शिवपुरी का शिवानी संदिग्ध मौत प्रकरण - मुस्लिम समाज ने किया आरोपियों का सामाजिक बहिष्कार !


शिबानी की मौत के बाद लगातार एक के बाद एक तथ्य उजागर हो रहे है। आज जो दो महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये वे बहुत चोंकाने वाले हैं । 
एक तो यह कि अब तक जो आरोपी पकडे गए हैं, उनमें से तीन एचआईव्ही पोजीटिव हैं । आपको स्मरण होगा कि क्रांतिदूत सम्पादक दिवाकर शर्मा ने दो दिन पूर्व ही इसकी संभावना जताते हुए शिवपुरी पर आये इस बड़े खतरे को रेखांकित किया था। इंजेक्शन से किया जाने वाला सामूहिक नशा, किस तरह इस वायरस की चपेट में समाज को ले रहा है, इस खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है। काश अब तो सरकार चेत जाए 
दूसरा खुलासा बहुत ही प्रशंसनीय है । शिवपुरी के मुस्लिम समाज ने पकडे गए और फरार नशे के कारोबारियों का सामाजिक बहिष्कार का निर्णय लिया है। इस निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाए कम है 

जूली की काल डिटेल से होगा बड़े बड़ो का पर्दाफाश। 

नशे के साथ साथ  जिसमे एक बड़ा तथ्य जुली की काल डिटेल का भी है। अगर उस पर निष्पक्ष जांच हो गयी तो इस नशे के कारोबार में शामिल कई बड़े लोगो का पर्दाफाश हो जायेगा। 

वह कौन है जिसे अधेड़ उम्र के आरक्षक की रखैल कौन है? वह कौन व्यक्ति है जो लगातार वेश्यावृत्ति के लिए भी लड़कियों का उपयोग किया करता था? कहा जाता है कि ये सारी जानकारी जूली की कॉल डिटेल से पुलिस प्राप्त कर सकती है। सूत्र बताते है कि इस पूरे काले कारोबार की अगर कोई सबसे बड़ी राजदार है, तो वह है जूली, जिसे बहुत कुछ पता है और वही कई राज समेटे हुई है। इसके फोन की अगर कोल डिटेल पुलिस निकलवा ले तो पता चल जाएगा कि कितने और कौन कौन लोग इस खेल में शामिल है। 

सूत्र बताते है कि तबीब और बबलू को भागने में मदद करने वाले भी पुलिस कर्मी है, हालांकि इसकी सचाई की जांच भी पुलिस को ही करनी है। इन तथ्यों पर निष्पक्ष जांच पर ही शिवपुरी के स्मेक कारोबार का भविष्य टिका हुआ है। अगर जांच निष्पक्षता के साथ हुई तो तय है कि हमेशा के लिए स्मेक शिवपुरी में बिकना बन्द हो जाये। 

सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ माह पूर्व तबीब और अल्ताफ से स्मेक पकड़ ली गयी थी और उस प्रकरण को रफा दफा करवाने में उनका काफी पैसा भी लग गया था, जिसकी भरपाई करने के लिए गुना के अपने एक पुलिस वाले रिश्तेदार के माध्यम से, इस बार फिर वे स्मेक लाकर उसे खपाने जा रहे थे, कि तभी ये घटना घटित हो गयी। इस मामले में अल्ताफ के पकड़े जाने पर उसने काफी कुछ कबूल भी किया है, अब अगर पुलिस चाहे तो इस कारोबार को हमेशा के लिए खत्म कर सकती है। 

दूसरा इस मामले में शामिल अन्य लोगो की सारी जानकारी जूली के फ़ोन से मिल सकती है। पकड़े गए युवक और युवतियों में से तीन एच आई वी पॉजिटिव निकले है, जिससे वैश्यावृति का भी खुलासा भी स्वतः हो रहा है। शर्म तो उस अधेड़ को भी नही आई जिसने अपनी पोती की उम्र की लड़की को रखैल बनाकर रखा हुआ था। 

जो कल हमने लिखा, उसे अल्ताफ ने स्वीकार भी कर लिया, यानी हमारी रिपोर्ट और सूत्र प्रामाणिक है। हमे समाज को अंधकार की और जाने से रोकना है, हमे शिवपुरी के भविष्य इन युवाओं की चिंता है। बस इसी को ध्यान में रखकर हम हर रहस्य से पर्दा उठाना अपनी नैतिक जिम्मेदारी मान रहे है। इस पूरे मामले में नगर पालिका उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी ने भी एक सार्थक पहल की, सबसे पहले शिबानी की वृद्ध दादी के पास जाकर उनकी आर्थिक मदद कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया। 

पुरानी शिवपुरी के मुस्लिम बंधुओ द्वारा तबीब, अल्ताफ और पार्षद पति बबलू के सामाजिक बहिष्कार का निर्णय भी स्वागत योग्य है । कल अल्ताफ के सहराने में छुपे होने से लेकर उसे पकड़ने तक मे मुस्लिम युवाओं ने जिस तरह से सहयोग किया वह भी काबिले तारीफ है। कपिल यादव नामक युवा ने तो स्वयम अंदर जाकर अल्ताफ को पकड़ा और पुलिस को सौंपा। 

लेकिन अभी भी समाज के कई वहसी दरिंदे पकड़ से बाहर है, जिनकी नीचता को सुन कर धिक्कार शब्द भी छोटा महसूस होगा, किन्तु उसकी कोई पुख्ता जानकारी दे सकती है तो वह है जूली या जूली की कॉल डिटेल। अतः वह सार्वजनिक होना सबसे पहले जरूरी है।
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