भारत में बलात्कार का इतिहास और आज पाकिस्तान से संचालित पोर्न साईटें !



प्राचीन भारत के रामायण, महाभारत आदि के काल में अनेकों लड़ाईयाँ लड़ी और जीती गयीं, परन्तु विजेता सेना द्वारा किसी भी स्त्री का बलात्कार होने का जिक्र नहीं है। जिन्हें दुष्ट और राक्षस कहा गया, उन जातियों में भी बलात्कार का प्रचलन नहीं था, इसका सबसे बड़ा प्रमाण है – रावण द्वारा सीता जी का अपहरण | रावण ने भी उन पर कोई जबरदस्ती नहीं की, उनका प्रेम पाने का प्रयत्न किया | 

महिलाओं को स्वतंत्रता थी कि वे अपना वर स्वयं चुन सकें, किन्तु कोई उनपर जबरदस्ती बलात्कार करे, यह संभव नहीं था | बाली के देहांत के बाद उसकी पत्नी तारा द्वारा सुग्रीव को पति स्वीकार करना या रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी का विभीषण से विवाह, आदि उदाहरणों में भी जबरदस्ती का उल्लेख नहीं मिलता | 

तब आखिर ऐसा क्या हो गया कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता” का मन्त्र जाप करने वाले भारत में आज बलात्कार रोज की सामान्य बात बन कर रह गयी है ?? 

किन्तु भारत पर इस्लामी आक्रमण के साथ शुरू हुआ भारत में बलात्कार का प्रचलन । 

सबसे पहले 711 ईस्वी में "मुहम्मद बिन कासिम" ने सिंध पर हमला करके राजा "दाहिर" को हराने के बाद उसकी दोनों "बेटियों" को "यौनदासियों" के रूप में "खलीफा" को तोहफा पेश दिया। 

तब शायद भारत की स्त्रियों का पहली बार बलात्कार जैसे कुकर्म से सामना हुआ जिसमें "हारे हुए राजा की बेटियों" और "साधारण भारतीय स्त्रियों" का "जीती हुयी इस्लामी सेना" द्वारा बुरी तरह से बलात्कार और अपहरण किया गया । 

फिर आया 1001 इस्वी में "गजनवी"। इसके बारे में ये कहा जाता है कि इसने "इस्लाम को फ़ैलाने" के उद्देश्य से ही आक्रमण किया था। "सोमनाथ के मंदिर" को तोड़ने के बाद इसकी सेना ने हजारों "काफिर औरतों" का बलात्कार किया फिर उनको अफगानिस्तान ले जाकर "बाजारों में बोलियाँ" लगाकर "जानवरों" की तरह "बेच" दिया । 

फिर "गौरी" ने 1192 में "पृथ्वीराज चौहान" को हराने के बाद भारत में "इस्लाम का प्रकाश" फैलाने के लिए "हजारों काफिरों" को मौत के घाट उतर दिया और उसकी "फौज" ने "अनगिनत हिन्दू स्त्रियों" के साथ बलात्कार कर उनका "धर्म-परिवर्तन" करवाया। 

मुहम्मद बिन कासिम से लेकर अपने हरम में "8000 रखैलें रखने वाला शाहजहाँ", इसके आगे अपने ही दरबारियों और कमजोर मुसलमानों की औरतों से अय्याशी करने के लिए "मीना बाजार"लगवाने वाला "जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर" तक बलात्कारियों की ये सूची बहुत लम्बी है, जिनकी फौजों ने हारे हुए राज्य की लाखों "काफिर महिलाओं" "(माल-ए-गनीमत)" का बेरहमी से बलात्कार किया और "जेहाद के इनाम" के तौर पर कभी वस्तुओं की तरह "सिपहसालारों" में बांटा तो कभी बाजारों में "जानवरों की तरह उनकी कीमत लगायी" गई। 

1946 में मुहम्मद अली जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन प्लान, 1947 विभाजन के दंगे, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और फिर कश्मीर तक लाखों हिन्दू ललनाओं का बलात्कार हुआ या फिर उनका अपहरण हो गया, जो फिर कभी नहीं मिलीं। 

आपलोगों ने टीवी पर "अबू बकर अल बगदादी" के जेहादियों को काफिर "यजीदी महिलाओं" को रस्सियों से बाँधकर कौड़ियों के भाव बेचते देखा ही होगा। 

यहाँ तक कि म्यांमार में भी एक काफिर बौद्ध महिला के बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुई हिंसा के भीषण दौर को भी देखा होगा। 

आज पाकिस्तान से भारत के खिलाफ एक और षडयंत्र चल रहा है – पोर्नोग्राफी का | सैकड़ों अश्लील कहानियां और ब्लू फ़िल्में इंटरनेट पर सहज दिखाई जा रही हैं | सरकार का इसे रोकने पर कोई ध्यान नहीं है | भारत की नई पीढी को योजना बद्ध ढंग से चरित्रहीन बना देने की यह साजिश है | भाई बहिन, मां बेटे, बाप बेटी के अवैध संबंधों पर आधारित ये दृश्य यौन विकृतियों को ही जन्म दे रहे हैं | और यही कारण है कि धीरे-धीरे बलात्कार करने की मानसिक बीमारी भारत के पुरुषों में भी फैलने लगी है । 

जिस देश में कभी नारी जाति शासन करती थीं, सार्वजनिक रूप से शास्त्रार्थ करती थीं, स्वयंवर द्वारा स्वयं अपना वर चुनती थीं, जिन्हें भारत में देवियों के रूप में श्रद्धा से पूजा जाता था आज उसी देश में छोटी-छोटी बच्चियों तक का बलात्कार होने लगा और आज इस मानसिक रोग का ये भयानक रूप देखने को मिल रहा है । 

जागो भारत जागो ! 

सत्ता पर दबाब बनाओ इन्हें रोकने का !! 

जब छोटा सा देश नेपाल इन्हें प्रतिबंधित कर सकता है, तो भारत क्यों नहीं ?
एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. बिल्कुल सही बात है ।देश मे फैलाई जारही इन कुरीतियों से देश वासियों को बचाना अत्यंत आवश्यक है ।

    जवाब देंहटाएं