगभग 33200 स्वयंसेवक और 847000 नागरिक उपस्थित रहे।
 
उपक्रमशील शाखाओं के शाखा टोली प्रशिक्षण - गाजियाबाद विभाग के शाखा टोली पयर्ंत के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया । सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । वर्ग के पूर्व शाखाएं न्यूनतम एक उपक्रम करके आएं ऐसा कहा गया था । 253 शाखाएं उपक्रम करके आई थी । शिविर में ”मैं एक साधारण स्वयंसेवक“ इस पुस्तिका के आधार पर प्रश्न मंच का कार्यक्रम हुआ । वर्ग में शाखा टोली के 805 और अन्य अधिकारी 541 उपस्थित हुए । कुल 1396 संख्या रही ।
प्रांत के प्रवासी कार्यकर्ता जो आयु 18 से 45 वर्ष के हैं उनका ”संकल्प शिविर“ संपन्न हुआ। कुल 2228 कार्यकर्ता उपस्थित रहे प.पू. सरसंघचालक जी का सानिध्य प्राप्त हुआ ।
 
झारखंड :-
 
 
बिरसा नाद घोष शिविर - 29 नवंबर से 2 दिसंबर 2018 बोकारो में घोष शिविर संपन्न हुआ। कुल 76 स्थानों से 365 घोष वादक सहभागी हुए । अ.भा.सह शारीरिक प्रमुख श्री जगदीश प्रसाद जी उपस्थित रहे ।
 
उड़ीसा पश्चिम - अखंड प्रहार महाकुंभ :-
गत कुछ वर्षों से प्रति वर्ष अ.भा. योजना से प्रहार यज्ञ का कार्यक्रम हो रहा है । उड़ीसा पश्चिम प्रांत में इस वर्ष विशेष आयोजन किया ”अखंड प्रहार महाकुंभ“ विशेषता - कार्यक्रम 24 घंटे का रहा ,कुल 261 स्वयंसेवकों ने 3:50 लाख से अधिक प्रहार निकाले । साथ ही 1.5 कि.मी. की शोभायात्रा भी निकाली अंत में एक मैदान पर भारत माता मंदिर, 50 फीट की हनुमान ध्वजा भजन संध्या ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम साथ ही गुणात्मक शारीरिक कार्यक्रम का प्रदर्शन संपन्न हुआ ।
 
दक्षिण बंग - खंडश: शारीरिक प्रदर्शन कार्यक्रम :-
 
खंड - नगर के सशक्तिकरण एवं कार्यकर्ता की सक्रियता इस दृष्टि से पूरे प्रांत में एक ही दिन कार्यक्रम हो ऐसी योजना बनी । कार्यक्रम के पूर्व एक ही दिन सभी नगरों में और खंडश: पथ संचलन कार्यक्रम हुआ । 176 स्थानों पर 9610 स्वयंसेवकों ने भाग लिया । पथ संचलन में 1741 घोष वादक रहे । प्रशासन द्वारा बाधा खड़ी करना कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही होना ऐसे इन सब कठिनाइयों के बाद भी कार्यक्रम सफल हुआ ।
 
20 जनवरी को सभी खंड केंद्रों और नगरों में समान शारीरिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । 247 खंडों में और 142 नगरों में कार्यक्रम संपन्न हुए । इन कार्यक्रमों में 989 मंडल और 685 बस्ती से प्रतिनिधित्व रहा । अनुवर्तन के नाते प्रांत में 3467 स्थानों पर भारत माता पूजन के कार्यक्रम हुए ।
 
उत्तर बंग :-
रामनवमी शोभा यात्रा - शासन द्वारा की गई बाधाओं के बाद भी पूरे प्रांत में रामनवमी के दिन 32 स्थानों पर विशाल आयोजन संपन्न हुआ । शोभायात्रा में 11,500 मोटरसाइकिल, 600 संत मंडली ,1.5 लाख माताओं का सहभाग विशेष रहा ।
पूरे प्रांत में 5.3 लाख से अधिक नागरिकों की उपस्थिति रही । पश्चिम बंगाल सरकार की हिंदू विरोधी व्यवहार के चलते विशाल आयोजन संपन्न हुआ यही विशेषता है ।
 
उ.असम :-
 
गत दो वर्षों से प्रांत में एक ही दिन सभी जिलों में पथ संचलन आयोजित होता आ रहा है । इस वर्ष “नागरिकता संशोधन कानून” विषय को लेकर विरोध में प्रचंड आंदोलन चल रहा है। ऐसी परिस्थिति में भी 30 जिलों में पथ संचलन सफलतापूर्वक निकले। कुल 8099 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित रहे ।
 
बस्ती योजनानुसार मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया । सरकार्यवाह के प्रवास के क्रम में गुवाहाटी में आयोजित सम्मेलन में 152 बस्ती में से 3157 माताओं ने भाग लिया । 26 जनवरी 2019 को आयोजित कार्यक्रम राष्ट्र ध्वजारोहण कार्यक्रम भी संपन्न हुआ । भारतीय सभ्यता, संस्कृति, समर्पित मातृशक्ति, वीरांगनाओं इत्यादि को केंद्र में रखकर प्रदर्शनी लगाई थी ।
 
राष्ट्रीय परिदृश्य 
देश के सामाजिक, राजनैतिक जीवन में कभी प्रेरणादायी घटनाओं के साथ अस्वस्थ, चिंतित करने वाली घटनाएँ भी घटती रहती हैं । कभी-कभी समाज जीवन में अशांति, निराशा, उदासीनता, आक्रोश का वातावरण बनता है। वातावरण संतुलित रहें, विेशास का भाव बना रहे, इसप्रकार के प्रयास सभी स्तर पर होने की आवश्यकता रहती हैं ।
 
हिंदुत्व न एकांतिक है, न कठोर है, न एकरूप है । यहां पर विविधताएं हैं, पूजा पद्धतियों की अपनी विशेषताएँ हैं। स्थानिक पर्व, रीति-रिवाज विभिन्न है । पर्व मनाने की दक्षिणोत्तर और पूर्व - पश्चिम के राज्यों में कई प्रकार की विभिन्न पद्धतियां है । इस प्रकार परंपरा - मान्यताओं के साथ समाज जीवन सैकड़ों वर्षो से चला आ रहा है। हिंदू समाज श्रद्धा, मूल्यों पर चलता आया है। समाज जीवन को दिशा दर्शन और संचालित करने की समाज की मान्य व्यवस्थाएं हैं । अतः केवल न्यायिक निर्णय नहीं तो सामाजिक मान्यताएं और स्वीकार्यता भी यहां महत्व रखती है।
शबरीमला देवस्थान के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी संबंधित व्यवस्थाओं से विचार-विमर्श किए बिना और न्यायपीठ की ही एक सदस्य जो स्वयं महिला है उनके भिन्न मत का संज्ञान न लेते हुए निर्णय घोषित किया । निश्चित समयावधि में इसे लागू करना केरल सरकार पर बंधनकारक नहीं था अपितु अनावश्यक तत्परता से न्यायालय के निर्णय की भावना को न समझते हुये राज्य सरकार द्वारा राजनैतिक दुर्भावनाओं से अश्रद्ध, अहिन्दु महिलाओं को जबरन मंदिर प्रवेश कराने का प्रयास हिन्दु विरोधी मानस का परिचायक है।
 
राम जन्मभूमि संबंधित चल रही न्यायिक प्रक्रिया गतिमान करते हुए एक बहु प्रतिक्षित विवाद समाप्त करने के स्थान पर न्यायालय का रवैया आश्चर्यजनक है । इस प्रकार के संवेदनशील और हिन्दु समाज की आस्था एवम राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक से संबंधित विषय सर्वोच्च न्यायालय को प्राथमिकता के ना लगना यह समझ के परे है। हिन्दु समाज के राष्ट्रीय गौरव एवम पहचान कि निरंतर उपेक्षा हो रही है ऐसा हम अनुभव कर रहे है । न्याय व्यवस्था के प्रति विेशास व्यक्त रखते हुए यह आग्रहपूर्वक कहना चाहते हैं, कि शीघ्रता से इस विवाद का निर्णय करे और भव्य राम मंदिर निर्माण की बाधाएँ दूर करे ।
 
अभी अभी प्रयागराज में ‘कुंभ’ का विशाल पर्व संपन्न हुआ। इस पर्व के साक्षी बने पूज्य संतो से लेकर जन सामान्य श्रद्धालुओं तक सभी ने अनुभव किया कि स्नान हेतु निर्मल जल, पर्याप्त जन सुविधाएं, स्वच्छता अद्भुत रही। विशाल आयोजन शांति से, अनुशासनपूर्वक संपन्न हुआ । प्रशासन का नियोजन सराहनीय रहा है । इस पर्व विशेष के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश सरकार ने विविध सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से आयोजित वैचारिक मंथन की प्रक्रिया भी संपन्न हुई । देश की मातृ शक्ति और युवा शक्ति की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका को लेकर परिसंवाद हुए, वैसे ही सामाजिक समरसता और पर्यावरण इन विषयों को लेकर भी विचार मंथन आयोजित किया गया।
प्रत्यक्ष कुंभ की अवधि में सर्वसमावेशी विचार को लेकर विविध मत-पंथ-संप्रदायो के महानुभावों की उपस्थिति में चिंतन हुआ ।
सक्षम एवम एन. एम. ओ. जैसी स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के सहयोग से विशाल नेत्र कुंभ का आयोजन अद्भुत रहा । लगभग 1,85,809 बंधुओं की नेत्र चिकित्सा की गई और आवश्यकतानुसार औषधि तथा 1,41,239 चश्मों का वितरण और शल्य चिकित्सा का प्रावधान भी किया गया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के कलाकारों को प्रस्तुति हेतु मंच उपलब्ध कराया गया । इस प्रकार यह ‘कुंभ’ सभी दृष्टि से अपने आप में विशेष रहा है ।
 
आने वाले समय में देश में चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने जा रही है । चुनाव स्वस्थ और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हो यही अपेक्षा रहती है । आवश्यक है कि संविधान द्वारा प्राप्त अधिकार का उपयोग 100% मतदाताओं ने करना चाहिए । प्रशासन समुचे प्रावधान करते हुए इस संदर्भ में जनसामान्यों को आश्वस्त करे। देशहित में प्रामाणिकता से और प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले समूह के हाथों से ही देश के विकास और स्वाभिमान की रक्षा संभव है । अतः हम सबका यह राष्ट्रीय कर्तव्य है कि सजग रहकर मतदान की प्रक्रिया में अपना दायित्व निर्वहन करे।
कुछ आंतरिक देश विरोधी तत्वों की सहायता से देश बाह्य शक्तियां हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम देने का कार्य कर रही है । सेना-सुरक्षाबलों के केंद्रों पर हमले ,सीमावर्ती क्षेत्र में पाक सेना द्वारा बार-बार किए जाने वाले हमले और अभी अभी पुलवामा की घटना, परिणामतः मृत्यु के ग्रास बन रहे हैं सामान्य जन, सेना और सुरक्षा बलों के जवान यह अत्यंत दुःखद है। भारत की सहिष्णुता को किसी ने दुर्बलता नहीं समझना चाहिए। दिनांक 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने अपने साहस और कुशलता का परिचय दिया है। भारत सरकार और भारतीय वायु सेना का हम अभिनंदन करते है। ऐसी घटनाओं पर देश के सभी सामाजिक, राजनैतिक शक्तियों ने एकजुटता का परिचय समय-समय पर दिया है। साथ ही सरकार भी देश विरोधी शक्तियों के बारे में कठोरता से कार्यवाही करें, और जनसामान्य सुरक्षा की दृष्टि से ओशस्त हो, यह आवश्यक है। वर्तमान सरकार द्वारा हो रहे प्रयास सराहनीय हैं।
 
प्रशासन का तंत्र सजग और सक्रिय होना चाहिए वैसे ही जनसामान्य भी सजग रहे इसकी भी आवश्यकता है। समाज में परंपराओं से चले आ रहे सामाजिक जागरण के प्रयास जो धार्मिक केंद्र अथवा सामाजिक संस्थाओं के द्वारा हो रहे हैं वह प्रभावी रूप से सक्रिय होने चाहिए । शैक्षिक संस्थान भी शिक्षा के साथ ही जागृत समाज निर्मिती में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन कर सकती हैं।
हम सभी संघ के कार्यकर्ताओं ने भी विभिन्न सकारात्मक दृष्टि से चल रहे कार्यों से संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता है । अच्छे उद्देश्यों से राष्ट्रहित हेतु कार्य करने वाली विविध शक्तियां सफल होनी चाहिए। इसी से सज्जन शक्ति का प्रभाव बढ़ेगा ।
हमें विश्वास रखना चाहिए कि यह सज्जन शक्ति संगठन का कार्य हम कुशलता पूर्वक संपन्न कर सकते हैं । आज के उपलब्ध अनुकूल वातावरण में परिश्रमपूर्वक हम आगे बढ़ेंगे तो हमारे लक्ष्य की दिशा में प्रगति का अनुभव हम करेंगे । अपना कार्य हम उपासना, साधना के रूप में करें। उपेक्षा, उदासीनता का कालखंड समाप्त हो चुका है । साहस, कल्पकता और उत्साह भरे मन से हम आगे बढ़ेंगे यही हमारा संकल्प है ।
कबीर के वचन का स्मरण रखें।
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
कहे कबीर गुरु पाइये, मन ही के परतीत
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