क्या राष्ट्रभक्तों का अपमान काँग्रेस की प्राथमिकता है ?

स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व है, यह किसी एक दल या केवल सरकार का उत्सव नहीं है | इसीलिए यह परिपाटी रही है कि हर नगर में आयोजित होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रम में सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जाए तथा समाजोपयोगी कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाए | 

भाजपा सरकार ने आपातकाल के दौरान जेलों में रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी स्वतंत्रता सेनानियों के समान ही इन आयोजनों में सम्मानित करने का निर्णय लिया था |

कांग्रेस उन्हें सम्मानित नहीं करना चाहती, वह आपातकाल को अपनी भूल नहीं मानना चाहती, कोई बात नहीं, किन्तु सामाजिक कार्यकर्ता के नाते, उन्हें समारोह का आमंत्रण भी नहीं, यह तो हद दर्जे की ओछी मानसिकता है |

आपको याद होगा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के बनते ही मध्य प्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर मीसा बंदियो को दी जाने वाली पेंशन को अस्थाई तौर पर बंद करने का फैसला लिया था | बैंकों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए थे | इसके बाद चारो तरफ से सरकार की किरकिरी होते देख कमलनाथ को अपने पैर पीछे खींचने पड़े थे परन्तु अब एक बार फिर मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने उन राष्ट्रभक्तों का एक बार पुनः अपमान किया है जिन्होंने भारतीय राजनीति के इतिहास का काला अध्याय आपातकाल का डट कर मुकाबला किया, जमकर और निडर होकर आपातकाल का विरोध किया था | 

अब मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे मीसाबंदियों (लोकतंत्र सेनानियों) को ना तो आमंत्रित नहीं है और ना ही सम्मानित करने का फैसला लिया है | सरकार के इस बदलाव से मध्यप्रदेश के लगभग 2600 मीसाबंदी प्रभावित होंगे | मंत्री पीसी शर्मा की माने तो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सरकार के द्वारा आमंत्रित और सम्मानित किया जाएगा | उनके अनुसार मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम या देश की किसी भी लड़ाई से कोई लेना देना नहीं है | सरकार ने इस बाबत सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिया है | 

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में राष्ट्रीय पर्वों पर आयोजित समारोहों में मीसाबंदियों को खासतौर पर आमंत्रित और सम्मानित किए जाने की व्यवस्था थी | वहीं कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने इस बार उनके सम्मान कार्यक्रम को टाल दिया है | बता दें कि इन्हें मिलने वाली पेशन को जांच के नाम पर रोक लगाने का काम सरकार पहले ही कर चुकी है | मीसाबंदियों को लेकर जीएडी द्वारा जारी किए जाने वाले निर्देशों में 8वें क्रम पर यह निर्देश पिछले साल तक जारी होता रहा है | लेकिन इस साल कलेक्टरों को भेजे गए स्वतंत्रता दिवस समारोह के निर्देश से मीसाबंदियों से संबंधित निर्देश हटा दिए गए हैं | 

स्वतंत्रता दिवस समारोह में मीसाबंदियों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर बीजेपी के पूर्व विधायक और मीसाबंदी शंकरलाल तिवारी ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की ओछी राजनीति है | कमलनाथ सरकार पहले भी पेंशन बंद करवा कर भद् पिटवा चुकी है | 

हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कमलनाथ सरकार के इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया वक्त करते हुए ट्विटर के माध्यम से कहा है कि काँग्रेस से मीसाबंदीयों को कभी अपेक्षा नहीं रही की वह उनको बुलाए | राष्ट्रभक्तों का अपमान यह काँग्रेस की प्राथमिकता है | काँग्रेस का आचरण व्यवहार राष्ट्र हित में नहीं है |

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