शिवपुरी में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने खेला - प्रदर्शन प्रदर्शन - दिवाकर शर्मा


विगत 4 नवम्बर को शिवपुरी में कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनैतिक दलों ने प्रदर्शन किये, भाजपा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ, तो कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ | दोनों दलों ने पूर्व में ही नेतृत्व करने वाले नेताओं के नाम घोषित कर दिए थे | उसी अनुसार कांग्रेस के प्रदर्शन का नेतृत्व करने तो प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर आये, किन्तु भाजपा के प्रदर्शन का नेतृत्व करने स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया नहीं पधारीं | सवाल उठता है कि आखिर क्यों ?

शिवपुरी में 4 नवम्बर 2019 का दिन ख़ास रहा, जब एक बार फिर राजनैतिक दलों की मिलीजुली कुश्ती का नजारा शिवपुरी वासियों ने अनुभव किया | भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में किसान आक्रोश प्रदर्शन के क्रम में शिवपुरी जिला मुख्यालय पर भी प्रदर्शन किया गया। इस किसान आक्रोश प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिला केंद्र पर जिन बड़े नेताओं के नामो की घोषणा पूर्व में की थी, उसके अनुसार शिवपुरी जिले के इस आंदोलन का नेतृत्व पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया को करना था। किन्तु वे इस प्रदर्शन में नहीं आईं ।

भाजपा कार्यकर्ताओं और जन सामान्य में चर्चा का विषय अब प्रदर्शन कम और राजे साहब की आंदोलन में अनुपस्थिति अधिक है । सभी इसके अलग अलग राजनीतिक मायने निकालते देखे जा रहे हैं ।

वहीँ दूसरी और आज ही कांग्रेस ने भी प्रदर्शन कर केंद्र सरकार पर निसाना साधते हुए कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा | इस प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश सरकार के मंत्री व सिंधिया सरकार के खासुल ख़ास प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया |

भाजपा नेताओं ने मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा किया और कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों के साथ धोखा किया है, न कर्ज माफी हुई न मुआवजा मिला। प्रदेश की सरकार तबादला उद्योग में मस्त है और प्रदेश का किसान त्रस्त है। कमलनाथ सरकार हर मोर्चे पर फैल हो गयी है और प्रदेश की दुर्दशा हो गयी है। शिवराज जी की योजनाओं को बंद कर केवल द्वेष तो प्रदर्शित कमलनाथ सरकार कर ही रही है, साथ ही साथ किसानों के साथ भी छल कर रही है।

तो कांग्रेस ने प्रधान मंत्री मोदी के तानाशाह बताया और “मोदी तेरी तानाशाही नही चलेगी” जैसे नारे लगाते हुए प्रदेश के साथ केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार के विरोध में ज्ञापन सौंपा ।

खैर यह तो हुई वे बातें जो सबके सामने हुईं, अब परदे के पीछे के वे कयास जो जन सामान्य लगा रहा है | भाजपा का प्रादेशिक नेतृत्व भी जानता है कि सिंधिया परिवार के हाथ बहुत लम्बे हैं | खासकर यशोधरा जी के सम्बन्ध तो कांग्रेस के सभी धडों से हैं | क्या दिग्विजय सिंह और क्या कमलनाथ, सिंधिया तो वे स्वयं ही हैं | अतः सरकार चाहे भाजपा की रहे, चाहे कांग्रेस की, सत्ता सूत्र सदैव उनके हाथों में ही रहते हैं | अतः भाजपा नेतृत्व सदैव आशंकित व सशंकित तो रहता है, किन्तु उन्हें यथोचित सम्मान भी देता है | संभव है राजे जी ने पहले ही नेतृत्व को बता दिया हो कि वे प्रदर्शन में नहीं आयेंगी, किन्तु उनके नाम की घोषणा महज इसलिए की गई, ताकि सांसद के.पी. सिंह यादव शिवपुरी न आने पायें |

कांग्रेस के सामान्य कार्यकर्ता भी यह बात बड़े फक्र से बोलते हैं कि के.पी.सिंह जीत भले गए हों, सांसद भले ही बन गए हों, वे शिवपुरी में एक बल्ब भी नहीं लगवा सकते | उनका कहना गलत भी नहीं है, जब बेचारे सांसद महोदय का भाजपा द्वारा ही शिवपुरी आना तक प्रतिबंधित कर दिया गया हो, तब उनकी स्थिति की सहज कल्पना की जा सकती है |

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें