१९४६ को भूलेंगे तो २०१९ से कैसे निबटेंगे - संजय तिवारी

SHARE:

यह इतिहास से सबक लेने का समय है। ज्यादा दिन नही बीते हैं। केवल 72 वर्ष बीते हैं। लेकिन हालात वहीं पहुच गए जहां 1946 में सरदार पटेल ने...



यह इतिहास से सबक लेने का समय है। ज्यादा दिन नही बीते हैं। केवल 72 वर्ष बीते हैं। लेकिन हालात वहीं पहुच गए जहां 1946 में सरदार पटेल ने इसे ठीक किया था। केवल एक बीज गलती से बच गया था। गलती के पीछे केवल मानवीयता थी वर्ना यह नौबत नही आती। भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और निर्धारण के खुद के फैसले के खिलाफ देश मे ऐसी मुखालफत नही देखनी पड़ती। पूर्वोत्तर से लेकर दिल्ली तक की आग बता रही है कि भारत की वास्तविक स्वाधीनता की लड़ाई अब शुरू हुई है। भारत के विरोध में खड़ी अभारतीय जमात को डॉ भीमराव अंबेडकर का वह व्याख्यान याद दिलाने की जरूरत है जिसमे भारत के विभाजन के प्रश्न पर उन्होंने कहा था कि यदि विभाजन हो तो पूरी जमात को उस देश मे भेजना होगा , नही तो यदि थोड़े भी रह जाएंगे तो भारत के लिए बहुत बड़े खतरे के रूप में उभरेंगे।

डॉ आंबेडकर की आशंका झूठी या कोरी कल्पना तो नही थी। जिन्हें उनकी इस आशंका पर शक हो वे डॉ आंबेडकर की वह पुस्तक पढ़ लें जो विभाजन को केंद्र में रखकर लिखी गयी है।

अब बात करते हैं उन हालात की जो 1946 में थे और आज बनाये जा रहे हैं। सरदार पटेल उस समय हैदराबाद के विलय की तैयारी में थे। उससे पहले ही 1927 में हैदराबाद के निजाम के समर्थन में एक राजनीतिक पार्टी बनाई गई थी जिसका नाम mim था। इस पार्टी को लखनऊ के एक सनातन भारत विरोधी सज्जन ने बनाया था जिनका नाम था कासिम राजवी। जब 1946 में सरदार पटेल सक्रिय हुए तो कासिम राजवी ही mim के अध्यक्ष थे। ये अपने सदस्यों को रजाकार कहते थे । 1946 में इसी कासिम राजवी के डेढ़ से दो लाख रजाकारों ने हैदराबाद विलय के विरोध में खूब उत्पात मचाया। हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार समेत उन पर बीभत्स किस्म के अत्याचार किये गए। mim की यह बर्बर सेना हिंदुओ को काट कर उनकी स्त्रियों और संपत्तियों पर कब्जे कर रही थी। बहुत अत्याचार हो रहे थे और बर्बरता की सारी हदें पार हो चुकी थीं। सरदार पटेल से जब यह बर्बरता नही देखी गयी तो उन्होंने आपरेशन पोलो की योजना बनाई । आपरेशन पोलो बेहद सफल रहा और हैदराबाद का विलय हो गया। चर्चित बीबीपुर मामले में कासिम राजवी पर मुकदमा चला और अदालत ने कासिम राजवी को भारत छोड़ देने का आदेश दे दिया।

कासिम राजवी भारत छोड़ने से पहले कुछ कांग्रेसियों के सहयोग से जेल से बाहर आते ही पहले हैदराबाद गया। वहां पहुच कर उसने अपने रजाकारों को एकत्र किया। 1957 में आये इस फैसले में कासिम को केवल 48 घंटे का समय भारत से बाहर जाने के लिए दिया गया था, लेकिन उसने ठीक ठाक समय लेकर आराम से पहले अपनी पार्टी को असदुद्दीन ओबैसी के दादा अब्दुल वाहिद ओबैसी को सौप दिया और उनको रजाकारों का मुखिया बना दिया। यद्यपि रजाकारों पर अदालत ने प्रतिबंध लगा दिया था फिर भी रजाकारों का संगठन ओबैसी के दादा चलाते रहे। बाद में यही संगठन AIMIM के नाम से आगे बढ़ गया जिसके वर्तमान मुखिया असदुद्दीन ओबैसी हैं।

आज आपको जानकर आश्चर्य भी होगा कि हैदराबाद की इस मुस्लिम पार्टी की जिला इकाइयां उत्तरप्रदेश , बिहार, बंगाल जैसे राज्यो में खूब सक्रिय हैं।

नागरिकता कानून के खिलाफ जो दृश्य आज पूरे भारत मे उपस्थित किया जा रहा है उसको गहराई से समझने की आवश्यकता है। यह महज कोई दंगा या फसाद नही है। यह सीधे सनातनता को चुनौती है। आखिर यह विरोध हो ही क्यो रहा है जबकि किसी समुदाय की नागरिकता न वापस ली गयी है और नही उनकी किसी ऐसी सुविधाओ में कोई कटौती की गई है। जिस तरह देश की संपत्तियों को नुकसान पहुचाया जा रहा है और छात्रों को भड़काया जा रहा है, इसके पीछे आखिर कौन लोग हैं। मुझे आभास हो रहा है कि देश ऐसे लोगो, ताकतों को भली प्रकार से समझ भी गया है , और उनको जवाब देने के लिए भी तैयार है। आखिर भारत के भीतर ये कौन सी जमात है जिसको भारत के हित का हर कदम खराब लगता है। कश्मीर से धारा 35 A और 370 के खात्मे से इनको परेशानी है। ट्रिपल तलाक खत्म होने से इन्हें दिक्कत है जबकि ट्रिपल तलाक मजहबी रूप में भी कही मान्य नही है। इन्हें पायल रोहतगी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से खतरा है । इन्हें भारत के तीर्थ अयोध्या में श्रीराम के मंदिर से आपत्ति है। दुनिया के 58 इस्लामिक राष्ट्रों में कही इनको सेक्युलवाद नही चाहिए लेकिन सनातन की एक मात्र भारत मे सेक्युलरवाद के नाम पर ये जब चाहें नंगा नाच करने को स्वतंत्र हैं। वही पड़ोसी देश चीन के खिलाफ जबान तक नही खुलती।

आज इतिहास से सीखने की आवश्यकता है। यह सनातन के अस्तित्व का प्रश्न है जिसे नरेंद्र दामोदरदास मोदी और उनकी टीम लड़ रही है। इस लड़ाई में हर सनातनधर्मी को जी जान से जुटना होगा। लंबी लड़ाई है लेकिन अंतहीन नही। अब से पांच हजार वर्ष पूर्व भी सनातन परंपरा में यह युद्ध लड़ा जा चुका है। फिर वही धर्मयुद्ध छिड़ने जैसे हालात है। अटक से कटक तक का विस्तृत सनातन सिमटते सिमटते संकुचन के सूक्ष्म आकर में राह गयी है। आर्यावर्त से सिर्फ भारत और इंडिया तक। आखिर धरती पर इस संस्कृतिको रहने का अधिकार नही है क्या।

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,24,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,10,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,89,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1125,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,889,शिवपुरी समाचार,309,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : १९४६ को भूलेंगे तो २०१९ से कैसे निबटेंगे - संजय तिवारी
१९४६ को भूलेंगे तो २०१९ से कैसे निबटेंगे - संजय तिवारी
https://1.bp.blogspot.com/-wJ5pd7Ghfiw/XfeAMnIrYKI/AAAAAAAAI_U/zz9Qz7Qzi80Djoi70xYRCgvXeg6j_mTYwCLcBGAsYHQ/s1600/1.jpg
https://1.bp.blogspot.com/-wJ5pd7Ghfiw/XfeAMnIrYKI/AAAAAAAAI_U/zz9Qz7Qzi80Djoi70xYRCgvXeg6j_mTYwCLcBGAsYHQ/s72-c/1.jpg
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2019/12/If-we-forget-1946-how-to-handle-2019.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2019/12/If-we-forget-1946-how-to-handle-2019.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy