क्रांतिदूत

धारा 370 हटना बनाम मुफ़्ती और अब्दुल्ला की शाही जीवनशैली !



धारा 370 अब इतिहास है और इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर में एक नया अध्याय शुरू होगा। देश का अधिकांश भाग ख़ुश है, लेकिन इस नए केंद्रशासित प्रदेश के बेईमान राजनेता रोए जा रहे हैं और कह रहे हैं कि पिछले 70 सालों से यह उनके साथ हुआ सबसे बड़ा विश्वासघात है। अधिसंख्य देशवासियों का मानना है कि धारा 370 के कारण ही जम्मू कश्मीर में अलगाववाद बढ़ता गया, जबकि अब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित बनाने से वहां भारतीयता बढ़ेगी। 

खैर छोडिये और इस बात पर गौर कीजिए कि वैली के युवाओं को जिहाद के नाम पर भड़काने वाले अलगाववादियों ने इस अशांति का फायदा उठाकर स्वयं कितनी शाही और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन शैली का आनंद उठाया है, अपने बच्चों को विदेशों में शिक्षित किया और बड़ी मात्रा में सपत्ति बनाई । अब इन अलगाववादियों की असलियत सामने आने वाली है और जल्द ही कानून का शिकंजा उनके ऊपर कसने वाला है | 

एक और दिलचस्प पहलू है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार देश के किसी भी भाग में कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री आजीवन सरकारी बंगलों का पात्र नहीं है । धारा 370 हटने के साथ ही अब जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनेता भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में आ जाएंगे। इसका मतलब है कि भारत सरकार उन्हें अपने बंगले खाली करने का आदेश दे सकती है। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, दोनों ही सरकारी बंगलों में ही रह रहे हैं। इतना ही नहीं तो टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार तो दोनों ने अपने बंगलों के नवीनीकरण में लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। भव्य बंगलों के अलावा, इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को देश के अन्य भागों से बहुत अधिक अनेक भत्ते भी मिला करते हैं। 

अब देखना दिलचस्प होगा कि पचास करोड़ के नवीनीकरण वाले बंगलों में से जाते समय कितनी टोंटियाँ ?????????
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