क्या चिदंबरम को जेल कराने में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का हाथ है ?




भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी कुलजीत सिंह चहल ने विगत दिनों एक ट्वीट के माध्यम से चिदंबरम को जेल भिजवाने में महत्वपूर्ण भूमिका लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की बताई है | आईए जानते हैं कि चहल साहब की इस धारणा में कितनी सचाई है, लेकिन पहले देखिये अधीर रंजन चौधरी द्वारा लोकसभा में दिए गए भाषण का यह विडियो  - 



अब पाठक महानुभाव स्वयं विचार करें कि जब मोदी जैसी शख्सियत को कोई इस प्रकार खुले आम ललकारेगा कि बहुत आरोप लगाते रहे हो घोटालों के, किसी को जेल भेज पाए क्या - तो मोदी के पास चारा ही क्या बचेगा ? 

किसी घोटालेबाज को तो जेल भेजना ही पडेगा ना ? 

बैसे अधीररंजन चौधरी साहब ने तो हुंकार यह भी भरी थी कि दम है तो मेडम सोनिया या राहुल जी को जेल भेजकर बताओ - तो वे वस्तुतः क्या चाहते थे, उनके दिल में क्या था, यह जानने के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि कौन है अधीर रंजन चौधरी ?

एक बंगाली परिवार में 2 अप्रैल 1956 को पैदा हुए, अधीर रंजन चौधरी के विषय में यह तो सभी जानते हैं कि वे आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं। वह भारत की 16 वीं लोक सभा के सदस्य हैं और पश्चिम बंगाल के बेरहमपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने 1996 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की | मनमोहन सिंह के कैबिनेट में 28 अक्टूबर 2012 को रेलवे राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। वह 10 फरवरी 2014 को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने। पार्टी द्वारा राहुल गांधी के स्तीफे के बाद - उन्हें समझाने मनाने में विफल रहने के बाद - अधीर रंजन चौधरी को जून 2019 में, लोकसभा में कांग्रेस के नेता के रूप में चुना गया था। 

लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि पूर्व में अधीर रंजन नक्सलबाड़ी आंदोलन को सपोर्ट करते थे और इसी नाते आपातकाल के दौरान वो मीसा के तहत जेल में भी बंद रहे | 1977 में जब राज्य में ज्योति बसु की सरकार आई तभी अन्य मीसाबंदियों के साथ अधीर भी जेल से रिहा हुए | 

अब कहीं ऐसा तो नहीं है कि अधीररंजन "कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना" साध रहे हों | वे सचमुच चाह रहे हों कि एक बार कांग्रेस के क्षत्रप "सोनिया और राहुल" कानूनी जाल में फंस जाएँ तो उनके पौ बारह हैं | जैसे कि लालू के जेल जाने के बाद राबडी मुख्यमंत्री बनीं, बैसे ही गाँधी परिवार के बाद सत्तासीन होने का अगला नंबर अधीररंजन जी का भी तो हो सकता है | और यह भी हो सकता है कि उनके अन्दर का कामरेड देश को अराजकता की आग में झोंकने का मंसूबा पाल रहा हो |

कहा जाता है कि उस दिन लोकसभा में दिए गए उनके भाषण से मेडम सोनिया खासी खफा भी हुईं | अन्य लोगों के समान उन्हें भी लगा कि मोदी सरकार को इस प्रकार ललकारना कतई अनुचित था | आखिर बैठे तो शीशे के घर में ही हैं | क्यों किसी को पत्थर फैंकने के लिए उकसाया जाए ? 

बैसे भी विवादित बयान देने में अधीर रंजन का कोई सानी नहीं है |

अधीर रंजन के विवादित बयान 

विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की मूंछों को 'राष्‍ट्रीय मूंछें' घोषित करने की मांग

लोकसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसने के साथ ही एक अनोखी मांग भी रखी है. उन्‍होंने वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की मूंछों को 'राष्‍ट्रीय मूंछें' घोषित करने की मांग की. इसके साथ ही अभिनंदन वर्धमान को पुरस्‍कार देने की भी मांग की.

लोकसभा में धारा 370 के हटाए जाने का विरोध

लोकसभा में धारा 370 के हटाए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ऐसा बयान दिया जिससे पूरे देश में कांग्रेस की थू-थू हुई | लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ने गृहमंत्री से सवाल पूछा कि जिस कश्मीर को लेकर शिमला समझौते और लाहौर डिक्लेरेशन हुआ है और जिस कश्मीर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है तो ऐसे में यह एकपक्षीय कैसे हो गया? आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है। यह हमारा आंतरिक मामला कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि सरकार 1994 में पास हुए प्रस्ताव कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग इस पर अपना रुख साफ करे। इस पर नाराज सोनिया गांधी ने अधीर रंजन चौधरी को फटकार भी लगाई। वहीं, कवि कुमार विश्वास ने भी कश्मीर को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर कुमार विश्वास ने पूरी पार्टी पर तंज कसा

भाजपा 'शिकारी पार्टी' 

कर्नाटक विधानसभा के 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि भाजपा ‘शिकारी पार्टी’ है।

पीएम मोदी ‘बड़े सेल्समैन’

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ‘बड़े सेल्समैन’ हैं जो इस चुनाव में अपने उत्पाद को बेचने में सफल रहे, जबकि कांग्रेस अपना उत्पाद बेचने में विफल रही. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि एनडीए सरकार को अपनी प्रशंसा सुनने का नशा है और वह अतीत की कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को स्वीकार नहीं करना चाहती है.

गांधी-नेहरू परिवार ही कांग्रेस की ब्रांड इक्विटी

सोनिया गांधी के एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष बनने पर चौधरी ने कहा था कि, “गांधी परिवार के बाहर के किसी भी व्यक्ति का पार्टी चला पाना काफी मुश्किल होगा। राजनीति में भी ब्रांड इक्विटी होती है। अगर मौजूदा भाजपा को देखा जाए तो क्या मोदी और अमित शाह के बिना वह सही ढंग से कार्य करेगी। जवाब है नहीं। इसी तरह कांग्रेस में भी गांधी परिवार की ब्रांड इक्विटी है। इसमें कुछ गलत नहीं है। पार्टी में किसी और के पास वो प्रतिभा ही नहीं है जो उनके पास है। यह एक कड़वी सच्चाई है।”

कश्मीर की तुलना नाजी कैंप से

चौधरी ने कश्मीर की तुलना नाजी कैंप से करते हुए कहा था कि 'प्रधानमंत्री जी आपने लाल किले से घोषणा की थी कि कश्मीरियों को हम गोली से नहीं गले से लगाकर आगे ले जाएंगे। कश्मीर की हालत हिटलर के नाजी कैंप जैसी हो गई। न वहां मोबाइल कनेक्शन है, न इंटरनेट है, वहां क्या हो रहा है, किसी को खबर नहीं है। अमरनाथ श्रद्धालु यात्रा पर नहीं जा सके। आज तक कश्मीर में कभी ऐसा हुआ कि हिंदू श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर नहीं जा सके।'

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