अयोध्या मामला - सुप्रीम कोर्ट का मुस्लिम पक्ष को दो टूक जवाब, हर दिन होगी सुनवाई

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है | सर्वोच्च अदालत ने अपनी परंपरा को तोड़ते हुए इस मामले की सुनवाई हफ्ते में पांच दिन करने का फैसला किया है | लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से इस फैसले पर असमर्थता जाहिर की गई थी | जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में सुनवाई हर दिन (सोमवार से शुक्रवार ) होगी |

सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने राजनीतिक रूप से संवदेनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सप्ताह में पांच दिन सुनवाई किए जाने का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा था कि अगर इतनी जल्दबाजी में सुनवाई की जाती है तो उसके लिए न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा। मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मामले में पांच दिन सुनवाई किए जाने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि 'अगर सप्ताह के सभी दिनों में सुनवाई होती है तो न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा। यह पहली अपील है और इतनी जल्दबाजी में सुनवाई नहीं हो सकती और यह मेरे लिए प्रताड़ना है।' इस पर पीठ ने धवन से कहा था कि उसने दलीलों पर गौर किया है और वह जल्द से जल्द जवाब देगी।

6 अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई और अभी तक रामलला-निर्मोही अखाड़ा के वकील अपना पक्ष अदालत के सामने रख चुके हैं | सुनवाई के दौरान कई तरह के पौराणिक तथ्यों को अदालत के सामने रखा गया | अयोध्या विवाद की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ कर रही है | इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं | 

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